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#शायरी

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

72 View

#विचार

स्वर्ग में जाने के लिए स्वर्ग वाला जीवन यहां विचरण करते रहना चाहिए

99 View

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

#विचार  White मैं फिर अपने परिवार के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया हू आने मे देर हुईं पर आ गय नोटोजो मे तहे दिल से स्वागत करता हूं आप सब मूझपे फिर से ओही प्यार बरसाईये जो पुराने आईडी पर मुझे प्यार मीला था मेरी माँ के गुजर जाने से मे बहुत डिप्रेशन में चला गया था जो अब मे आप सब का भाई या बेटा या दोस्त जो भी समझीये में  मे सेवा के लिए तैयार हु गाना हो या शायरी  कबिता जो मनकरे मै आप सबको देने या लिख कर शेयर कर दुगा

©RAMLALIT NIRALA

आप सब का प्यार ही चाहिए मनोबल बढ़ाने के लिए कामैट करना न भुले

144 View

White सहयोग करने के लिए तो 10 पैसे क1फी है 10 paisa is enough to cooperate सिस्टम फ1ड़ने के लिए 1 rupees होना ही चाहिए.... ©neelu

#सिस्टम_मे_सुधार_नही_हो_सकता #फड़फड़ाए #चाहिए #होना #good_night  White सहयोग करने के लिए तो 10 पैसे क1फी है
10 paisa is enough to cooperate 
सिस्टम फ1ड़ने के लिए  1 rupees 
होना ही चाहिए....

©neelu

White पहले सिर्फ यह पीछे देखने के बारे में होता था कि पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए भूत पीछे पड़ जाते हैं आज के लिए दाएं बाएं का भी हो गया .....इस्लिए.... ©neelu

#मुड़कर #देखना #सिर्फ #पीछे #बारे #पहले  White पहले सिर्फ यह पीछे देखने  के बारे में होता था 
कि पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए
 भूत पीछे पड़ जाते हैं 
आज के लिए दाएं बाएं का भी हो गया 
.....इस्लिए....

©neelu

#sad_quotes #पहले #सिर्फ यह #पीछे देखने के #बारे में होता था कि #पीछे #मुड़कर नहीं #देखना चाहिए भूत #पीछे #पड़ जाते हैं आज के लिए दाएं ब

18 Love

#शायरी

बुआ के लिए शायरी 2025 नया साल बुआ के लिए शायरी

72 View

#विचार

स्वर्ग में जाने के लिए स्वर्ग वाला जीवन यहां विचरण करते रहना चाहिए

99 View

सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa  सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

19 Love

#विचार  White मैं फिर अपने परिवार के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया हू आने मे देर हुईं पर आ गय नोटोजो मे तहे दिल से स्वागत करता हूं आप सब मूझपे फिर से ओही प्यार बरसाईये जो पुराने आईडी पर मुझे प्यार मीला था मेरी माँ के गुजर जाने से मे बहुत डिप्रेशन में चला गया था जो अब मे आप सब का भाई या बेटा या दोस्त जो भी समझीये में  मे सेवा के लिए तैयार हु गाना हो या शायरी  कबिता जो मनकरे मै आप सबको देने या लिख कर शेयर कर दुगा

©RAMLALIT NIRALA

आप सब का प्यार ही चाहिए मनोबल बढ़ाने के लिए कामैट करना न भुले

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White सहयोग करने के लिए तो 10 पैसे क1फी है 10 paisa is enough to cooperate सिस्टम फ1ड़ने के लिए 1 rupees होना ही चाहिए.... ©neelu

#सिस्टम_मे_सुधार_नही_हो_सकता #फड़फड़ाए #चाहिए #होना #good_night  White सहयोग करने के लिए तो 10 पैसे क1फी है
10 paisa is enough to cooperate 
सिस्टम फ1ड़ने के लिए  1 rupees 
होना ही चाहिए....

©neelu

White पहले सिर्फ यह पीछे देखने के बारे में होता था कि पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए भूत पीछे पड़ जाते हैं आज के लिए दाएं बाएं का भी हो गया .....इस्लिए.... ©neelu

#मुड़कर #देखना #सिर्फ #पीछे #बारे #पहले  White पहले सिर्फ यह पीछे देखने  के बारे में होता था 
कि पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए
 भूत पीछे पड़ जाते हैं 
आज के लिए दाएं बाएं का भी हो गया 
.....इस्लिए....

©neelu

#sad_quotes #पहले #सिर्फ यह #पीछे देखने के #बारे में होता था कि #पीछे #मुड़कर नहीं #देखना चाहिए भूत #पीछे #पड़ जाते हैं आज के लिए दाएं ब

18 Love

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