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New डाकुआं डा मुंडा Status, Photo, Video

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New Year 2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है, इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है। सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते, इश्क में जीना छोड़, मुझे फना होना है। एक वक्त था जब सुकून ढूँढता था, जब हर एक दर्द में जुनून ढूँढता था। क़ाज़ी, हाकिम और वो सामने खड़ी, कुछ बातें कर अलविदा चाहता था। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #Newyear2024  New Year 2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है,
इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है।
सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते,
इश्क में जीना छोड़, मुझे फना होना है।

एक वक्त था जब सुकून ढूँढता था,
 जब हर एक दर्द में जुनून ढूँढता था।
 क़ाज़ी, हाकिम और वो सामने खड़ी,
कुछ बातें कर अलविदा चाहता था।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Newyear2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है, इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है। सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते, इश्क

14 Love

Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर, हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर। नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें, प्यार का पतंग संग थामे चलें। हर शिकायत को हवा में बहा दें, हर दूरी को अपने करीब ला दें। आओ फिर से अजनबी हो जाएं, एक नई दास्तां फिर लिख जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #lovelife  Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
दिल से हर ग़म को भुला जाएं।
तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो,
फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो।

सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर,
हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर।
नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें,
प्यार का पतंग संग थामे चलें।

हर शिकायत को हवा में बहा दें,
हर दूरी को अपने करीब ला दें।
आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
एक नई दास्तां फिर लिख जाएं।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#lovelife आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्

12 Love

White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख में अभियोग है, जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है। जब अंतःमन प्रभु पुकारा है, हर हृदय ने प्रभु को पाया है। शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया, प्रभु ने उस जीवन को तार दिया। जो नित ध्यान प्रभु में धारिता, उसके जीवन का सार किया। जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं, बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है। जीवन का कोई राह दिखे न, तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #good_night  White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है,
चिंतन में मन क्यूँ लागे है?
छेड़ रण अब ख़ुद के मन से,
भजन कीर्तन कैसे न रागे है?

जग झूठे सुख में अभियोग है,
जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है।
जब अंतःमन प्रभु पुकारा है,
हर हृदय ने प्रभु को पाया है।

शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया,
प्रभु ने उस जीवन को तार दिया।
जो नित ध्यान प्रभु में धारिता,
उसके जीवन का सार किया।

जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं,
बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है।
जीवन का कोई राह दिखे न,
तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म

9 Love

White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी। कितने अरमानों को सजाया था दिल ने, दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है। उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल, दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं। रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में, यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं। परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर, जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा,
गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा।

भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी,
तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी।

कितने अरमानों को सजाया था दिल ने,
दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है।

उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल,
दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं।

रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में,
यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं।

परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर,
जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट मे

16 Love

White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा, गुज़रा वक्त भी सता रहा था। जिक्र उनका अब जरूरी नहीं, खयालों में डूबता जा रहा था। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #Sad_Status  White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
गुज़रा वक्त भी सता रहा था।
जिक्र उनका अब जरूरी नहीं,
खयालों में डूबता जा रहा था।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

14 Love

New Year 2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है, इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है। सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते, इश्क में जीना छोड़, मुझे फना होना है। एक वक्त था जब सुकून ढूँढता था, जब हर एक दर्द में जुनून ढूँढता था। क़ाज़ी, हाकिम और वो सामने खड़ी, कुछ बातें कर अलविदा चाहता था। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #Newyear2024  New Year 2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है,
इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है।
सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते,
इश्क में जीना छोड़, मुझे फना होना है।

एक वक्त था जब सुकून ढूँढता था,
 जब हर एक दर्द में जुनून ढूँढता था।
 क़ाज़ी, हाकिम और वो सामने खड़ी,
कुछ बातें कर अलविदा चाहता था।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Newyear2024-25 इश्क में डूबकर मुझे उस पार जाना है, इश्क में कुर्बान होकर आज़ाद हो जाना है। सुना है कि लोग प्यार में ज़िंदा कहाँ रहते, इश्क

14 Love

Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर, हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर। नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें, प्यार का पतंग संग थामे चलें। हर शिकायत को हवा में बहा दें, हर दूरी को अपने करीब ला दें। आओ फिर से अजनबी हो जाएं, एक नई दास्तां फिर लिख जाएं। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #lovelife  Unsplash आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
दिल से हर ग़म को भुला जाएं।
तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो,
फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो।

सुलझा लें रिश्तों की उलझी डोर,
हर ख्वाब फिर से करें चमत्कोर।
नीलगगन की बाहों में उड़ते रहें,
प्यार का पतंग संग थामे चलें।

हर शिकायत को हवा में बहा दें,
हर दूरी को अपने करीब ला दें।
आओ फिर से अजनबी हो जाएं,
एक नई दास्तां फिर लिख जाएं।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#lovelife आओ फिर से अजनबी हो जाएं, दिल से हर ग़म को भुला जाएं। तुम्हारी वही नज़र, वही अंदाज़ हो, फिर से मोहब्बत का आगाज़ हो। सुलझा लें रिश्

12 Love

White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख में अभियोग है, जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है। जब अंतःमन प्रभु पुकारा है, हर हृदय ने प्रभु को पाया है। शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया, प्रभु ने उस जीवन को तार दिया। जो नित ध्यान प्रभु में धारिता, उसके जीवन का सार किया। जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं, बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है। जीवन का कोई राह दिखे न, तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#कविता #good_night  White मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है,
चिंतन में मन क्यूँ लागे है?
छेड़ रण अब ख़ुद के मन से,
भजन कीर्तन कैसे न रागे है?

जग झूठे सुख में अभियोग है,
जो लिप्त हुआ, सुख न पाया है।
जब अंतःमन प्रभु पुकारा है,
हर हृदय ने प्रभु को पाया है।

शरण में सर्वत्र न्यौछार दिया,
प्रभु ने उस जीवन को तार दिया।
जो नित ध्यान प्रभु में धारिता,
उसके जीवन का सार किया।

जीवन के सारे सुख निरर्थक हैं,
बिन प्रभु के कुछ भी सार्थक नहीं है।
जीवन का कोई राह दिखे न,
तो फिर प्रभु शरण ही उपाय है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night मन अपनी धुन में क्यूँ भागे है, चिंतन में मन क्यूँ लागे है? छेड़ रण अब ख़ुद के मन से, भजन कीर्तन कैसे न रागे है? जग झूठे सुख म

9 Love

White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी। कितने अरमानों को सजाया था दिल ने, दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है। उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल, दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं। रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में, यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं। परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर, जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #good_night  White बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा,
गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा।

भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी,
तकिए के ओट में चादर भिगो रही होगी।

कितने अरमानों को सजाया था दिल ने,
दोनों दिलों में अधूरी मोहब्बत दम तोड़ रही है।

उठ रहे हैं दिल में ना जाने कितने सवाल,
दो जवां दिलों में ख्वाहिशें दफ़्न हो रही हैं।

रोशन हो रही थी मुहब्बत चंद की रोशनी में,
यह कैसी घड़ी है जहां उम्मीदें बिखर रही हैं।

परवान चढ़ने पर था ख्वाबों सा मुंतजिर,
जैसे चांद से चकोर अलग हो रही है।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night बैठे-बैठे उदास मन से उसे सोच रहा, गैर-महफ़िलों में खुद को व्यस्त कर रहा। भैया-भाभी, मम्मी-पापा को सुन रही होगी, तकिए के ओट मे

16 Love

White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा, गुज़रा वक्त भी सता रहा था। जिक्र उनका अब जरूरी नहीं, खयालों में डूबता जा रहा था। ©theABHAYSINGH_BIPIN

#शायरी #Sad_Status  White मैं बैठे-बैठे सोच रहा था,
उनकी तस्वीरें ताक रहा था।
मन के कोने में हलचल थी,
लबों पर नाम सजा रहा था।

बीती यादों का सैलाब उमड़ा,
गुज़रा वक्त भी सता रहा था।
जिक्र उनका अब जरूरी नहीं,
खयालों में डूबता जा रहा था।

©theABHAYSINGH_BIPIN

#Sad_Status मैं बैठे-बैठे सोच रहा था, उनकी तस्वीरें ताक रहा था। मन के कोने में हलचल थी, लबों पर नाम सजा रहा था। बीती यादों का सैलाब उमड़ा,

14 Love

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