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#मौजूदगी #शायरी #तेरी #में

#तेरी #मौजूदगी #में हर ग़म भी लगने लगता है हल्का #Shayari

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कुछ तो है खास कभी न मिला, न बातें हुईं, फिर भी कुछ तो है, जो तुम्हारी ओर खींच लाता है, शब्दों से पहले, आँखों में कुछ छिपा हुआ सा है। मैंने खुद से ज्यादा तुमसे बात की, दिल के किसी कोने में, तुम्हारा नाम पहले से लिखा हुआ था शायद, वो हंसी, वो खामोशी, क्या है जो इतना अपना सा लगता है? तुम हो, और कुछ है, जो मुझे तुम्हारे करीब लाता है, शायद ये कोई अधूरी कहानी है, जो लिखी नहीं गई, पर एहसासों में महसूस हो रही है। कुछ तो है खास, जो अनजाने में ही पहचान बन गया है, शब्दों से परे, बस तुम हो और वो कनेक्शन, जो अब हमेशा साथ रहेगा। ©the_poetic_soul.09

 कुछ तो है खास
कभी न मिला, न बातें हुईं,
फिर भी कुछ तो है,
जो तुम्हारी ओर खींच लाता है,
शब्दों से पहले,
आँखों में कुछ छिपा हुआ सा है।

मैंने खुद से ज्यादा तुमसे बात की,
दिल के किसी कोने में,
तुम्हारा नाम पहले से लिखा हुआ था शायद,
वो हंसी, वो खामोशी,
क्या है जो इतना अपना सा लगता है?

तुम हो, और कुछ है,
जो मुझे तुम्हारे करीब लाता है,
शायद ये कोई अधूरी कहानी है,
जो लिखी नहीं गई,
पर एहसासों में महसूस हो रही है।

कुछ तो है खास,
जो अनजाने में ही पहचान बन गया है,
शब्दों से परे,
बस तुम हो और वो कनेक्शन,
जो अब हमेशा साथ रहेगा।

©the_poetic_soul.09

कुछ तो है खास

15 Love

कोई तो है जो सुन लेता है, सीप से मोती चुन लेता है, बेशक वो इन्कार न करता, मन ही मन में गुन लेता है, अपनी ही शर्तों पर चलकर, ख़ुद कपास को धुन लेता है, जीत गया जीवन की बाजी, खेत में भुट्टा भुन लेता है, भाग्य भरोसे नहीं बैठकर, फटी चादरें बुन लेता है, कठिनाई में बनकर रहबर, देकर दुआ सगुन लेता है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कोई  कोई तो है जो सुन लेता है,
सीप से मोती  चुन लेता है,

बेशक वो इन्कार न करता,
मन ही मन में  गुन लेता है,

अपनी ही शर्तों पर चलकर,
ख़ुद कपास को धुन लेता है,

जीत गया जीवन की बाजी,
खेत में  भुट्टा  भुन  लेता है,

भाग्य  भरोसे नहीं बैठकर,
फटी  चादरें   बुन  लेता है,

कठिनाई में बनकर रहबर,
देकर दुआ  सगुन  लेता है,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#कोई तो है जो#

11 Love

White किसी का दिल दुखाकर ,सजदे पूरे नहीं होते। किसी को तोड़कर ,खुद भी मुक्कमल नहीं होते। किसी की आंसू, खुद की खुशी का शबाब नहीं होते। माफिया मिल जाती ही गुनाहों की दिल दुखाने के ज़ख्म जिंदगी भर पूरे नहीं होते। ©mehar

#दिल #SAD  White किसी का दिल दुखाकर ,सजदे पूरे नहीं होते।
किसी को तोड़कर ,खुद भी मुक्कमल नहीं होते।
किसी की आंसू, खुद की खुशी का शबाब नहीं होते।
माफिया मिल जाती ही गुनाहों की
दिल दुखाने के ज़ख्म जिंदगी भर पूरे नहीं होते।

©mehar

#दिल तो दुखा है

18 Love

#मौजूदगी #शायरी #तेरी #में

#तेरी #मौजूदगी #में हर ग़म भी लगने लगता है हल्का #Shayari

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कुछ तो है खास कभी न मिला, न बातें हुईं, फिर भी कुछ तो है, जो तुम्हारी ओर खींच लाता है, शब्दों से पहले, आँखों में कुछ छिपा हुआ सा है। मैंने खुद से ज्यादा तुमसे बात की, दिल के किसी कोने में, तुम्हारा नाम पहले से लिखा हुआ था शायद, वो हंसी, वो खामोशी, क्या है जो इतना अपना सा लगता है? तुम हो, और कुछ है, जो मुझे तुम्हारे करीब लाता है, शायद ये कोई अधूरी कहानी है, जो लिखी नहीं गई, पर एहसासों में महसूस हो रही है। कुछ तो है खास, जो अनजाने में ही पहचान बन गया है, शब्दों से परे, बस तुम हो और वो कनेक्शन, जो अब हमेशा साथ रहेगा। ©the_poetic_soul.09

 कुछ तो है खास
कभी न मिला, न बातें हुईं,
फिर भी कुछ तो है,
जो तुम्हारी ओर खींच लाता है,
शब्दों से पहले,
आँखों में कुछ छिपा हुआ सा है।

मैंने खुद से ज्यादा तुमसे बात की,
दिल के किसी कोने में,
तुम्हारा नाम पहले से लिखा हुआ था शायद,
वो हंसी, वो खामोशी,
क्या है जो इतना अपना सा लगता है?

तुम हो, और कुछ है,
जो मुझे तुम्हारे करीब लाता है,
शायद ये कोई अधूरी कहानी है,
जो लिखी नहीं गई,
पर एहसासों में महसूस हो रही है।

कुछ तो है खास,
जो अनजाने में ही पहचान बन गया है,
शब्दों से परे,
बस तुम हो और वो कनेक्शन,
जो अब हमेशा साथ रहेगा।

©the_poetic_soul.09

कुछ तो है खास

15 Love

कोई तो है जो सुन लेता है, सीप से मोती चुन लेता है, बेशक वो इन्कार न करता, मन ही मन में गुन लेता है, अपनी ही शर्तों पर चलकर, ख़ुद कपास को धुन लेता है, जीत गया जीवन की बाजी, खेत में भुट्टा भुन लेता है, भाग्य भरोसे नहीं बैठकर, फटी चादरें बुन लेता है, कठिनाई में बनकर रहबर, देकर दुआ सगुन लेता है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #कोई  कोई तो है जो सुन लेता है,
सीप से मोती  चुन लेता है,

बेशक वो इन्कार न करता,
मन ही मन में  गुन लेता है,

अपनी ही शर्तों पर चलकर,
ख़ुद कपास को धुन लेता है,

जीत गया जीवन की बाजी,
खेत में  भुट्टा  भुन  लेता है,

भाग्य  भरोसे नहीं बैठकर,
फटी  चादरें   बुन  लेता है,

कठिनाई में बनकर रहबर,
देकर दुआ  सगुन  लेता है,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra

#कोई तो है जो#

11 Love

White किसी का दिल दुखाकर ,सजदे पूरे नहीं होते। किसी को तोड़कर ,खुद भी मुक्कमल नहीं होते। किसी की आंसू, खुद की खुशी का शबाब नहीं होते। माफिया मिल जाती ही गुनाहों की दिल दुखाने के ज़ख्म जिंदगी भर पूरे नहीं होते। ©mehar

#दिल #SAD  White किसी का दिल दुखाकर ,सजदे पूरे नहीं होते।
किसी को तोड़कर ,खुद भी मुक्कमल नहीं होते।
किसी की आंसू, खुद की खुशी का शबाब नहीं होते।
माफिया मिल जाती ही गुनाहों की
दिल दुखाने के ज़ख्म जिंदगी भर पूरे नहीं होते।

©mehar

#दिल तो दुखा है

18 Love

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