White जिस बात से डरते थे , वोही बात हो गयी
आज सबके सामने तेरी मेरी मुलाक़ात हो गयी
तू आयी ना लौट कर फिर से मेरी बाहों में
देख आज फ़िर तेरे इंतज़ार में चाँद की रात हो गयी
हम समझते थे मोहब्बत को जज़्बातों का मेल
आज कल नाम पूछने के लिए भी इंसान की जात हो गयी
पाना चाहूँ पा सकता हूँ किसी भी हसीना को अपनी ज़िन्दगी में
अब मेरे हुनर से मेरी इतनी औकात हो गयी
तुमको पसंद हैं बारिश , और मुझे बारिश में तुम
तेरी यादों में मेरे दिल पर सावन की बरसात हो गयी
रोशन हुआ तेरा घर किसी अजनबी की तलाश में
उजाड़ गया मेरा घर जैसे पत्ते गिरे पलाश में
तू सज़ी है आज तारों में करके उम्र भर का वादा
लगी रही ऐसे जैसे किसी सुहागन की बारात हो गयी
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©Sethi Ji
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