White ये जो दोहरा चरित्र है बड़ा ही विचित्र है
ना ही किसी का शत्रु है ना ही किसी का मित्र है
क्या उसका अस्तित्व है, क्या उसका अस्तित्व है
कहीं पे हां, कहीं पे ना
कहीं पे मुस्कुरा दिये स्पष्ट कुछ ना कह सके
बातें सभी घुमा दिये
जो कुछ यहां पर सत्य है ना बात उसकी कीजिये
चर्चा ही किस बात की जब काम वो ना कीजिये
राम का मुखौटा रावण का चरित्र है
मचं पर लड़ते हैं सब घर में सभी ही मित्र हैं
जो हमसे आकर मिल गये पापी सभी पवित्र हैं
चांदी है चंद लोगों की जनता अब भी, अपवित्र है
पहले वाली चलचित्र में नायक बहूत सही था वो
पर आज के चलचित्र में खलनायक का चरित्र है
ये जो दोहरा चरित्र है
बड़ा ही विचित्र है
©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
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