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New Year 2024-25 https://youtu.be/QVlhJfFFRn4?si=d5wyEcAZXf6xZ6kL ©अनुज

#वीडियो #Newyear2024  New Year 2024-25 https://youtu.be/QVlhJfFFRn4?si=d5wyEcAZXf6xZ6kL

©अनुज

#Newyear2024-25 जो भी दोस्त यूट्यूब पर काम करते हो इस लिंक के माध्यम से जोड़ें धन्यवाद 🙏

15 Love

जाना है तुम्हें शौक से जाओ मैं रोकूंगी नहीं तुम्हें चुना भी मैंने था मुझे तुमने नहीं इसीलिए कोई शिकायत भी नहीं करूंगी अपना ख्याल रखना ©{**श्री.. राधा ..**}

#अलविदा #शायरी  जाना है तुम्हें शौक से जाओ मैं रोकूंगी नहीं 
तुम्हें चुना भी मैंने था मुझे तुमने नहीं इसीलिए
 कोई शिकायत भी नहीं करूंगी
अपना ख्याल रखना

©{**श्री.. राधा ..**}

धन्यवाद #अलविदा

21 Love

White रचना दिनांक ्19््10््2024्् वार ््शनिवार ् समय सुबह ्््पांच बजे ्् ्््निजविचार ्् ्््भावचित्र ्््् ्््शीर्षक ््् ्््भारतीय संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में गुंथी हुई घटनाओं और परम्पराओं में ,, चंद्रमा से अपनी रूह में पति पत्नि परमेश्वर से दर्शन करने वाले , करवा पूजन चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है ््् झिलमिलाते वस्त्र धारण करना और अपने आप में कुछ सपने बुनते हैं , जो खून से लथपथ हो प्यारा सा जीवन में एक दर्शन करने वाले चंन्द् माहौल में मस्त रहते हैं ।। महिलाएं ही जिंदगी में पतिवृता वृत करने वाली करवा चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी पर , चंद्र दर्शन करने वाले दर्शन में पति का स्वरूप में आंखें खोल कर देखें रही ,, मनोकामनी दृश्य दृष्टि दृष्टिकोण से सजाया गया जिसे हम कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी व्रत , चन्द्रोदय व्यापिनी से अपनी रूह को कंपकंपा देने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में , सिर्फ त्वमेव त्वमेव विद्या से पति और पत्नी दोनों के प्रेम शब्द से जन्मा विचार ही सुन्दर छबि , मनोमय प्यारी सी मुस्कान होंठ रख कर मधुर मुस्कान मन्द अधर में लटकी हुई , चन्द्रोदय में जीवन यापन कर रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा गई है।। प्रेम की अन्तिम समर्पित करिष्यामि,, नमन वन्दंनीय ््् भावचित्र छबि ही सुन्दर और सार्थक और सारगर्भित आलेख में जीवन जरूरी है।। जो धरती पर साकार लोक में दर्शन भारतीय जनजीवन में कलासाहित्य में, मानसिक रूप से धार्मिक तर्क कथन, कथा साहित्य कोश किंवदंतियां प्रचलित है।। हमारे समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य में नजर आएंगी अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।। यही सच्चाई देखकर सहसा रुक गई तस्वीर छपी ,, मेरे दिल के दरवाजे मन दर्पण दर्शन प्रेम में अटूट आस्था रिश्ते में, प्यार हो प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।। चित्र मानस में शास्त्र में प्रकाशवान में एक जीवंत प्रयास कला संस्कृति में गुंथी हुई धुन में, मगन मस्त प्यारा सा जीवन है।। अमृत बरसाता है प्रेम शब्द ही जिन्दगी में पहली से आखिरी सांस तक चलायमान है ,, जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 19,,,10,,2024्् ©Shailendra Anand

#karwachouth #लव  White रचना दिनांक ्19््10््2024््
वार ््शनिवार ्
समय सुबह ्््पांच बजे ््
्््निजविचार ््
्््भावचित्र ््््
्््शीर्षक ्््
्््भारतीय संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में गुंथी हुई घटनाओं और परम्पराओं में  ,,
चंद्रमा से अपनी रूह में पति पत्नि परमेश्वर से दर्शन करने वाले ,
करवा पूजन चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है ्््

झिलमिलाते वस्त्र धारण करना और अपने आप में कुछ सपने बुनते हैं ,
जो खून से लथपथ हो प्यारा सा जीवन में एक दर्शन करने वाले चंन्द् माहौल में मस्त रहते हैं ।।
महिलाएं ही जिंदगी में पतिवृता वृत करने वाली करवा चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी पर ,
चंद्र दर्शन करने वाले दर्शन में पति का स्वरूप में आंखें खोल कर देखें रही ,,
मनोकामनी दृश्य दृष्टि दृष्टिकोण से सजाया गया जिसे हम कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी व्रत ,
चन्द्रोदय व्यापिनी से अपनी रूह को कंपकंपा देने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में ,
सिर्फ त्वमेव त्वमेव विद्या से पति और पत्नी दोनों के प्रेम शब्द से जन्मा विचार ही सुन्दर छबि ,
मनोमय प्यारी सी मुस्कान होंठ रख कर मधुर मुस्कान मन्द अधर में लटकी हुई ,
चन्द्रोदय में जीवन यापन कर रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा गई है।।
 प्रेम की अन्तिम समर्पित करिष्यामि,,
 नमन वन्दंनीय ्््
भावचित्र छबि ही सुन्दर और सार्थक और सारगर्भित आलेख में जीवन जरूरी है।।
जो धरती पर साकार लोक में दर्शन भारतीय जनजीवन में कलासाहित्य में,
 मानसिक रूप से धार्मिक तर्क कथन, कथा साहित्य कोश किंवदंतियां प्रचलित है।।
 हमारे समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य में नजर आएंगी 
अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।।
यही सच्चाई देखकर सहसा रुक गई तस्वीर छपी ,,
मेरे दिल के दरवाजे मन दर्पण दर्शन प्रेम में अटूट आस्था रिश्ते में,
 प्यार हो प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।।
चित्र मानस में शास्त्र में प्रकाशवान में एक जीवंत प्रयास कला संस्कृति में गुंथी हुई धुन में,
 मगन मस्त प्यारा सा जीवन है।।
 अमृत बरसाता है प्रेम शब्द ही जिन्दगी में पहली से आखिरी सांस तक चलायमान है ,,
जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
19,,,10,,2024््

©Shailendra Anand

#karwachouth Extraterrestrial life ््भावचित्र ््््् में एक जीवंत कलाकृति होती है धन्यवाद् कवि शैलेंद्र आनंद

14 Love

New Year 2024-25 https://youtu.be/QVlhJfFFRn4?si=d5wyEcAZXf6xZ6kL ©अनुज

#वीडियो #Newyear2024  New Year 2024-25 https://youtu.be/QVlhJfFFRn4?si=d5wyEcAZXf6xZ6kL

©अनुज

#Newyear2024-25 जो भी दोस्त यूट्यूब पर काम करते हो इस लिंक के माध्यम से जोड़ें धन्यवाद 🙏

15 Love

जाना है तुम्हें शौक से जाओ मैं रोकूंगी नहीं तुम्हें चुना भी मैंने था मुझे तुमने नहीं इसीलिए कोई शिकायत भी नहीं करूंगी अपना ख्याल रखना ©{**श्री.. राधा ..**}

#अलविदा #शायरी  जाना है तुम्हें शौक से जाओ मैं रोकूंगी नहीं 
तुम्हें चुना भी मैंने था मुझे तुमने नहीं इसीलिए
 कोई शिकायत भी नहीं करूंगी
अपना ख्याल रखना

©{**श्री.. राधा ..**}

धन्यवाद #अलविदा

21 Love

White रचना दिनांक ्19््10््2024्् वार ््शनिवार ् समय सुबह ्््पांच बजे ्् ्््निजविचार ्् ्््भावचित्र ्््् ्््शीर्षक ््् ्््भारतीय संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में गुंथी हुई घटनाओं और परम्पराओं में ,, चंद्रमा से अपनी रूह में पति पत्नि परमेश्वर से दर्शन करने वाले , करवा पूजन चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है ््् झिलमिलाते वस्त्र धारण करना और अपने आप में कुछ सपने बुनते हैं , जो खून से लथपथ हो प्यारा सा जीवन में एक दर्शन करने वाले चंन्द् माहौल में मस्त रहते हैं ।। महिलाएं ही जिंदगी में पतिवृता वृत करने वाली करवा चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी पर , चंद्र दर्शन करने वाले दर्शन में पति का स्वरूप में आंखें खोल कर देखें रही ,, मनोकामनी दृश्य दृष्टि दृष्टिकोण से सजाया गया जिसे हम कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी व्रत , चन्द्रोदय व्यापिनी से अपनी रूह को कंपकंपा देने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में , सिर्फ त्वमेव त्वमेव विद्या से पति और पत्नी दोनों के प्रेम शब्द से जन्मा विचार ही सुन्दर छबि , मनोमय प्यारी सी मुस्कान होंठ रख कर मधुर मुस्कान मन्द अधर में लटकी हुई , चन्द्रोदय में जीवन यापन कर रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा गई है।। प्रेम की अन्तिम समर्पित करिष्यामि,, नमन वन्दंनीय ््् भावचित्र छबि ही सुन्दर और सार्थक और सारगर्भित आलेख में जीवन जरूरी है।। जो धरती पर साकार लोक में दर्शन भारतीय जनजीवन में कलासाहित्य में, मानसिक रूप से धार्मिक तर्क कथन, कथा साहित्य कोश किंवदंतियां प्रचलित है।। हमारे समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य में नजर आएंगी अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।। यही सच्चाई देखकर सहसा रुक गई तस्वीर छपी ,, मेरे दिल के दरवाजे मन दर्पण दर्शन प्रेम में अटूट आस्था रिश्ते में, प्यार हो प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।। चित्र मानस में शास्त्र में प्रकाशवान में एक जीवंत प्रयास कला संस्कृति में गुंथी हुई धुन में, मगन मस्त प्यारा सा जीवन है।। अमृत बरसाता है प्रेम शब्द ही जिन्दगी में पहली से आखिरी सांस तक चलायमान है ,, जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्् 19,,,10,,2024्् ©Shailendra Anand

#karwachouth #लव  White रचना दिनांक ्19््10््2024््
वार ््शनिवार ्
समय सुबह ्््पांच बजे ््
्््निजविचार ््
्््भावचित्र ््््
्््शीर्षक ्््
्््भारतीय संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में गुंथी हुई घटनाओं और परम्पराओं में  ,,
चंद्रमा से अपनी रूह में पति पत्नि परमेश्वर से दर्शन करने वाले ,
करवा पूजन चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी है ्््

झिलमिलाते वस्त्र धारण करना और अपने आप में कुछ सपने बुनते हैं ,
जो खून से लथपथ हो प्यारा सा जीवन में एक दर्शन करने वाले चंन्द् माहौल में मस्त रहते हैं ।।
महिलाएं ही जिंदगी में पतिवृता वृत करने वाली करवा चतुर्थी व्रत चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी पर ,
चंद्र दर्शन करने वाले दर्शन में पति का स्वरूप में आंखें खोल कर देखें रही ,,
मनोकामनी दृश्य दृष्टि दृष्टिकोण से सजाया गया जिसे हम कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी व्रत ,
चन्द्रोदय व्यापिनी से अपनी रूह को कंपकंपा देने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण में ,
सिर्फ त्वमेव त्वमेव विद्या से पति और पत्नी दोनों के प्रेम शब्द से जन्मा विचार ही सुन्दर छबि ,
मनोमय प्यारी सी मुस्कान होंठ रख कर मधुर मुस्कान मन्द अधर में लटकी हुई ,
चन्द्रोदय में जीवन यापन कर रही है प्रेम शब्द में प्राणपण लफ्ज़ में समा गई है।।
 प्रेम की अन्तिम समर्पित करिष्यामि,,
 नमन वन्दंनीय ्््
भावचित्र छबि ही सुन्दर और सार्थक और सारगर्भित आलेख में जीवन जरूरी है।।
जो धरती पर साकार लोक में दर्शन भारतीय जनजीवन में कलासाहित्य में,
 मानसिक रूप से धार्मिक तर्क कथन, कथा साहित्य कोश किंवदंतियां प्रचलित है।।
 हमारे समाज सभ्यता संस्कृति में, समकालीन परिदृश्य में नजर आएंगी 
अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय है।।
यही सच्चाई देखकर सहसा रुक गई तस्वीर छपी ,,
मेरे दिल के दरवाजे मन दर्पण दर्शन प्रेम में अटूट आस्था रिश्ते में,
 प्यार हो प्यारा सा जीवन फूलों से सजाया गया है।।
चित्र मानस में शास्त्र में प्रकाशवान में एक जीवंत प्रयास कला संस्कृति में गुंथी हुई धुन में,
 मगन मस्त प्यारा सा जीवन है।।
 अमृत बरसाता है प्रेम शब्द ही जिन्दगी में पहली से आखिरी सांस तक चलायमान है ,,
जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
19,,,10,,2024््

©Shailendra Anand

#karwachouth Extraterrestrial life ््भावचित्र ््््् में एक जीवंत कलाकृति होती है धन्यवाद् कवि शैलेंद्र आनंद

14 Love

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