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New kumbh rashi today Status, Photo, Video

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New Year 2025 हम नये लोग, नई सोच रखते है, रात के 12 बजे केक काट के, पाश्चात्य न्यू ईयर मानते है, पर न्यू ईयर का अर्थ इन सब से क्या, सार्थक कर पाते है.? अपने परिवार के लिए समय निकाल, अपने बुजुर्गों को अपने साथ बिठा लो, अपने सारे जरूरी काम से दूरी बना, अपने परमात्मा के पास हाजिरी लगा लो, अगर हो ये आपके हर दिन की शुरुआत, तो ही न्यू ईयर मनाने मे होगी कोई बात 🙏 ©Rashi

#कविता #Newyear2025 #Rashi  New Year 2025 हम नये लोग, 
नई सोच रखते है,
रात के 12 बजे केक काट के,
पाश्चात्य न्यू ईयर मानते है, 
पर न्यू ईयर का अर्थ इन सब से क्या,
 सार्थक कर पाते है.?

अपने परिवार के लिए समय निकाल,
 अपने बुजुर्गों को अपने साथ बिठा लो,
अपने सारे जरूरी काम से दूरी बना,
 अपने परमात्मा के पास हाजिरी लगा लो,
अगर हो ये आपके हर दिन की शुरुआत,
तो ही न्यू ईयर मनाने मे होगी कोई बात 🙏

©Rashi

Unsplash दिल मे गुबार हो लाखो पर कहो ना किसी से, समझो ना अपना किसी को, बनाओ ना अपना किसी को, हो अगर कोई आने को करीब उनसे दूरी बना लो जरूर से.... अपनेपन और परायेपन की पहचान, बस आंखों से ही हो जाती है अब, अपना बनाने की कोशिश में, जो दिए हाथ कभी, वो हाथ तो प्यार से पकडते है, पर झटके से छोड़, हमें अकेला कर निकल पड़ते है, लोगो को अपना बनाने की कला, भारी पड़ती है हमें, जिन्हें अपना बना के साथ चले, वो तो मुझे पीछे धकेल कर, किसी और के साथ आगे निकल गये, वो समझते है कि हम कुछ समझते ही नहीं, पर हम जीतनी समझ रखते है, शायद, वे इतनी समझ रखते भी नहीं... फिर भी मैं खुश हूं उन सब के लिए, जिन्होंने मेरा उपयोग किया, जीवन से उन्हें मैने निकल दिया, दुखों का अंबार मुझे पर आया, फिर मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि, भगवान ने मुझे जीवन का इतना कुछ, अनुभाव सिखाया.... ©Rashi

#कविता #Rashi #snow  Unsplash  दिल मे गुबार हो लाखो
पर कहो ना किसी से,
समझो ना अपना किसी को, 
बनाओ ना अपना किसी को,
हो अगर कोई आने को करीब
उनसे दूरी बना लो जरूर से....

अपनेपन और परायेपन की पहचान,
 बस आंखों से ही हो जाती है अब,
अपना बनाने की कोशिश में,
 जो दिए हाथ कभी, 
वो हाथ तो प्यार से पकडते है, 
पर झटके से छोड़,
हमें अकेला कर निकल पड़ते है,

लोगो को अपना बनाने की कला,
 भारी पड़ती है हमें, 
 जिन्हें अपना बना के साथ चले,
वो तो मुझे पीछे धकेल कर,
 किसी और के साथ आगे निकल गये, 
वो समझते है कि हम कुछ समझते ही नहीं,
पर हम जीतनी समझ रखते है, 
शायद, वे इतनी समझ रखते भी नहीं...

फिर भी मैं खुश हूं उन सब के  लिए,
जिन्होंने मेरा उपयोग किया, 
जीवन से उन्हें मैने निकल दिया,
दुखों का अंबार मुझे पर आया,
फिर मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि, 
भगवान ने मुझे जीवन का इतना कुछ,
 अनुभाव सिखाया....

©Rashi

#snow #Rashi

14 Love

Google जिनकी बुद्धी का कम , वफ़ादारी का ज्यादा, उठाया गया ऐसे वफादार पूर्व पंतप्रधान को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏 ©Rashi

#Manmohan_Singh_Dies #विचार #Rashi  Google  जिनकी बुद्धी का कम ,
वफ़ादारी का ज्यादा,
 उठाया गया  

ऐसे वफादार पूर्व पंतप्रधान को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏

©Rashi
#Bhakti

story of Maha Kumbh bhakti

72 View

White जीवन इतनी सरल नहीं होती, जितनी लगती है, पर समझते भी कहां है लोग, हर समय खुद को बेहतर, बनाने से ज्यादा, दूसरे को मिली खुशी से, दुखी होते नजर आते है लोग... उसे पाने मे कि गयी तपस्या को, कोई नहीं देखता, उसे मिली रही खुशी पर नजर लगाते है लोग... ©Rashi

#कविता #love_shayari #Rashi  White जीवन इतनी सरल नहीं होती,
जितनी लगती है,
पर समझते भी कहां है लोग,
हर समय खुद को बेहतर,
बनाने से ज्यादा,
दूसरे को मिली खुशी से,
दुखी होते नजर आते है लोग...
उसे पाने मे कि गयी तपस्या को, 
कोई नहीं देखता,
उसे मिली रही खुशी पर नजर लगाते है लोग...

©Rashi

White kau sa asa saal hoga jab chhath pr aankh na roya higa kaun sa asa saal hoga jab hamne ye chhath ko khaya na hoga har bar aakhan bahne lagti hai maan bhai hone lagta hai sab kuchh hoge hoe bhi ye chhath me sab kuchh khone lagta hai cha kar bhi nahi ja pate aanpe ghar chah kr bhi nahi kr pate ye pavan parv ab maa me bhi shakti nahi ki vo bhi kr le ye katdin vart ab to ghar pe koi karta bhi nahi ye maha parv, bahut yaad aate hai vo bachpan ke din jab chhath pr sab milte the ek hi ghar angan me sab ghat jane ka hota tha alag hi raunak sab kuchh shudh sudh sa hota tha pavan man me ulas bahiri rahti thi pure barson tak ghar aagan agle saal ke chath ka hogamta tha aash ka arabh ye chhat bahi ham bihariyon ka maha varv hai man bhavan miss u Ranchi ©Rashi

#कविता #happy_diwali #Rashi  White kau sa asa saal hoga jab chhath pr aankh na roya higa
kaun sa asa saal hoga jab hamne ye chhath ko khaya na hoga
har bar aakhan bahne lagti hai
maan bhai hone lagta hai
sab kuchh hoge hoe bhi
ye chhath me sab kuchh khone lagta hai
cha kar bhi nahi ja pate aanpe ghar
chah kr bhi nahi kr pate ye pavan parv
ab maa me bhi shakti nahi ki vo bhi kr le ye katdin vart
ab to ghar pe koi karta bhi nahi ye maha parv,
bahut yaad aate hai vo bachpan ke din
jab chhath pr sab milte the ek hi ghar angan me sab
ghat jane ka hota tha alag hi raunak
sab kuchh shudh sudh sa hota tha pavan
man me ulas bahiri rahti thi pure barson tak ghar aagan
agle saal ke chath ka hogamta tha aash ka arabh
ye chhat bahi ham bihariyon ka maha varv hai man bhavan
miss u Ranchi

©Rashi

New Year 2025 हम नये लोग, नई सोच रखते है, रात के 12 बजे केक काट के, पाश्चात्य न्यू ईयर मानते है, पर न्यू ईयर का अर्थ इन सब से क्या, सार्थक कर पाते है.? अपने परिवार के लिए समय निकाल, अपने बुजुर्गों को अपने साथ बिठा लो, अपने सारे जरूरी काम से दूरी बना, अपने परमात्मा के पास हाजिरी लगा लो, अगर हो ये आपके हर दिन की शुरुआत, तो ही न्यू ईयर मनाने मे होगी कोई बात 🙏 ©Rashi

#कविता #Newyear2025 #Rashi  New Year 2025 हम नये लोग, 
नई सोच रखते है,
रात के 12 बजे केक काट के,
पाश्चात्य न्यू ईयर मानते है, 
पर न्यू ईयर का अर्थ इन सब से क्या,
 सार्थक कर पाते है.?

अपने परिवार के लिए समय निकाल,
 अपने बुजुर्गों को अपने साथ बिठा लो,
अपने सारे जरूरी काम से दूरी बना,
 अपने परमात्मा के पास हाजिरी लगा लो,
अगर हो ये आपके हर दिन की शुरुआत,
तो ही न्यू ईयर मनाने मे होगी कोई बात 🙏

©Rashi

Unsplash दिल मे गुबार हो लाखो पर कहो ना किसी से, समझो ना अपना किसी को, बनाओ ना अपना किसी को, हो अगर कोई आने को करीब उनसे दूरी बना लो जरूर से.... अपनेपन और परायेपन की पहचान, बस आंखों से ही हो जाती है अब, अपना बनाने की कोशिश में, जो दिए हाथ कभी, वो हाथ तो प्यार से पकडते है, पर झटके से छोड़, हमें अकेला कर निकल पड़ते है, लोगो को अपना बनाने की कला, भारी पड़ती है हमें, जिन्हें अपना बना के साथ चले, वो तो मुझे पीछे धकेल कर, किसी और के साथ आगे निकल गये, वो समझते है कि हम कुछ समझते ही नहीं, पर हम जीतनी समझ रखते है, शायद, वे इतनी समझ रखते भी नहीं... फिर भी मैं खुश हूं उन सब के लिए, जिन्होंने मेरा उपयोग किया, जीवन से उन्हें मैने निकल दिया, दुखों का अंबार मुझे पर आया, फिर मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि, भगवान ने मुझे जीवन का इतना कुछ, अनुभाव सिखाया.... ©Rashi

#कविता #Rashi #snow  Unsplash  दिल मे गुबार हो लाखो
पर कहो ना किसी से,
समझो ना अपना किसी को, 
बनाओ ना अपना किसी को,
हो अगर कोई आने को करीब
उनसे दूरी बना लो जरूर से....

अपनेपन और परायेपन की पहचान,
 बस आंखों से ही हो जाती है अब,
अपना बनाने की कोशिश में,
 जो दिए हाथ कभी, 
वो हाथ तो प्यार से पकडते है, 
पर झटके से छोड़,
हमें अकेला कर निकल पड़ते है,

लोगो को अपना बनाने की कला,
 भारी पड़ती है हमें, 
 जिन्हें अपना बना के साथ चले,
वो तो मुझे पीछे धकेल कर,
 किसी और के साथ आगे निकल गये, 
वो समझते है कि हम कुछ समझते ही नहीं,
पर हम जीतनी समझ रखते है, 
शायद, वे इतनी समझ रखते भी नहीं...

फिर भी मैं खुश हूं उन सब के  लिए,
जिन्होंने मेरा उपयोग किया, 
जीवन से उन्हें मैने निकल दिया,
दुखों का अंबार मुझे पर आया,
फिर मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि, 
भगवान ने मुझे जीवन का इतना कुछ,
 अनुभाव सिखाया....

©Rashi

#snow #Rashi

14 Love

Google जिनकी बुद्धी का कम , वफ़ादारी का ज्यादा, उठाया गया ऐसे वफादार पूर्व पंतप्रधान को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏 ©Rashi

#Manmohan_Singh_Dies #विचार #Rashi  Google  जिनकी बुद्धी का कम ,
वफ़ादारी का ज्यादा,
 उठाया गया  

ऐसे वफादार पूर्व पंतप्रधान को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏

©Rashi
#Bhakti

story of Maha Kumbh bhakti

72 View

White जीवन इतनी सरल नहीं होती, जितनी लगती है, पर समझते भी कहां है लोग, हर समय खुद को बेहतर, बनाने से ज्यादा, दूसरे को मिली खुशी से, दुखी होते नजर आते है लोग... उसे पाने मे कि गयी तपस्या को, कोई नहीं देखता, उसे मिली रही खुशी पर नजर लगाते है लोग... ©Rashi

#कविता #love_shayari #Rashi  White जीवन इतनी सरल नहीं होती,
जितनी लगती है,
पर समझते भी कहां है लोग,
हर समय खुद को बेहतर,
बनाने से ज्यादा,
दूसरे को मिली खुशी से,
दुखी होते नजर आते है लोग...
उसे पाने मे कि गयी तपस्या को, 
कोई नहीं देखता,
उसे मिली रही खुशी पर नजर लगाते है लोग...

©Rashi

White kau sa asa saal hoga jab chhath pr aankh na roya higa kaun sa asa saal hoga jab hamne ye chhath ko khaya na hoga har bar aakhan bahne lagti hai maan bhai hone lagta hai sab kuchh hoge hoe bhi ye chhath me sab kuchh khone lagta hai cha kar bhi nahi ja pate aanpe ghar chah kr bhi nahi kr pate ye pavan parv ab maa me bhi shakti nahi ki vo bhi kr le ye katdin vart ab to ghar pe koi karta bhi nahi ye maha parv, bahut yaad aate hai vo bachpan ke din jab chhath pr sab milte the ek hi ghar angan me sab ghat jane ka hota tha alag hi raunak sab kuchh shudh sudh sa hota tha pavan man me ulas bahiri rahti thi pure barson tak ghar aagan agle saal ke chath ka hogamta tha aash ka arabh ye chhat bahi ham bihariyon ka maha varv hai man bhavan miss u Ranchi ©Rashi

#कविता #happy_diwali #Rashi  White kau sa asa saal hoga jab chhath pr aankh na roya higa
kaun sa asa saal hoga jab hamne ye chhath ko khaya na hoga
har bar aakhan bahne lagti hai
maan bhai hone lagta hai
sab kuchh hoge hoe bhi
ye chhath me sab kuchh khone lagta hai
cha kar bhi nahi ja pate aanpe ghar
chah kr bhi nahi kr pate ye pavan parv
ab maa me bhi shakti nahi ki vo bhi kr le ye katdin vart
ab to ghar pe koi karta bhi nahi ye maha parv,
bahut yaad aate hai vo bachpan ke din
jab chhath pr sab milte the ek hi ghar angan me sab
ghat jane ka hota tha alag hi raunak
sab kuchh shudh sudh sa hota tha pavan
man me ulas bahiri rahti thi pure barson tak ghar aagan
agle saal ke chath ka hogamta tha aash ka arabh
ye chhat bahi ham bihariyon ka maha varv hai man bhavan
miss u Ranchi

©Rashi
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