tags

New ढूंढती फिरे Status, Photo, Video

Find the latest Status about ढूंढती फिरे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about ढूंढती फिरे.

  • Latest
  • Popular
  • Video

Unsplash यू आसान नहीं होता अलविदा कहना... पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है, मामूली दर्द में भी जिसको ढूंढती हो नजरें, फिर जब वही सबसे बड़ी पीड़ा बन जाती है, जब अपनों के बीच भी जो सबसे अपना हो, वो गैरों के बीच भी सबसे ज्यादा गैर लगने लगता है, तब जाकर कहीं अलविदा कहने की हिम्मत आती है। कितना मुश्किल होता होगा, दर्द से सुकून और सुकून से दर्द का सफर... शायद तभी तो यूँ आसान नही होता अलविदा कहना... ©Akram Qumar

#lovelife #लव  Unsplash यू आसान नहीं होता अलविदा कहना... 

पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है, मामूली दर्द में भी जिसको ढूंढती हो नजरें,  फिर जब वही सबसे बड़ी पीड़ा बन जाती है,

जब अपनों के बीच भी जो सबसे अपना हो, वो गैरों के बीच भी सबसे ज्यादा गैर लगने लगता है, तब जाकर कहीं अलविदा कहने की हिम्मत आती है।

कितना मुश्किल होता होगा, दर्द से सुकून और सुकून से दर्द का सफर...
शायद तभी तो यूँ आसान नही होता अलविदा कहना...

©Akram Qumar

#lovelife पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है,

15 Love

White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें, यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२ ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३ मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४ किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५ बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की, मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६ याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७ हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है, फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८ "शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा मुनाफिक है,जो सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #mushaironkidunia #sad_quotes #nojotoapp  White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो 
हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१

जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,
यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२

ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के
 मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३

मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर
मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४

किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए
 कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५

बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की,
मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६

याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं
कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७

हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है,
फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८

"शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा  मुनाफिक है,जो
सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य

23 Love

एक उलझी हुई किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मैं। मुद्दतों से ढूंढती हूं खुद को, हर लम्हा एक नए सवाल की बौछार हूं मैं। जिंदगी के इस उलझन भरे सफर में, खुद से कभी दूर, कभी पासगार हूं मैं। आशा की किरणें हैं बिखरी हुई, फिर भी गहरे अंधेरों की साजगार हूं मैं। खुशियों की परतों के नीचे छिपा दर्द, हर हंसी में छुपा एक गहरा राज हूं मैं। सोचती हूं, क्या सच्चाई है मेरी? क्या सिर्फ एक कहानी की किरदार हूं मैं? एक उलझी हुई किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मै। ©Shivkumar barman

#गुनाहगार #खुशियों #अंधेरों #किरदार #सच्चाई #ढूंढती  एक उलझी हुई किरदार हूं मैं,
शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मैं।
मुद्दतों से ढूंढती हूं खुद को,
हर लम्हा एक नए सवाल की बौछार हूं मैं।

जिंदगी के इस उलझन भरे सफर में,
खुद से कभी दूर, कभी पासगार हूं मैं।
आशा की किरणें हैं बिखरी हुई,
फिर भी गहरे अंधेरों की साजगार हूं मैं।

खुशियों की परतों के नीचे छिपा दर्द,
हर हंसी में छुपा एक गहरा राज हूं मैं।
सोचती हूं, क्या सच्चाई है मेरी?
क्या सिर्फ एक कहानी की किरदार हूं मैं?

एक उलझी हुई किरदार हूं मैं,
शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मै।

©Shivkumar barman

एक उलझी हुई #किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही #गुनाहगार हूं मैं। मुद्दतों से #ढूंढती हूं खुद को, हर लम्हा एक नए #सवाल की बौछार हूं मैं। ज

14 Love

Unsplash यू आसान नहीं होता अलविदा कहना... पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है, मामूली दर्द में भी जिसको ढूंढती हो नजरें, फिर जब वही सबसे बड़ी पीड़ा बन जाती है, जब अपनों के बीच भी जो सबसे अपना हो, वो गैरों के बीच भी सबसे ज्यादा गैर लगने लगता है, तब जाकर कहीं अलविदा कहने की हिम्मत आती है। कितना मुश्किल होता होगा, दर्द से सुकून और सुकून से दर्द का सफर... शायद तभी तो यूँ आसान नही होता अलविदा कहना... ©Akram Qumar

#lovelife #लव  Unsplash यू आसान नहीं होता अलविदा कहना... 

पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है, मामूली दर्द में भी जिसको ढूंढती हो नजरें,  फिर जब वही सबसे बड़ी पीड़ा बन जाती है,

जब अपनों के बीच भी जो सबसे अपना हो, वो गैरों के बीच भी सबसे ज्यादा गैर लगने लगता है, तब जाकर कहीं अलविदा कहने की हिम्मत आती है।

कितना मुश्किल होता होगा, दर्द से सुकून और सुकून से दर्द का सफर...
शायद तभी तो यूँ आसान नही होता अलविदा कहना...

©Akram Qumar

#lovelife पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है,

15 Love

White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें, यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२ ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३ मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४ किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५ बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की, मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६ याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७ हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है, फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८ "शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा मुनाफिक है,जो सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#shamawritesBebaak #mushaironkidunia #sad_quotes #nojotoapp  White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो 
हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१

जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,
यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२

ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के
 मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३

मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर
मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४

किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए
 कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५

बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की,
मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६

याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं
कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७

हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है,
फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८

"शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा  मुनाफिक है,जो
सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९
#Shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य

23 Love

एक उलझी हुई किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मैं। मुद्दतों से ढूंढती हूं खुद को, हर लम्हा एक नए सवाल की बौछार हूं मैं। जिंदगी के इस उलझन भरे सफर में, खुद से कभी दूर, कभी पासगार हूं मैं। आशा की किरणें हैं बिखरी हुई, फिर भी गहरे अंधेरों की साजगार हूं मैं। खुशियों की परतों के नीचे छिपा दर्द, हर हंसी में छुपा एक गहरा राज हूं मैं। सोचती हूं, क्या सच्चाई है मेरी? क्या सिर्फ एक कहानी की किरदार हूं मैं? एक उलझी हुई किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मै। ©Shivkumar barman

#गुनाहगार #खुशियों #अंधेरों #किरदार #सच्चाई #ढूंढती  एक उलझी हुई किरदार हूं मैं,
शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मैं।
मुद्दतों से ढूंढती हूं खुद को,
हर लम्हा एक नए सवाल की बौछार हूं मैं।

जिंदगी के इस उलझन भरे सफर में,
खुद से कभी दूर, कभी पासगार हूं मैं।
आशा की किरणें हैं बिखरी हुई,
फिर भी गहरे अंधेरों की साजगार हूं मैं।

खुशियों की परतों के नीचे छिपा दर्द,
हर हंसी में छुपा एक गहरा राज हूं मैं।
सोचती हूं, क्या सच्चाई है मेरी?
क्या सिर्फ एक कहानी की किरदार हूं मैं?

एक उलझी हुई किरदार हूं मैं,
शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मै।

©Shivkumar barman

एक उलझी हुई #किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही #गुनाहगार हूं मैं। मुद्दतों से #ढूंढती हूं खुद को, हर लम्हा एक नए #सवाल की बौछार हूं मैं। ज

14 Love

Trending Topic