Unsplash यू आसान नहीं होता अलविदा कहना...
पहली बार मिलने पर आंखों में उभरी चमक जब आंखों की उदासी में बदल जाती है, पहले स्पर्श की रूमानियत को सोचकर जब रूह छलनी होने लगती है, मामूली दर्द में भी जिसको ढूंढती हो नजरें, फिर जब वही सबसे बड़ी पीड़ा बन जाती है,
जब अपनों के बीच भी जो सबसे अपना हो, वो गैरों के बीच भी सबसे ज्यादा गैर लगने लगता है, तब जाकर कहीं अलविदा कहने की हिम्मत आती है।
कितना मुश्किल होता होगा, दर्द से सुकून और सुकून से दर्द का सफर...
शायद तभी तो यूँ आसान नही होता अलविदा कहना...
©Akram Qumar
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