// कुष्मांडा माँ //
नवरात्रि के चौथे दिन ,
हुआ माँ कुष्मांडा का आगमन।
करे जो विधिवत पूजन -अर्चन,
हर मुश्किल मैया करती हरण।।
सुंदर साड़ी तन पर सजती।
खुश हो जाती गुलाब, कमल पुष्पों से मैया।
भाव से भोग धरो खीर मालपुआ,
मनोरथ पूर्ण करती मेरी मैया।।
अष्ट सिद्धि नव निधि की दाता।
अष्टभुजा धारिणी मैया।
सिंह सवारी चढ़कर आई।
देती नाम, यश, आरोग्य मैया।।
सब की बिगड़ी बनाने वाली।
आए जो दर पर ,जाए न खाली।
हम भी आए द्वार तेरे मैया।
शीश हाथ कृपा का, धर दे भैया।।
©बेजुबान शायर shivkumar
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