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New moumita chakraborty Status, Photo, Video

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White हजारों सपनो की कतार मैं, सपनों की लेकर पतवार वो बह जाना चाहती थीं, बेटी बनकर आईं थीं, पिजरे से आज़ाद हों उड़ जाना चाहती थी...!! .................. पड़ लिख कर , अपनी सपनों की दुनियां मैं वो नादान सी लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी school किया college कर ug pg करके वो अपनी पहचान बनाना चाहती थी .................. पड़ भी गईं वो लिख भी गईं, अपने इरादों की वो पक्की थीं, फिर हर रोज़ अपने सफ़र की उड़ान भरने को हॉस्पिटल मैं दिन मैं ड्यूटी रात मैं ड्यूटी करती थी... .................. कहा सोचा था उस नादान ने ,की लग जायेगी उसे हैवानियत की नज़र, कुछ जिस्म के भुखे लोग रख रहें थे उस पर नज़र लोगों की ज़िन्दगी बचाने, के लिए जो खुद अपने दिन रात से लड़ रही थी... .................. जिस्म का भूखा ये इंसान इस हद तक दरिंदगी फेलाएगा, शरीर, का कतरा कतरा तो क्या आंख भी नोच कर खाएगा हवस ने इंसान की, बेटियां की ज़िन्दगी को , बस अपनी भूख मिटाने का जरिया बना डाला हैं.... ..................... अपनी मौत का इंतज़ार कर रही थी वो बेटी इंसान तो जिंदा हैं ... और हैवानियत जिस्म की भी भूख की इस क़दर बड़ चुकी है की इंसान ने इंसानियत को ही मार डाला हैं... ..….............. ©blogwriternisha

#SAD  White     हजारों सपनो की  कतार मैं,  
सपनों की लेकर पतवार वो बह जाना चाहती थीं,
 बेटी बनकर आईं थीं, पिजरे से आज़ाद हों उड़ जाना चाहती थी...!!
..................
पड़ लिख कर   , अपनी सपनों की दुनियां मैं वो   नादान सी लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी  school किया college कर ug pg करके वो अपनी पहचान  बनाना  चाहती थी 
..................
 पड़ भी गईं वो लिख भी गईं,   अपने इरादों की वो पक्की थीं,          फिर हर रोज़ अपने सफ़र की उड़ान भरने को हॉस्पिटल मैं दिन मैं ड्यूटी रात मैं ड्यूटी करती थी...
..................
कहा सोचा था उस नादान ने ,की लग जायेगी उसे हैवानियत की नज़र,  कुछ जिस्म के भुखे लोग रख रहें थे उस पर नज़र
   लोगों की ज़िन्दगी बचाने, के लिए जो खुद अपने दिन रात से लड़ रही थी...
..................
   जिस्म का भूखा ये इंसान इस हद तक दरिंदगी फेलाएगा,   शरीर, का कतरा कतरा  तो क्या आंख भी नोच कर खाएगा 
 हवस ने  इंसान की, बेटियां की ज़िन्दगी को  ,
बस  अपनी भूख मिटाने का जरिया बना डाला हैं....
.....................
    अपनी मौत का इंतज़ार कर रही थी वो बेटी   
इंसान तो जिंदा हैं ...
और हैवानियत जिस्म  की भी भूख की  इस क़दर बड़ चुकी है  की इंसान ने इंसानियत को ही मार डाला हैं...
..…..............

©blogwriternisha

justice for doctor moumita

15 Love

White जहां दिन रात सुनती थी किसी नए मेहमान के आने की किलकारियां वहां मेरी चीखे दब कर आखिर क्यूं रह गई ? मम्मा !! आप ही तो कहते थे न की हमेशा सच के लिए लड़ना तो क्या गुनाह हुआ मुझसे जो मैं जीत न सकी ? नही .. न थी मैं गलत कपड़ो में न ही देर रात निकली थी लोगो की जान बचाने की कसमें थी मेरे पर , सफेद कोर्ट ही मेरी वर्दी थी सपने पूरे कर.. आज मैं उस सपने की मंजिल पर ही थी मूंदकर भरोसा था जिस दहलीज पर मुझे वो ही क्यों मेरे खून से लाल हो चली थी मम्मा !! पापा !! हां बेहद दर्द हुआ ... आंखो से आसू भी बह चले थे लेकिन बंद होती उन आंखो ने सिर्फ उस वक्त एक ही दुआ फिर से मांगी थी इस जन्म में जो अधूरी रह गई है ख्वाइश आपकी उन्हे अगली बार पूरा करने आऊंगी बेटा नही, मैं आपकी फिर से बेटी ही कहलाऊंगी मैं आपकी बेटी ही कहलाऊंगी ©jiyaa

#कविता  White जहां दिन रात सुनती थी किसी नए मेहमान के आने की किलकारियां 
वहां मेरी चीखे दब कर आखिर क्यूं रह गई ?
मम्मा !! आप ही तो कहते थे न की हमेशा सच के लिए लड़ना 
तो क्या गुनाह हुआ मुझसे जो मैं जीत न सकी ? 
नही  .. न थी मैं गलत कपड़ो में न ही देर रात निकली थी 
लोगो की जान बचाने की कसमें थी मेरे पर , सफेद कोर्ट ही मेरी वर्दी थी 
सपने पूरे कर.. आज मैं उस सपने की मंजिल पर ही थी 
मूंदकर भरोसा था जिस दहलीज पर मुझे 
वो ही क्यों मेरे खून से लाल हो चली थी 
मम्मा !! पापा !! हां बेहद दर्द हुआ ... आंखो से आसू भी बह चले थे 
लेकिन बंद होती उन आंखो ने सिर्फ उस वक्त एक ही दुआ फिर से मांगी थी 
इस जन्म में जो अधूरी रह गई है ख्वाइश आपकी उन्हे अगली बार पूरा करने आऊंगी 
बेटा नही, मैं आपकी फिर से बेटी ही कहलाऊंगी 
मैं आपकी बेटी ही कहलाऊंगी

©jiyaa

@justice for Moumita Debnath 🙏🙏

14 Love

#Moumita #sorrow #RIP  
#RIP#Moumita 
वहशियत ने आज कर दी 
फिर से हर सीमा पार 
 फिर से एक निर्भया का 
हो रहा था बलात्कार
केवल जिस्म का ही नहीं,
 हुआ उसकी रूह का भी बलत्कार
 लुट रही थी अस्मिता, 
बचाने को न भाई था और न पिता 
भूख इतनी थी बड़ी कि, 
 स्वान -सा उसपर टूट कर, 
कर दिया हर अंग भंग 
 एक निर्भया आज फिर से 
दरिंदे को चढी बली 
 खून से लथपथ हाय!
कुचली पड़ी कुसुम कली 
 क्या कहूँ?,क्या नाम दूँ?
 दरिंदा कहूँ या नरभक्ष कहूँ?
 अपने ही घर - देश में सुरक्षित
 अब नहीं है आबरू 
 यह कोई नई बात है नहीं, 
और ना है कोई नई कथा
 'स्मृति'आज सबसे पूछती 
आखिर कब तक चलती रहेगी यह कलंक कथा?
 आखिर कब तक चलती रहेगी यह कलंक कथा?

©स्मृति.... Monika

#sorrow#RIP#Moumita sad poetry

1,827 View

woke up india ©Pinki Singh

#विचार #wewantjustice #rape_a_shame #cruelty #Moumita  woke up india

©Pinki Singh
#NirbhayaJustice #crimestory #GirlChild #Stoprape #justice #Moumita  तुम आवाज़ उठाते हो जहाँ पानी का ना अंत है,
तुम्हारी चीख सुनने को उनके दोनों कान बंद है।

तुम पीड़ित हो न? तुम कुछ मत बोलो,
कीचड़ फेंका तुम पर? तुम मुँह धोलो।

तुम जाती हो छोड़कर हमे? अब हम शोक मनाएंगे,
हर पीड़ित को इंसाफ दिलाया है, तुम्हे भी दिलाएंगे।

देरी ही तो हुई है, इंसाफ तो सबको मिला है,
मां को न्याय तब मिला, जब बेटी ने भी झेला है।

उसे सज़ा कहेंगे और तुम्हे कहानी मानकर भुलायेंगे,
देरी के लिए खेद जताकर तुम्हे "देश की बेटी" बताएंगे।

(तुम्हे लड़की होकर लड़की कहलाने से डर लगता है,
आज़ादी है आज लेकिन हमे तिरंगा फहराने से डर लगता है।)

©Deepanshu
#Real_Feelings #real_story #justice #SAD  "justice for Dr mounita debnath"

हर एक पल के साथ वो मंजर याद आता है 
कॉप जाति है रूह मेरी 
जब वो खौफनाक मंजर याद आता है
कुछ वहसी दरिंदो हैवानों की हैवानियत की खौफनाक रात याद आती है
क्या गुजरी होगी उस मासूम पर कितना वो तड़पी होगी
छटपटाई होगी चिल्लाई होगी तड़प तड़प कर रोई होंगी
खुद को बचाने की अंत तक कोसीस तो उसने की होंगी
क्या खता थी उस मासूम की 
वो तो फर्ज अपना निभा रही थी 
खुद की नीद चैन गवा कर दूसरो को सेवा में लगी थी
क्यू  दरिंदो की रूह ना कापी क्यू वहसी पन कर गए
क्यू एक मासूम कू तड़पा तड़पा के,
 मौत की नींद सुला गए
चाहिए हमे तो इंसाफ अब ,उस कोमल सी जान का
उसके हर दर्द का उसकी हर चोट का
कत्ल करो सरेआम उन वहसी दरिंदो का
😢😢😢

©Neel.

justice for Dr moumita debnath #real_story #justice #Real_Feelings

108 View

White हजारों सपनो की कतार मैं, सपनों की लेकर पतवार वो बह जाना चाहती थीं, बेटी बनकर आईं थीं, पिजरे से आज़ाद हों उड़ जाना चाहती थी...!! .................. पड़ लिख कर , अपनी सपनों की दुनियां मैं वो नादान सी लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी school किया college कर ug pg करके वो अपनी पहचान बनाना चाहती थी .................. पड़ भी गईं वो लिख भी गईं, अपने इरादों की वो पक्की थीं, फिर हर रोज़ अपने सफ़र की उड़ान भरने को हॉस्पिटल मैं दिन मैं ड्यूटी रात मैं ड्यूटी करती थी... .................. कहा सोचा था उस नादान ने ,की लग जायेगी उसे हैवानियत की नज़र, कुछ जिस्म के भुखे लोग रख रहें थे उस पर नज़र लोगों की ज़िन्दगी बचाने, के लिए जो खुद अपने दिन रात से लड़ रही थी... .................. जिस्म का भूखा ये इंसान इस हद तक दरिंदगी फेलाएगा, शरीर, का कतरा कतरा तो क्या आंख भी नोच कर खाएगा हवस ने इंसान की, बेटियां की ज़िन्दगी को , बस अपनी भूख मिटाने का जरिया बना डाला हैं.... ..................... अपनी मौत का इंतज़ार कर रही थी वो बेटी इंसान तो जिंदा हैं ... और हैवानियत जिस्म की भी भूख की इस क़दर बड़ चुकी है की इंसान ने इंसानियत को ही मार डाला हैं... ..….............. ©blogwriternisha

#SAD  White     हजारों सपनो की  कतार मैं,  
सपनों की लेकर पतवार वो बह जाना चाहती थीं,
 बेटी बनकर आईं थीं, पिजरे से आज़ाद हों उड़ जाना चाहती थी...!!
..................
पड़ लिख कर   , अपनी सपनों की दुनियां मैं वो   नादान सी लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी  school किया college कर ug pg करके वो अपनी पहचान  बनाना  चाहती थी 
..................
 पड़ भी गईं वो लिख भी गईं,   अपने इरादों की वो पक्की थीं,          फिर हर रोज़ अपने सफ़र की उड़ान भरने को हॉस्पिटल मैं दिन मैं ड्यूटी रात मैं ड्यूटी करती थी...
..................
कहा सोचा था उस नादान ने ,की लग जायेगी उसे हैवानियत की नज़र,  कुछ जिस्म के भुखे लोग रख रहें थे उस पर नज़र
   लोगों की ज़िन्दगी बचाने, के लिए जो खुद अपने दिन रात से लड़ रही थी...
..................
   जिस्म का भूखा ये इंसान इस हद तक दरिंदगी फेलाएगा,   शरीर, का कतरा कतरा  तो क्या आंख भी नोच कर खाएगा 
 हवस ने  इंसान की, बेटियां की ज़िन्दगी को  ,
बस  अपनी भूख मिटाने का जरिया बना डाला हैं....
.....................
    अपनी मौत का इंतज़ार कर रही थी वो बेटी   
इंसान तो जिंदा हैं ...
और हैवानियत जिस्म  की भी भूख की  इस क़दर बड़ चुकी है  की इंसान ने इंसानियत को ही मार डाला हैं...
..…..............

©blogwriternisha

justice for doctor moumita

15 Love

White जहां दिन रात सुनती थी किसी नए मेहमान के आने की किलकारियां वहां मेरी चीखे दब कर आखिर क्यूं रह गई ? मम्मा !! आप ही तो कहते थे न की हमेशा सच के लिए लड़ना तो क्या गुनाह हुआ मुझसे जो मैं जीत न सकी ? नही .. न थी मैं गलत कपड़ो में न ही देर रात निकली थी लोगो की जान बचाने की कसमें थी मेरे पर , सफेद कोर्ट ही मेरी वर्दी थी सपने पूरे कर.. आज मैं उस सपने की मंजिल पर ही थी मूंदकर भरोसा था जिस दहलीज पर मुझे वो ही क्यों मेरे खून से लाल हो चली थी मम्मा !! पापा !! हां बेहद दर्द हुआ ... आंखो से आसू भी बह चले थे लेकिन बंद होती उन आंखो ने सिर्फ उस वक्त एक ही दुआ फिर से मांगी थी इस जन्म में जो अधूरी रह गई है ख्वाइश आपकी उन्हे अगली बार पूरा करने आऊंगी बेटा नही, मैं आपकी फिर से बेटी ही कहलाऊंगी मैं आपकी बेटी ही कहलाऊंगी ©jiyaa

#कविता  White जहां दिन रात सुनती थी किसी नए मेहमान के आने की किलकारियां 
वहां मेरी चीखे दब कर आखिर क्यूं रह गई ?
मम्मा !! आप ही तो कहते थे न की हमेशा सच के लिए लड़ना 
तो क्या गुनाह हुआ मुझसे जो मैं जीत न सकी ? 
नही  .. न थी मैं गलत कपड़ो में न ही देर रात निकली थी 
लोगो की जान बचाने की कसमें थी मेरे पर , सफेद कोर्ट ही मेरी वर्दी थी 
सपने पूरे कर.. आज मैं उस सपने की मंजिल पर ही थी 
मूंदकर भरोसा था जिस दहलीज पर मुझे 
वो ही क्यों मेरे खून से लाल हो चली थी 
मम्मा !! पापा !! हां बेहद दर्द हुआ ... आंखो से आसू भी बह चले थे 
लेकिन बंद होती उन आंखो ने सिर्फ उस वक्त एक ही दुआ फिर से मांगी थी 
इस जन्म में जो अधूरी रह गई है ख्वाइश आपकी उन्हे अगली बार पूरा करने आऊंगी 
बेटा नही, मैं आपकी फिर से बेटी ही कहलाऊंगी 
मैं आपकी बेटी ही कहलाऊंगी

©jiyaa

@justice for Moumita Debnath 🙏🙏

14 Love

#Moumita #sorrow #RIP  
#RIP#Moumita 
वहशियत ने आज कर दी 
फिर से हर सीमा पार 
 फिर से एक निर्भया का 
हो रहा था बलात्कार
केवल जिस्म का ही नहीं,
 हुआ उसकी रूह का भी बलत्कार
 लुट रही थी अस्मिता, 
बचाने को न भाई था और न पिता 
भूख इतनी थी बड़ी कि, 
 स्वान -सा उसपर टूट कर, 
कर दिया हर अंग भंग 
 एक निर्भया आज फिर से 
दरिंदे को चढी बली 
 खून से लथपथ हाय!
कुचली पड़ी कुसुम कली 
 क्या कहूँ?,क्या नाम दूँ?
 दरिंदा कहूँ या नरभक्ष कहूँ?
 अपने ही घर - देश में सुरक्षित
 अब नहीं है आबरू 
 यह कोई नई बात है नहीं, 
और ना है कोई नई कथा
 'स्मृति'आज सबसे पूछती 
आखिर कब तक चलती रहेगी यह कलंक कथा?
 आखिर कब तक चलती रहेगी यह कलंक कथा?

©स्मृति.... Monika

#sorrow#RIP#Moumita sad poetry

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woke up india ©Pinki Singh

#विचार #wewantjustice #rape_a_shame #cruelty #Moumita  woke up india

©Pinki Singh
#NirbhayaJustice #crimestory #GirlChild #Stoprape #justice #Moumita  तुम आवाज़ उठाते हो जहाँ पानी का ना अंत है,
तुम्हारी चीख सुनने को उनके दोनों कान बंद है।

तुम पीड़ित हो न? तुम कुछ मत बोलो,
कीचड़ फेंका तुम पर? तुम मुँह धोलो।

तुम जाती हो छोड़कर हमे? अब हम शोक मनाएंगे,
हर पीड़ित को इंसाफ दिलाया है, तुम्हे भी दिलाएंगे।

देरी ही तो हुई है, इंसाफ तो सबको मिला है,
मां को न्याय तब मिला, जब बेटी ने भी झेला है।

उसे सज़ा कहेंगे और तुम्हे कहानी मानकर भुलायेंगे,
देरी के लिए खेद जताकर तुम्हे "देश की बेटी" बताएंगे।

(तुम्हे लड़की होकर लड़की कहलाने से डर लगता है,
आज़ादी है आज लेकिन हमे तिरंगा फहराने से डर लगता है।)

©Deepanshu
#Real_Feelings #real_story #justice #SAD  "justice for Dr mounita debnath"

हर एक पल के साथ वो मंजर याद आता है 
कॉप जाति है रूह मेरी 
जब वो खौफनाक मंजर याद आता है
कुछ वहसी दरिंदो हैवानों की हैवानियत की खौफनाक रात याद आती है
क्या गुजरी होगी उस मासूम पर कितना वो तड़पी होगी
छटपटाई होगी चिल्लाई होगी तड़प तड़प कर रोई होंगी
खुद को बचाने की अंत तक कोसीस तो उसने की होंगी
क्या खता थी उस मासूम की 
वो तो फर्ज अपना निभा रही थी 
खुद की नीद चैन गवा कर दूसरो को सेवा में लगी थी
क्यू  दरिंदो की रूह ना कापी क्यू वहसी पन कर गए
क्यू एक मासूम कू तड़पा तड़पा के,
 मौत की नींद सुला गए
चाहिए हमे तो इंसाफ अब ,उस कोमल सी जान का
उसके हर दर्द का उसकी हर चोट का
कत्ल करो सरेआम उन वहसी दरिंदो का
😢😢😢

©Neel.

justice for Dr moumita debnath #real_story #justice #Real_Feelings

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