tags

New edm festivals Status, Photo, Video

Find the latest Status about edm festivals from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about edm festivals.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#Bhakti

When it comes to Festivals, the level of hard work required from Administration is humongous! The backhand preparation, the on spot presence

171 View

White तिनका तिनका घर घरौंदा टूटा चूल्हा बर्तन औंधा  बालू में से कंकर बीना  ईंधन बना पत्तों का झीना फर्जी फर्जी दाल पकाई बच्चों को जब तक नींद ना आई लेकिन मां को भय था भोर का था सवाल बस चंद कोर का ब्याज ढले तो पो भी फटती  तब जाके कहीं मूल से लड़ती  कभी सीधी कभी उल्टी पड़ती बार बार करवटे बदलती झूठे सपनों में रोटी आई लेकिन सच्ची नींद ना आई भूख थी ज़्यादा पेट था ख़ाली  मजबूरी में फिर बालू खाली भीतर पूरा रेगिस्तान हो गया जीवन ही वीरान हो गया ना पत्थर थी ना लक्कड़ थी अब चेतना बिल्कुल जड़ थी बच्चों से वज्रपात सहे ना काश कभी ये भोर भए ना ©Abd

#sad_quotes #festivals #chhutiyan #maa  White  

तिनका तिनका घर घरौंदा
टूटा चूल्हा बर्तन औंधा 

बालू में से कंकर बीना 
ईंधन बना पत्तों का झीना

फर्जी फर्जी दाल पकाई
बच्चों को जब तक नींद ना आई

लेकिन मां को भय था भोर का
था सवाल बस चंद कोर का

ब्याज ढले तो पो भी फटती 
तब जाके कहीं मूल से लड़ती 

कभी सीधी कभी उल्टी पड़ती
बार बार करवटे बदलती

झूठे सपनों में रोटी आई
लेकिन सच्ची नींद ना आई

भूख थी ज़्यादा पेट था ख़ाली 
मजबूरी में फिर बालू खाली

भीतर पूरा रेगिस्तान हो गया
जीवन ही वीरान हो गया

ना पत्थर थी ना लक्कड़ थी
अब चेतना बिल्कुल जड़ थी

बच्चों से वज्रपात सहे ना
काश कभी ये भोर भए ना

©Abd
#Bhakti

When it comes to Festivals, the level of hard work required from Administration is humongous! The backhand preparation, the on spot presence

171 View

White तिनका तिनका घर घरौंदा टूटा चूल्हा बर्तन औंधा  बालू में से कंकर बीना  ईंधन बना पत्तों का झीना फर्जी फर्जी दाल पकाई बच्चों को जब तक नींद ना आई लेकिन मां को भय था भोर का था सवाल बस चंद कोर का ब्याज ढले तो पो भी फटती  तब जाके कहीं मूल से लड़ती  कभी सीधी कभी उल्टी पड़ती बार बार करवटे बदलती झूठे सपनों में रोटी आई लेकिन सच्ची नींद ना आई भूख थी ज़्यादा पेट था ख़ाली  मजबूरी में फिर बालू खाली भीतर पूरा रेगिस्तान हो गया जीवन ही वीरान हो गया ना पत्थर थी ना लक्कड़ थी अब चेतना बिल्कुल जड़ थी बच्चों से वज्रपात सहे ना काश कभी ये भोर भए ना ©Abd

#sad_quotes #festivals #chhutiyan #maa  White  

तिनका तिनका घर घरौंदा
टूटा चूल्हा बर्तन औंधा 

बालू में से कंकर बीना 
ईंधन बना पत्तों का झीना

फर्जी फर्जी दाल पकाई
बच्चों को जब तक नींद ना आई

लेकिन मां को भय था भोर का
था सवाल बस चंद कोर का

ब्याज ढले तो पो भी फटती 
तब जाके कहीं मूल से लड़ती 

कभी सीधी कभी उल्टी पड़ती
बार बार करवटे बदलती

झूठे सपनों में रोटी आई
लेकिन सच्ची नींद ना आई

भूख थी ज़्यादा पेट था ख़ाली 
मजबूरी में फिर बालू खाली

भीतर पूरा रेगिस्तान हो गया
जीवन ही वीरान हो गया

ना पत्थर थी ना लक्कड़ थी
अब चेतना बिल्कुल जड़ थी

बच्चों से वज्रपात सहे ना
काश कभी ये भोर भए ना

©Abd
Trending Topic