रचना दिनांक ्््8,,,,10,,,,,,2024,
,,वार,,,, मंगलवार,,,
समय,,, सुबह,,, पांच बजे
्््््निज,,, विचार ्््
्््शीर्षक ््््
्््भावचित्र ्््
््््््शारदीय नवरात्र शरदरीतु अश्विनमासे मासे शारदीय नवरात्र पर्व,,
काल षष्ठी तिथि मां शब्द में प्राणपण समर्पण भाव से ,
मां कात्यायनी देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास जिले देवास में,
खुशहाली और उसके बदले में कुछ अरमान जगाती हैं।।
मां चामुण्डा देवी तुलजा भवानी के सानिध्य में ,
मां कात्यायनी देवी के श्रीचरणों में शैलेंद्र आनंद,,
सबकी बातें रश्मि प्रभा के सुर्य प्रभात में मनोकामना पूर्ण करे ।।
मां चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी देवास वासियों ,
की मंगलमय मंगलाचार हो ््््।
मैं तो आपके लिए एक ही पल क्षण भर का पानी का बुलबुला हूं,,
आपके विचार सच में ही रमता जोगी बहता पानी बन कर रचता बसता हूं।।
जो जीवन आपने दिया वह अपरिवर्तनशील दस्तावेज,,
उदगम स्थल पर निश्चित समय काल की बेला में,
आपकी चरणारविन्द का एक पूष्प हूं।।
आप चाहें तो हम जैसे की राह में खोज रही है,,
प्रेम शब्द और अर्थ भाव से पुजा अर्चना सिंह रुप में दक्षायणी देवी,,
मां कात्यायनी देवी ने मेरे नगर में पधारी है।।
मां कात्यायनी देवी पालकी में बैठकर आयी है ,,
हम दिलों से पूजा करने वाले इस गन्धर्व नगरी देवास से अपने अक्क्ष जल से स्नान अंजलि से चरणोदक पुजा का अवसर मिला है।।
हम दिलों से सजाया गया यह मनमंन्दिर में सृजन करना ही जिंदगी है,,
मां मैं ठहरा भीखमंगा पागल दिवाना तेरे चरणों का मुझे सीधे अपने चरणों में स्थान दो ।।
आनंद कंद मूल फल पत्ते पत्तियां फल आहार बन गया जिसे मैं जानता हूं ,,
काल कर्म महाकाल गति प्रगति अवगति सदगति स्वयंभू मणिधर धरा रसातलं नागलोक में एक जीवंत प्रयास करें,,
पूजा करने वाली मां कात्यायनी देवी का पुजारी बनकर।।
मैं शैलेंद्र आनंद अपने कर्म से भाग्य विधाता सर्वग्य आप ही जिंदगी है ,,
मेरी आप रक्षा करो देवि त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी कमला कमलाक्षी देवी,, महालक्ष्मी दैवीय शक्तियां नमोस्तुते नमोस्तुते नमोस्तुते नमस्ते अस्तु,
कर्मणा सहजता सरलता विनम़ता ही जिंदगी है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््््
8,,,,,,10,,,,2024,,,
©Shailendra Anand
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