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New maa poetry in hindi Status, Photo, Video

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सृजन किया जिसने जिवन का, फिर भी अपमान सहती है। पीड़ा अनंत सहकर भी वो, कोख में तुमको रखती है। अपनी चिंता छोड़कर देखो, वो माँ का रूप लेती है, फर्क नहीं संतान में कोई, बस ममता अपार देती है। वंश बेल जो है कुल की, तुम उसको काट गिराते हो। बेटे की चाहत में आकर, तुम बेटी की बलि चढाते हो। फिर क्यों? तुम नवरात्र मनाते हो। ©Ritika Vijay Shrivastava

#jaimatadi #Durgapuja #navratri #DurgaMaa  सृजन किया जिसने जिवन का,
फिर भी अपमान सहती है।
पीड़ा अनंत सहकर भी वो, 
कोख में तुमको रखती है।
अपनी चिंता छोड़कर देखो, 
वो माँ का रूप लेती है,
फर्क नहीं संतान में कोई, 
बस ममता अपार देती है।
वंश बेल जो है कुल की,
तुम उसको काट गिराते हो।
बेटे की चाहत में आकर, 
तुम बेटी की बलि चढाते हो।
फिर क्यों? तुम नवरात्र मनाते हो।

©Ritika Vijay Shrivastava

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13 Love

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love poetry in hindi poetry in hindi

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#Teachersday  कच्चे माटी से मन को जिसने,
एक सकल साॅंचे में ढाला है।
चंचल बालक के मन को तुम्हीं ने,
अज्ञान स्याह से निकाला है।
जीवन में हमारे नि:संदेह यही तो,
एक उम्मीद का दीप जलाते है।
यक़ीनन,..ये शिक्षक कहां भुलाए जाते है?

©Ritika Vijay Shrivastava

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तुम उसको काट गिराते हो।
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तुम बेटी की बलि चढाते हो।
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जीवन में हमारे नि:संदेह यही तो,
एक उम्मीद का दीप जलाते है।
यक़ीनन,..ये शिक्षक कहां भुलाए जाते है?

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