White यह दुनिया एक विचित्र दुकान,
जहां इंसान सजे सामना.
कोई खुशी बेचता, कोई ग़म,
कोई ज्ञान तो कोई भ्रम.
कुछ सपनों का धंधा करते,
कुछ उम्मीदों को भरते.
इच्छाओं की बोली लगती,
हर किसी की किस्मत सजती.
यहां कोई विज्ञान को संभाले,
कोई अध्यात्म से ढांके.
कोई मन की तरंग में डूबे,
कोई यंत्रों की भंगिमा में झूमे.
मशीनों में रची-बसी है सोच,
संवेदनाओं की है अलग ही खोज.
हर व्यक्ति एक विचार का व्यापारी,
अपने हिस्से का अनुभव सवारे, निराला व्यापारी हो.
क्या वैज्ञानिक, क्या संत, सभी का मकसद एक ही है,
सार्थकता की ओर बढ़ते, जीवन का पेच सुलझा रहे हैं.
इस विचित्र दुकान के हर हिस्से में,
जीवन की कीमतें नाप रहे हैं.
©Avinash Jha
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