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#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #शायरी #लाठी

#लाठी ऊपर वाले की लाठी आवाज नहीं करती पर इंसाफ जबरदस्त करती है और मुझे उस लाठी का एक लंबा इंतजार है..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ ‌ ३०

135 View

White क्या मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर खुशियों के शोर शराबे में, किसी कोने कचोने में चीखें मेरी दबी पड़ी तुम्हारे उत्सव और त्योहारों में, घर में कभी ना मुझको मिली मौजूदगी,,, क्या मैं हूं कहीं या मैं हूं ही नहीं दिन भर के थके बदन के चूर चूर हालातों में, शामों के कामों व रात भर के दिल,मन,जज्बातों के मरे खून से चकनाचूर हुए बिखरे जर्जर शरीर की , तुम्हारे अरामो, विश्रामों या खिलखिलाकर बतियाती बातों से परे टूटे फूटे बदन की मेरी, नंगे पांव गुजरी जलती हर दोपहरी क्या मैं हूं कहीं,, या मैं हूं ही नहीं,,,, .................१............. ©Rakesh frnds4ever

#क्यामैंहूंकहीं #शोर_शराबे #खुशियों #हालातों #चकनाचूर #दोपहरी  White क्या मैं हूं कहीं,
या मैं हूं ही नहीं 

तुम्हारी हर खुशियों के शोर शराबे में,  किसी कोने कचोने में चीखें मेरी दबी पड़ी
तुम्हारे उत्सव और त्योहारों में, घर में कभी ना मुझको मिली मौजूदगी,,,

क्या मैं हूं कहीं 
या मैं हूं ही नहीं 

दिन भर के थके बदन के चूर चूर हालातों में, 
शामों के कामों व रात भर के  
दिल,मन,जज्बातों के मरे 
खून से चकनाचूर हुए बिखरे जर्जर शरीर की ,
 तुम्हारे अरामो, विश्रामों या खिलखिलाकर बतियाती बातों से परे 
टूटे फूटे बदन की मेरी, नंगे पांव गुजरी जलती हर दोपहरी
क्या मैं हूं कहीं,,
या मैं हूं ही नहीं,,,,
.................१.............

©Rakesh frnds4ever

#क्यामैंहूंकहीं या मैं हूं ही नहीं क्या #मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर #खुशियों के #शोर_शराबे में, किसी कोने कचोने में #

13 Love

White 💗 ज़िन्दगी का हिसाब , ज़िन्दगी का जवाब 💗 ज़िन्दगी एक सवाल हैं , जिसका हम सब ढूंढ़ते जवाब हैं खोए रहते हो जिसके ख्वाबों - ख्यालों में सुबह - शाम हर रात आता उसका ख्वाब हैं करती हो हम पर सितम अपनी अदाओं से ऐ सनम मेरा दिल रखता तुम्हारा एक - एक हिसाब हैं ना जाने कितनों को घायल करती हो अपनी जवानी से ना जाने कितनों को पगाल करती हो अपनी रवानी से तू समझती खुद को हुस्न की शराब हैं याद रखना हुनर मेरा भी लाजबाब हैं पढ़ लो मेरी मोहब्बत मेरी आँखों से ऐ हमदम मेरी ज़िन्दगी एक खुली किताब हैं 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji

#nojotoshayari #nojotohindi #GoodMorning #Trending #Zindagi  White 


💗 ज़िन्दगी का हिसाब , ज़िन्दगी का जवाब 💗 

ज़िन्दगी एक सवाल हैं , जिसका हम सब ढूंढ़ते जवाब हैं 

खोए रहते हो जिसके ख्वाबों - ख्यालों में सुबह - शाम 
हर रात आता उसका ख्वाब हैं 

करती हो हम पर सितम अपनी अदाओं से ऐ सनम 
मेरा दिल रखता तुम्हारा एक - एक हिसाब हैं 

ना जाने कितनों को घायल करती हो अपनी जवानी से 
ना जाने कितनों को पगाल करती हो अपनी रवानी से 

तू समझती खुद को हुस्न की शराब हैं 
याद रखना हुनर मेरा भी लाजबाब हैं 

पढ़ लो मेरी मोहब्बत मेरी आँखों से ऐ हमदम 
मेरी ज़िन्दगी एक खुली किताब हैं

💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

©Sethi Ji

💞💞 इश्क़ का नशा 💞💞 💞💞 इश्क़ का मज़ा 💞💞 जो इश्क़ के नशे में चूर होता हैं उसको हमारा हर हुकुम मंज़ूर होता है लिखते हो तुम भी किसी की जवानी के

64 Love

"मोनू हाथी की समझदारी: प्रतियोगिता और बुद्धिमत्ता की कहानी" - एक जंगल प्रतियोगिता में मोनू हाथी ने समझदारी का प्रमाण दिया। जब उसे दो रास्तों

81 View

#quit_india_movement #Motivational  White पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस 
का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही रहे हैं, बापू 
के सपने चूर चूर हो रहे quit india moment द्वारा अंग्रेजो क़ो भगाया था अब कौन से movement से अपने ही देश के गद्दारों क़ो भगाए जो अपनी ही माँ बहन की इज्जत नीलम कर रे लूट रहे, अपनी बहन की रक्षा और दूसरे की बहन बेटी का rape कर रहे इस लिए आजाद हुए थे कि अपने ही घर मे डाका डाले इज्जत लुटे शर्म हैं ऐसी मर्द जात पर ऐसे भेडियो पर जो गन्दे हैं waste हैं कचरा हैं हमारे देश के.... थू 🤮

©puja udeshi

#quit_india_movement पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही र

198 View

White लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो चूर हुआ । तब जाकर माँ की गोदी में , सोने को मजबूर हुआ ।। मत कहो काल के चंगुल में , लाल हमारा रपट गया । जाने कितने दुश्मन को वह , पल भर में ही गटक गया ।। सब देख रहे थे खड़े-खड़े , अब उस वीर बहादुर को । जिसके आने की आहट भी , कभी न होती दादुर को ।। पोछ लिए उस माँ ने आँसूँ, जिसका सुंदर लाल गया । कहे देवकी से मिलने अब , देख नन्द का लाल गया ।। तीन रंग से बने तिरंगे , का जिसको परिधान मिले । वह कैसे फिर चुप बैठेगा , जिसको यह सम्मान मिले ।। सुबक रही थी बैठी पत्नी , अपना तो अधिकार गया । किससे आस लगाऊँ अब मैं , जीने का आधार गया ।। और बिलखते रोते बच्चे , का अब बचपन उजड़ गया । कैसे खुद को मैं समझाऊँ , पेड़ जमीं से उखड़ गया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White लावणी छन्द
इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया ।
भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।।
सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो चूर हुआ ।
तब जाकर माँ की गोदी में , सोने को मजबूर हुआ ।।

मत कहो काल के चंगुल में , लाल हमारा रपट गया ।
जाने कितने दुश्मन को वह , पल भर में ही गटक गया ।।
सब देख रहे थे खड़े-खड़े , अब उस वीर बहादुर को ।
जिसके आने की आहट भी , कभी न होती दादुर को ।।

पोछ लिए उस माँ ने आँसूँ, जिसका सुंदर लाल गया ।
कहे देवकी से मिलने अब , देख नन्द का लाल गया ।।
तीन रंग से बने तिरंगे , का जिसको परिधान मिले ।
वह कैसे फिर चुप बैठेगा , जिसको यह सम्मान मिले ।।

सुबक रही थी बैठी पत्नी , अपना तो अधिकार गया ।
किससे आस लगाऊँ अब मैं , जीने का आधार गया ।।
और बिलखते रोते बच्चे , का अब बचपन उजड़ गया ।
कैसे खुद को मैं समझाऊँ , पेड़ जमीं से उखड़ गया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो

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#अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ #शायरी #लाठी

#लाठी ऊपर वाले की लाठी आवाज नहीं करती पर इंसाफ जबरदस्त करती है और मुझे उस लाठी का एक लंबा इंतजार है..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻‍♀️ ‌ ३०

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White क्या मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर खुशियों के शोर शराबे में, किसी कोने कचोने में चीखें मेरी दबी पड़ी तुम्हारे उत्सव और त्योहारों में, घर में कभी ना मुझको मिली मौजूदगी,,, क्या मैं हूं कहीं या मैं हूं ही नहीं दिन भर के थके बदन के चूर चूर हालातों में, शामों के कामों व रात भर के दिल,मन,जज्बातों के मरे खून से चकनाचूर हुए बिखरे जर्जर शरीर की , तुम्हारे अरामो, विश्रामों या खिलखिलाकर बतियाती बातों से परे टूटे फूटे बदन की मेरी, नंगे पांव गुजरी जलती हर दोपहरी क्या मैं हूं कहीं,, या मैं हूं ही नहीं,,,, .................१............. ©Rakesh frnds4ever

#क्यामैंहूंकहीं #शोर_शराबे #खुशियों #हालातों #चकनाचूर #दोपहरी  White क्या मैं हूं कहीं,
या मैं हूं ही नहीं 

तुम्हारी हर खुशियों के शोर शराबे में,  किसी कोने कचोने में चीखें मेरी दबी पड़ी
तुम्हारे उत्सव और त्योहारों में, घर में कभी ना मुझको मिली मौजूदगी,,,

क्या मैं हूं कहीं 
या मैं हूं ही नहीं 

दिन भर के थके बदन के चूर चूर हालातों में, 
शामों के कामों व रात भर के  
दिल,मन,जज्बातों के मरे 
खून से चकनाचूर हुए बिखरे जर्जर शरीर की ,
 तुम्हारे अरामो, विश्रामों या खिलखिलाकर बतियाती बातों से परे 
टूटे फूटे बदन की मेरी, नंगे पांव गुजरी जलती हर दोपहरी
क्या मैं हूं कहीं,,
या मैं हूं ही नहीं,,,,
.................१.............

©Rakesh frnds4ever

#क्यामैंहूंकहीं या मैं हूं ही नहीं क्या #मैं हूं कहीं, या मैं हूं ही नहीं तुम्हारी हर #खुशियों के #शोर_शराबे में, किसी कोने कचोने में #

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White 💗 ज़िन्दगी का हिसाब , ज़िन्दगी का जवाब 💗 ज़िन्दगी एक सवाल हैं , जिसका हम सब ढूंढ़ते जवाब हैं खोए रहते हो जिसके ख्वाबों - ख्यालों में सुबह - शाम हर रात आता उसका ख्वाब हैं करती हो हम पर सितम अपनी अदाओं से ऐ सनम मेरा दिल रखता तुम्हारा एक - एक हिसाब हैं ना जाने कितनों को घायल करती हो अपनी जवानी से ना जाने कितनों को पगाल करती हो अपनी रवानी से तू समझती खुद को हुस्न की शराब हैं याद रखना हुनर मेरा भी लाजबाब हैं पढ़ लो मेरी मोहब्बत मेरी आँखों से ऐ हमदम मेरी ज़िन्दगी एक खुली किताब हैं 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji

#nojotoshayari #nojotohindi #GoodMorning #Trending #Zindagi  White 


💗 ज़िन्दगी का हिसाब , ज़िन्दगी का जवाब 💗 

ज़िन्दगी एक सवाल हैं , जिसका हम सब ढूंढ़ते जवाब हैं 

खोए रहते हो जिसके ख्वाबों - ख्यालों में सुबह - शाम 
हर रात आता उसका ख्वाब हैं 

करती हो हम पर सितम अपनी अदाओं से ऐ सनम 
मेरा दिल रखता तुम्हारा एक - एक हिसाब हैं 

ना जाने कितनों को घायल करती हो अपनी जवानी से 
ना जाने कितनों को पगाल करती हो अपनी रवानी से 

तू समझती खुद को हुस्न की शराब हैं 
याद रखना हुनर मेरा भी लाजबाब हैं 

पढ़ लो मेरी मोहब्बत मेरी आँखों से ऐ हमदम 
मेरी ज़िन्दगी एक खुली किताब हैं

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©Sethi Ji

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"मोनू हाथी की समझदारी: प्रतियोगिता और बुद्धिमत्ता की कहानी" - एक जंगल प्रतियोगिता में मोनू हाथी ने समझदारी का प्रमाण दिया। जब उसे दो रास्तों

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#quit_india_movement #Motivational  White पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस 
का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही रहे हैं, बापू 
के सपने चूर चूर हो रहे quit india moment द्वारा अंग्रेजो क़ो भगाया था अब कौन से movement से अपने ही देश के गद्दारों क़ो भगाए जो अपनी ही माँ बहन की इज्जत नीलम कर रे लूट रहे, अपनी बहन की रक्षा और दूसरे की बहन बेटी का rape कर रहे इस लिए आजाद हुए थे कि अपने ही घर मे डाका डाले इज्जत लुटे शर्म हैं ऐसी मर्द जात पर ऐसे भेडियो पर जो गन्दे हैं waste हैं कचरा हैं हमारे देश के.... थू 🤮

©puja udeshi

#quit_india_movement पाप पहले भी होते थे पर अब पहले से 100 गुना ज्यादा हो रहे हैं कोई सुरक्षित नहीं, पुलिस का कोई डर नहीं, अपराध तो हो ही र

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White लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो चूर हुआ । तब जाकर माँ की गोदी में , सोने को मजबूर हुआ ।। मत कहो काल के चंगुल में , लाल हमारा रपट गया । जाने कितने दुश्मन को वह , पल भर में ही गटक गया ।। सब देख रहे थे खड़े-खड़े , अब उस वीर बहादुर को । जिसके आने की आहट भी , कभी न होती दादुर को ।। पोछ लिए उस माँ ने आँसूँ, जिसका सुंदर लाल गया । कहे देवकी से मिलने अब , देख नन्द का लाल गया ।। तीन रंग से बने तिरंगे , का जिसको परिधान मिले । वह कैसे फिर चुप बैठेगा , जिसको यह सम्मान मिले ।। सुबक रही थी बैठी पत्नी , अपना तो अधिकार गया । किससे आस लगाऊँ अब मैं , जीने का आधार गया ।। और बिलखते रोते बच्चे , का अब बचपन उजड़ गया । कैसे खुद को मैं समझाऊँ , पेड़ जमीं से उखड़ गया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White लावणी छन्द
इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया ।
भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।।
सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो चूर हुआ ।
तब जाकर माँ की गोदी में , सोने को मजबूर हुआ ।।

मत कहो काल के चंगुल में , लाल हमारा रपट गया ।
जाने कितने दुश्मन को वह , पल भर में ही गटक गया ।।
सब देख रहे थे खड़े-खड़े , अब उस वीर बहादुर को ।
जिसके आने की आहट भी , कभी न होती दादुर को ।।

पोछ लिए उस माँ ने आँसूँ, जिसका सुंदर लाल गया ।
कहे देवकी से मिलने अब , देख नन्द का लाल गया ।।
तीन रंग से बने तिरंगे , का जिसको परिधान मिले ।
वह कैसे फिर चुप बैठेगा , जिसको यह सम्मान मिले ।।

सुबक रही थी बैठी पत्नी , अपना तो अधिकार गया ।
किससे आस लगाऊँ अब मैं , जीने का आधार गया ।।
और बिलखते रोते बच्चे , का अब बचपन उजड़ गया ।
कैसे खुद को मैं समझाऊँ , पेड़ जमीं से उखड़ गया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

लावणी छन्द इस माँ से जब दूर हुआ तो , धरती माँ के निकट गया । भारत माँ के आँचल से तब , लाल हमारा लिपट गया ।। सरहद पर लड़ते-लड़ते जब , थक कर देखो

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