मुझे पता नहीं, क्या होता है यें इश्क़, मुहब्बत
हरपल ताक में रहता हूँ, बस उसकी जरूरत है..!
बहुत अरसा गुज़र गया, उसके बगैर मेरा अब
उसे ख़बर करों देख जाये, अब अंतिम वक़्त है..!
मेरी सासों सा रिश्ता है उसका, उसे नहीं पता
कहो लौट आये अब, वो धड़कनो की जरुरत है..!
दिलों क़े रिश्ते कभी दूरियों क़े मुहताज़ नहीं है
कह दो अपनी आवाज़ सुना दें, यें अंतिम वक़्त है..!
उसे मुझे छूना नहीं है, महसूस होती है रूह में
वो इक़पल दूर नहीं है,वो यही साथ में इस वक़्त है.!
उसे देखते रहना ही मेरा सुकून है,उसे नहीं पता
मुझे खरीद ले बेमोल बिकूँगा,अब वो मेरी जरुरत है..!
मैं नहीं कहता चाँद तारे तोड़ लाऊंगा उसके लिये
उसके साथ रहूंगा हरपलमैं, सच में मेरी मुहब्बत है..!!
©Shreyansh Gaurav
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