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New विद्यार्थ्यांना प्रेरणादायी भाषण Status, Photo, Video

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गर जिंदगी के समर मे विजयी होना है; बाद किस्मत पर अपने नही रोना है, तो सम्भल जा है अब भी समय तेरे पास; वक्त है वो रतन जिसे नहीं खोना है। ©एल जी शर्मा

#कविता  गर जिंदगी के समर मे विजयी होना है;
बाद किस्मत पर अपने नही रोना है,
तो सम्भल जा है अब भी समय तेरे पास;
वक्त है वो रतन जिसे नहीं खोना है।

©एल जी शर्मा

प्रेरणादायी कविता हिंदी

11 Love

White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! हो जाय न पथ में रात कहीं, मंज़िल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! बच्चे प्रत्याशा में होंगे, नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! मुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊँ किसके हित चंचल? यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! ©Aman Kumar

#कविता  White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ
 यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

©Aman Kumar

प्रेरणादायी कविता हिंदी

17 Love

गर जिंदगी के समर मे विजयी होना है; बाद किस्मत पर अपने नही रोना है, तो सम्भल जा है अब भी समय तेरे पास; वक्त है वो रतन जिसे नहीं खोना है। ©एल जी शर्मा

#कविता  गर जिंदगी के समर मे विजयी होना है;
बाद किस्मत पर अपने नही रोना है,
तो सम्भल जा है अब भी समय तेरे पास;
वक्त है वो रतन जिसे नहीं खोना है।

©एल जी शर्मा

प्रेरणादायी कविता हिंदी

11 Love

White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! हो जाय न पथ में रात कहीं, मंज़िल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! बच्चे प्रत्याशा में होंगे, नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! मुझसे मिलने को कौन विकल? मैं होऊँ किसके हित चंचल? यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है! दिन जल्दी-जल्दी ढलता है! ©Aman Kumar

#कविता  White दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
हो जाय न पथ में रात कहीं,
मंज़िल भी तो है दूर नहीं
यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
बच्चे प्रत्याशा में होंगे,
नीड़ों से झाँक रहे होंगॆ
 यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
मुझसे मिलने को कौन विकल?
मैं होऊँ किसके हित चंचल?
यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विह्वलता है!
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

©Aman Kumar

प्रेरणादायी कविता हिंदी

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