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New क्लाइव का दोबारा भारत आगमन Status, Photo, Video

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White था जैसे किसी बंद कोठरी सा मेरा हृदय!.. बहुत धीमे धीमे कदमों की आहट से तुमने दस्तक दी इसकी चौखट पर!.. बड़े दुलार भरे हाथों से तुमने खोले इसके जो पट, और अपनी मुस्कुराहटों की खुशबू बिखेर दी जैसे चन्दन!.. उस दिन मैंने पहली बार जाना था, कि ,.. मेरे मन के आंगन में प्रेम का बसन्त आया है। ❤️ "सीमा से परे" ©Anil Raw Guru

 White था जैसे किसी बंद कोठरी 
सा मेरा हृदय!..
बहुत धीमे धीमे कदमों की आहट से
तुमने दस्तक दी 
इसकी चौखट पर!..
बड़े दुलार भरे हाथों से 
तुमने खोले इसके जो पट, और 
अपनी मुस्कुराहटों की खुशबू 
बिखेर दी जैसे चन्दन!..
उस दिन मैंने पहली बार जाना था,
कि ,..
मेरे मन के आंगन में 
प्रेम का बसन्त आया है।
❤️

"सीमा से परे"

©Anil Raw Guru

तुम्हारा आगमन

14 Love

White मेरे देश में हैं भेष कई सभी के मन में हैं द्वेष कई, मेहनत करता यहां किसान है, अपनों से बिछड़ता हर इंसान है, स्मार्ट होने का यह युग है, लोग कहते हैं यही तो कलियुग है, धर्म का यहां शोर है, भर्म का न कोई तोड़ है, खैर समझाने के हम हकदार नहीं, अपनों से यहां कइयों को प्यार नहीं, खुले बाजार में बिकती यहां जवानी भी है, देश के लिए कुर्बान होती कहानी भी है समेटने को यहां यादें भी है, भूल जाने वाले वादे भी है। फिर भी देश यह हसीन है। ©Ajay Garg

#किसान_का_सम्मान_करो #मेरादेश #भारत🇮🇳 #quit_india_movement #विचार #भारत  White मेरे देश में हैं भेष कई
सभी के मन में हैं द्वेष कई,
मेहनत करता यहां किसान है,
अपनों से बिछड़ता हर इंसान है,
स्मार्ट होने का यह युग है,
लोग कहते हैं यही तो कलियुग है,
धर्म का यहां शोर है,
भर्म का न कोई तोड़ है,
खैर समझाने के हम हकदार नहीं,
अपनों से यहां कइयों को प्यार नहीं,
खुले बाजार में बिकती यहां जवानी भी है,
देश के लिए कुर्बान होती कहानी भी है
समेटने को यहां यादें भी है,
भूल जाने वाले वादे भी है।
फिर भी देश यह हसीन है।

©Ajay Garg
#वीडियो

भारत नेपाल बॉर्डर पर बाबा जय गुरुदेव का हुआ सत्संग

90 View

#शायरी

उसको भी दोबारा मोहब्बत करते देखा हूं

99 View

#वीडियो

भारत बंद के समर्थन में भीम आर्मी, का जुलूस, धरना-प्रदर्शन

99 View

भारतवर्ष के आध्यात्मिक मूल्यों, “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे दिव्य भावों, ज्ञान-आलोक,विद्या तथा योग-आयुर्वेद के प्रति सम्पूर्ण विश्व में आकर्षण और स्वीकार्यता बढ़ी है। सम्पूर्ण विश्व में अपना भारत सर्वसमर्थ और सशक्त देश बनकर उभरा है। सभी दिशाओं और क्षेत्रों में हमारे देश की प्रगति सभी को दृष्टिगोचर हो रही है। आओ ! एकजुट होकर अपने देश को अजेय, समरस, सुसम्पन्न, सुसंस्कृत और आत्मनिर्भर भारत बनाएँ । ७८वें "स्वतंत्रता दिवस" की अनेक शुभकामनाए। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#कविता  भारतवर्ष के आध्यात्मिक मूल्यों, “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे दिव्य भावों, ज्ञान-आलोक,विद्या तथा योग-आयुर्वेद के प्रति सम्पूर्ण विश्व में आकर्षण और स्वीकार्यता बढ़ी है। 
सम्पूर्ण विश्व में अपना भारत सर्वसमर्थ और सशक्त देश बनकर उभरा है। 
सभी दिशाओं और क्षेत्रों में हमारे देश की प्रगति सभी को दृष्टिगोचर हो रही है। 
आओ ! एकजुट होकर अपने  देश को अजेय, समरस, सुसम्पन्न, सुसंस्कृत और आत्मनिर्भर भारत बनाएँ । 

७८वें "स्वतंत्रता दिवस" की अनेक शुभकामनाए।

©मनोज कुमार झा "मनु"

जय भारत

13 Love

White था जैसे किसी बंद कोठरी सा मेरा हृदय!.. बहुत धीमे धीमे कदमों की आहट से तुमने दस्तक दी इसकी चौखट पर!.. बड़े दुलार भरे हाथों से तुमने खोले इसके जो पट, और अपनी मुस्कुराहटों की खुशबू बिखेर दी जैसे चन्दन!.. उस दिन मैंने पहली बार जाना था, कि ,.. मेरे मन के आंगन में प्रेम का बसन्त आया है। ❤️ "सीमा से परे" ©Anil Raw Guru

 White था जैसे किसी बंद कोठरी 
सा मेरा हृदय!..
बहुत धीमे धीमे कदमों की आहट से
तुमने दस्तक दी 
इसकी चौखट पर!..
बड़े दुलार भरे हाथों से 
तुमने खोले इसके जो पट, और 
अपनी मुस्कुराहटों की खुशबू 
बिखेर दी जैसे चन्दन!..
उस दिन मैंने पहली बार जाना था,
कि ,..
मेरे मन के आंगन में 
प्रेम का बसन्त आया है।
❤️

"सीमा से परे"

©Anil Raw Guru

तुम्हारा आगमन

14 Love

White मेरे देश में हैं भेष कई सभी के मन में हैं द्वेष कई, मेहनत करता यहां किसान है, अपनों से बिछड़ता हर इंसान है, स्मार्ट होने का यह युग है, लोग कहते हैं यही तो कलियुग है, धर्म का यहां शोर है, भर्म का न कोई तोड़ है, खैर समझाने के हम हकदार नहीं, अपनों से यहां कइयों को प्यार नहीं, खुले बाजार में बिकती यहां जवानी भी है, देश के लिए कुर्बान होती कहानी भी है समेटने को यहां यादें भी है, भूल जाने वाले वादे भी है। फिर भी देश यह हसीन है। ©Ajay Garg

#किसान_का_सम्मान_करो #मेरादेश #भारत🇮🇳 #quit_india_movement #विचार #भारत  White मेरे देश में हैं भेष कई
सभी के मन में हैं द्वेष कई,
मेहनत करता यहां किसान है,
अपनों से बिछड़ता हर इंसान है,
स्मार्ट होने का यह युग है,
लोग कहते हैं यही तो कलियुग है,
धर्म का यहां शोर है,
भर्म का न कोई तोड़ है,
खैर समझाने के हम हकदार नहीं,
अपनों से यहां कइयों को प्यार नहीं,
खुले बाजार में बिकती यहां जवानी भी है,
देश के लिए कुर्बान होती कहानी भी है
समेटने को यहां यादें भी है,
भूल जाने वाले वादे भी है।
फिर भी देश यह हसीन है।

©Ajay Garg
#वीडियो

भारत नेपाल बॉर्डर पर बाबा जय गुरुदेव का हुआ सत्संग

90 View

#शायरी

उसको भी दोबारा मोहब्बत करते देखा हूं

99 View

#वीडियो

भारत बंद के समर्थन में भीम आर्मी, का जुलूस, धरना-प्रदर्शन

99 View

भारतवर्ष के आध्यात्मिक मूल्यों, “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे दिव्य भावों, ज्ञान-आलोक,विद्या तथा योग-आयुर्वेद के प्रति सम्पूर्ण विश्व में आकर्षण और स्वीकार्यता बढ़ी है। सम्पूर्ण विश्व में अपना भारत सर्वसमर्थ और सशक्त देश बनकर उभरा है। सभी दिशाओं और क्षेत्रों में हमारे देश की प्रगति सभी को दृष्टिगोचर हो रही है। आओ ! एकजुट होकर अपने देश को अजेय, समरस, सुसम्पन्न, सुसंस्कृत और आत्मनिर्भर भारत बनाएँ । ७८वें "स्वतंत्रता दिवस" की अनेक शुभकामनाए। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#कविता  भारतवर्ष के आध्यात्मिक मूल्यों, “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे दिव्य भावों, ज्ञान-आलोक,विद्या तथा योग-आयुर्वेद के प्रति सम्पूर्ण विश्व में आकर्षण और स्वीकार्यता बढ़ी है। 
सम्पूर्ण विश्व में अपना भारत सर्वसमर्थ और सशक्त देश बनकर उभरा है। 
सभी दिशाओं और क्षेत्रों में हमारे देश की प्रगति सभी को दृष्टिगोचर हो रही है। 
आओ ! एकजुट होकर अपने  देश को अजेय, समरस, सुसम्पन्न, सुसंस्कृत और आत्मनिर्भर भारत बनाएँ । 

७८वें "स्वतंत्रता दिवस" की अनेक शुभकामनाए।

©मनोज कुमार झा "मनु"

जय भारत

13 Love

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