tags

New अश्वत्थामा वध Status, Photo, Video

Find the latest Status about अश्वत्थामा वध from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about अश्वत्थामा वध.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर लहराएंगे ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#विचार #Ram_Navmi  White असत्य पर सत्य की
 विजय की तैयारी है 
रावण पर राम भारी है 
करके वध रावण का 
 माता सीता को लायेंगे 
लंका पर राम ध्वजा 
विजय दशमी पर लहराएंगे

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#Ram_Navmi असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर

9 Love

// मां कालरात्रि // मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है, मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है। मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता, मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता। सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें, मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें। मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था, शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था। ©बेजुबान शायर shivkumar

#कालरात्रि #नवरात्रि #माँकाली #भक्ति #navratri2024 #navratri2025  // मां कालरात्रि //

मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है,
मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है।

मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता,
मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता।

सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें,
मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें।

मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था,
शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था।

©बेजुबान शायर shivkumar
#भक्ति #navratri  
कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो,  
हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है।
आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा,
महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है।
कात्यायनी मां…….

ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी,
आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है।
कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर,
धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है।
कात्यायनी मां………..

पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता,
पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है।
द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां,
त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है।
कात्यायनी मां…………..

मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार,
तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है।
चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो,
अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है।
कात्यायनी मां …………..

©IG @kavi_neetesh

कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन

135 View

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

===========================

©बेजुबान शायर shivkumar

White असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर लहराएंगे ©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#विचार #Ram_Navmi  White असत्य पर सत्य की
 विजय की तैयारी है 
रावण पर राम भारी है 
करके वध रावण का 
 माता सीता को लायेंगे 
लंका पर राम ध्वजा 
विजय दशमी पर लहराएंगे

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

#Ram_Navmi असत्य पर सत्य की विजय की तैयारी है रावण पर राम भारी है करके वध रावण का माता सीता को लायेंगे लंका पर राम ध्वजा विजय दशमी पर

9 Love

// मां कालरात्रि // मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है, मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है। मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता, मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता। सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें, मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें। मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था, शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था। ©बेजुबान शायर shivkumar

#कालरात्रि #नवरात्रि #माँकाली #भक्ति #navratri2024 #navratri2025  // मां कालरात्रि //

मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है,
मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है।

मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता,
मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता।

सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें,
मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें।

मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था,
शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था।

©बेजुबान शायर shivkumar
#भक्ति #navratri  
कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो,  
हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है।
आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा,
महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है।
कात्यायनी मां…….

ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी,
आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है।
कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर,
धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है।
कात्यायनी मां………..

पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता,
पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है।
द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां,
त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है।
कात्यायनी मां…………..

मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार,
तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है।
चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो,
अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है।
कात्यायनी मां …………..

©IG @kavi_neetesh

कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन

135 View

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

===========================

©बेजुबान शायर shivkumar
Trending Topic