tags

New आशिक़ुई २ सुन्न रहा है Status, Photo, Video

Find the latest Status about आशिक़ुई २ सुन्न रहा है from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about आशिक़ुई २ सुन्न रहा है.

  • Latest
  • Popular
  • Video

Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है। सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।। समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं, मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।। जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग, लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।। जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ, वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।। कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#leafbook #लव  Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है।
सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।।

समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं,
मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।।

जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग,
लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।।

जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ,
वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।।

कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" 
ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

#leafbook सब दिखाई दे रहा है

18 Love

#Motivational #भटक

#भटक रहा है हर इंसान

108 View

Unsplash लोगो को लग रहा है मैं ज्ञान पढ़ रहा हुँ.. गुज़रे हुए दिनों कि दास्तान पढ़ रहा हुँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#लोगों  Unsplash लोगो को लग रहा है मैं ज्ञान पढ़ रहा हुँ..

गुज़रे हुए दिनों कि दास्तान पढ़ रहा हुँ..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#लोगों को लग रहा है....

12 Love

White तहजीब सीखने की खातिर घर से निकले हम ,,,हिचकियों में अपनों को सवारते हम ,,, सत्तू की पोटली में मां को निहारते हम ,,, कुछ पीछे छूट जाने की कसक को दिल मैं दफन किए घर से निकले हम,,,, अच्छा लगता है हमको भी मिट्टी में मिलना अपनी नाल को खेतों में दबाना,,, पर निकल चुके हैं हम खुद से दूर बहुत दूर,,, मेडो में बहता पानी खेतों में चरती गईया,,, गेहूं के संग उगता बथुआ,,, वो चूल्हे की मिट्टी वो सिलगती आग में सिकती रोटी,, छूट रहा है सब कुछ मेरी मुट्ठी से रेत सा ©reena sagar

#कविता #sad_quotes  White तहजीब सीखने की खातिर घर से निकले हम  ,,,हिचकियों में अपनों को सवारते हम ,,, सत्तू की पोटली में मां को निहारते हम ,,, कुछ पीछे छूट जाने की कसक को दिल मैं दफन किए घर से निकले हम,,,, अच्छा लगता है हमको भी मिट्टी में मिलना अपनी नाल को खेतों में दबाना,,, पर  निकल चुके हैं हम खुद से दूर बहुत दूर,,, मेडो में बहता पानी खेतों में चरती गईया,,, गेहूं के संग उगता बथुआ,,, वो चूल्हे की मिट्टी वो सिलगती आग में सिकती रोटी,, छूट रहा है सब कुछ मेरी मुट्ठी से रेत सा

©reena sagar

#sad_quotes छूट रहा है सब कुछ

13 Love

Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है। सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।। समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं, मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।। जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग, लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।। जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ, वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।। कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।। ©मनोज कुमार झा "मनु"

#leafbook #लव  Unsplash कौन कितने पानी में है सब दिखाई दे रहा है।
सबका दिखावा अच्छे से हमें दिखाई दे रहा है।।

समय बदला तो जो मूक थे वो भी बोल रहे हैं,
मेरी बुराई पर बहरों को भी सुनाई दे रहा है।।

जो गलत है उसको भी सही कह रहे हैं लोग,
लगता है कि वो उसकी चमचागिरी कर रहा है।।

जो कह रहा था चार दिन से मोबाइल नहीं छुआ,
वो चार दिन से ही ऑनलाइन दिखाई दे रहा है।।

कितने कमाल के लोगों से रोज मिलते हो "मनु" 
ये बताओ तुम्हें ये सब कैसे दिखाई दे रहा है।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

#leafbook सब दिखाई दे रहा है

18 Love

#Motivational #भटक

#भटक रहा है हर इंसान

108 View

Unsplash लोगो को लग रहा है मैं ज्ञान पढ़ रहा हुँ.. गुज़रे हुए दिनों कि दास्तान पढ़ रहा हुँ.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY

#लोगों  Unsplash लोगो को लग रहा है मैं ज्ञान पढ़ रहा हुँ..

गुज़रे हुए दिनों कि दास्तान पढ़ रहा हुँ..


यूसुफ़ आर खान...

©F M POETRY

#लोगों को लग रहा है....

12 Love

White तहजीब सीखने की खातिर घर से निकले हम ,,,हिचकियों में अपनों को सवारते हम ,,, सत्तू की पोटली में मां को निहारते हम ,,, कुछ पीछे छूट जाने की कसक को दिल मैं दफन किए घर से निकले हम,,,, अच्छा लगता है हमको भी मिट्टी में मिलना अपनी नाल को खेतों में दबाना,,, पर निकल चुके हैं हम खुद से दूर बहुत दूर,,, मेडो में बहता पानी खेतों में चरती गईया,,, गेहूं के संग उगता बथुआ,,, वो चूल्हे की मिट्टी वो सिलगती आग में सिकती रोटी,, छूट रहा है सब कुछ मेरी मुट्ठी से रेत सा ©reena sagar

#कविता #sad_quotes  White तहजीब सीखने की खातिर घर से निकले हम  ,,,हिचकियों में अपनों को सवारते हम ,,, सत्तू की पोटली में मां को निहारते हम ,,, कुछ पीछे छूट जाने की कसक को दिल मैं दफन किए घर से निकले हम,,,, अच्छा लगता है हमको भी मिट्टी में मिलना अपनी नाल को खेतों में दबाना,,, पर  निकल चुके हैं हम खुद से दूर बहुत दूर,,, मेडो में बहता पानी खेतों में चरती गईया,,, गेहूं के संग उगता बथुआ,,, वो चूल्हे की मिट्टी वो सिलगती आग में सिकती रोटी,, छूट रहा है सब कुछ मेरी मुट्ठी से रेत सा

©reena sagar

#sad_quotes छूट रहा है सब कुछ

13 Love

Trending Topic