tags

New कवि का सम्बोधयति * Status, Photo, Video

Find the latest Status about कवि का सम्बोधयति * from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about कवि का सम्बोधयति *.

  • Latest
  • Popular
  • Video

green-leaves रचनात्मक कार्यों को परखना तन मन को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत रहीं हमारी आत्मा जो मानवता पर शोध करने वाली शक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश को अखिल विश्व में जनजागरण यात्रा ही जिंदगी है।। दिनांक 2जनवरी 2025, वार। गूरुवार समय सुबह पांच ब जे ्््भावचित्र ् ् ््निज विचार ् ्््शीर्षक ्् ््््पंचपल्लव, पंच परमेश्वर, छाया चित्र में, दृष्टि भास अभास, प्रतिभास ,अनुमान, , से ही आनंद दे सकता है , ्यह शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाला अभ्योदय उदय सुर्योदय ईश कृपा प्राप्त होती है ्् नवीनतम प्रतिक्रियाएं और अपने विचार रखे ताकि हम अनुसरण करें ,, आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन कर देख रहा है। अन्जान से चलने वाला भावचित्र शीर्षक से एक अहसास हो रहा है,, ईश्वर सत्य और स्वपन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द से बना हुआ ।। आनंद मस्ती छाई हुई श्रंगार श्रंखला बनाकर रख कर देख रहा है,, ईश्वर सत्य सनातन सुन्दर शिव मय स्मृति चिन्ह प्रदान करने वाले अच्छे लगते है।। त्वमेव तत्वों में से एक है जो कि एक पूजा करने वाले में शिवतत्व शैव शैल शैली में,, शिलाओं पर ख्यालों का चरित्र चित्रण करने वाले चित्र वीथिका चित्रण में मानव जीवन समाहित है।। कलाकृति कल्पना शक्ति पूंज आत्मिक शांति चित्र में दिखाया गया है,, राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है और विनम्रता साज सज्जा से जन्मा आत्म सम्मान से, सम्मानित जीवन में भी इन्सानी मानस में शास्त्र में प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है समान रूप है।। सत्य मेव सम्प्रभुता में एक बार एक नया मोड़ परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद 2जनवरी 2025, ©Shailendra Anand

#विचार #GreenLeaves  green-leaves रचनात्मक कार्यों को परखना तन मन को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत रहीं हमारी आत्मा जो मानवता पर शोध करने वाली शक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश को अखिल विश्व में जनजागरण यात्रा ही जिंदगी है।। दिनांक 2जनवरी 2025,
वार।   गूरुवार 
समय  सुबह पांच ब जे
्््भावचित्र ् ्
््निज विचार ्
्््शीर्षक ््
््््पंचपल्लव,  पंच परमेश्वर, छाया चित्र में, दृष्टि भास अभास,
 प्रतिभास ,अनुमान, , से  ही आनंद दे सकता है ,
्यह शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाला अभ्योदय उदय सुर्योदय ईश कृपा प्राप्त होती है ््

नवीनतम प्रतिक्रियाएं और अपने विचार रखे ताकि हम अनुसरण करें ,,
 आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन कर देख रहा है।
अन्जान से चलने वाला भावचित्र शीर्षक से एक अहसास हो रहा है,,
 ईश्वर सत्य और स्वपन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द से बना हुआ ।।
आनंद मस्ती छाई हुई श्रंगार श्रंखला बनाकर रख कर देख रहा है,,
 ईश्वर सत्य सनातन सुन्दर शिव मय स्मृति चिन्ह प्रदान करने वाले अच्छे लगते है।।
त्वमेव तत्वों में से एक है जो कि एक पूजा करने वाले में शिवतत्व शैव शैल शैली में,,
शिलाओं पर ख्यालों का चरित्र चित्रण करने वाले चित्र वीथिका चित्रण में मानव जीवन समाहित है।।
कलाकृति कल्पना शक्ति पूंज आत्मिक शांति चित्र में दिखाया गया है,,
राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है और विनम्रता साज सज्जा से जन्मा आत्म सम्मान से,
 सम्मानित जीवन में भी इन्सानी मानस में शास्त्र में प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है समान रूप है।।
सत्य मेव सम्प्रभुता में एक बार एक नया मोड़ परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद
2जनवरी 2025,

©Shailendra Anand

#GreenLeaves नये अच्छे विचार आज का विचार कवि शैलेंद्र आनंद

15 Love

रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,, वार बुधवार समय सुबह पांच बजे ्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में, एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ््् ््निज विचार ्् ्भावचित्र ् भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ् वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है, देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,, ्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,, यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ् मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में, रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।। ।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,, थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में, सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।। चौरासी लख जणम जोणि में,, पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।। माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे , माखण मिश्री की मटकी फोड़ी, ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से , माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।। तण मण जोगण बरसाणा में,, लागी लगण राधिका श्याम में।।5।। मण धण में जींव म्हारो घट में,, लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।। मण आंन्दणो जाणो माणो,, गौरक्षधामणो में पंछी बणके, रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।। प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,, चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ् 4, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand

#भक्ति  रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,,
वार   बुधवार 
समय सुबह  पांच  बजे
्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, 
यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में,
 एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ्््
््निज विचार ््
्भावचित्र ्
भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर
ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ्
वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए
ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है,
देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा
और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,,
्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल 
सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,,
यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ्
मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में,
रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।।
।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,,
थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में,
 सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।।
चौरासी लख जणम जोणि में,,
पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।।
माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे ,
माखण मिश्री की मटकी फोड़ी,
ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से ,
माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।।
तण मण जोगण बरसाणा में,,
लागी लगण राधिका श्याम में।।5।।
मण धण में जींव म्हारो घट में,,
लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।।
मण आंन्दणो जाणो माणो,,
गौरक्षधामणो में पंछी बणके,
रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।।
प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,,
चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।।

््कवि शैलेंद्र आनंद ्
4, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

11 Love

रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024 वार मंगलवार समय सुबह दस बजे ््भाव रस से भावचित्र ्् ्निज विचार ् ्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ्् ््् ,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,, ़्् कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण, सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान अधार करंहि,, लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।। छल माया मोह ््मद सब धर्मों में, भेद नहीं भाव नहीं है, सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में , प्राण वायु सब कुछ एक है,, ््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्् 3,, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand

#भक्ति  रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024
वार  मंगलवार
समय सुबह दस बजे
््भाव रस से भावचित्र ््
्निज विचार ्
्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में
 प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में
माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित 
भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं
 ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ््
्््
,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,,
़््
कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण,
सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान  अधार करंहि,,
 लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, 
दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।।
छल माया मोह ््मद सब धर्मों में,
भेद नहीं भाव नहीं है,
सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में ,
प्राण वायु सब कुछ एक है,,
््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
3,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

9 Love

green-leaves रचनात्मक कार्यों को परखना तन मन को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत रहीं हमारी आत्मा जो मानवता पर शोध करने वाली शक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश को अखिल विश्व में जनजागरण यात्रा ही जिंदगी है।। दिनांक 2जनवरी 2025, वार। गूरुवार समय सुबह पांच ब जे ्््भावचित्र ् ् ््निज विचार ् ्््शीर्षक ्् ््््पंचपल्लव, पंच परमेश्वर, छाया चित्र में, दृष्टि भास अभास, प्रतिभास ,अनुमान, , से ही आनंद दे सकता है , ्यह शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाला अभ्योदय उदय सुर्योदय ईश कृपा प्राप्त होती है ्् नवीनतम प्रतिक्रियाएं और अपने विचार रखे ताकि हम अनुसरण करें ,, आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन कर देख रहा है। अन्जान से चलने वाला भावचित्र शीर्षक से एक अहसास हो रहा है,, ईश्वर सत्य और स्वपन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द से बना हुआ ।। आनंद मस्ती छाई हुई श्रंगार श्रंखला बनाकर रख कर देख रहा है,, ईश्वर सत्य सनातन सुन्दर शिव मय स्मृति चिन्ह प्रदान करने वाले अच्छे लगते है।। त्वमेव तत्वों में से एक है जो कि एक पूजा करने वाले में शिवतत्व शैव शैल शैली में,, शिलाओं पर ख्यालों का चरित्र चित्रण करने वाले चित्र वीथिका चित्रण में मानव जीवन समाहित है।। कलाकृति कल्पना शक्ति पूंज आत्मिक शांति चित्र में दिखाया गया है,, राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है और विनम्रता साज सज्जा से जन्मा आत्म सम्मान से, सम्मानित जीवन में भी इन्सानी मानस में शास्त्र में प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है समान रूप है।। सत्य मेव सम्प्रभुता में एक बार एक नया मोड़ परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद 2जनवरी 2025, ©Shailendra Anand

#विचार #GreenLeaves  green-leaves रचनात्मक कार्यों को परखना तन मन को पढ़कर अभ्यास से संघर्षरत रहीं हमारी आत्मा जो मानवता पर शोध करने वाली शक्ति को राह दिखाने वाले इस संदेश को अखिल विश्व में जनजागरण यात्रा ही जिंदगी है।। दिनांक 2जनवरी 2025,
वार।   गूरुवार 
समय  सुबह पांच ब जे
्््भावचित्र ् ्
््निज विचार ्
्््शीर्षक ््
््््पंचपल्लव,  पंच परमेश्वर, छाया चित्र में, दृष्टि भास अभास,
 प्रतिभास ,अनुमान, , से  ही आनंद दे सकता है ,
्यह शक्ति दिव्यता प्रदान करने वाला अभ्योदय उदय सुर्योदय ईश कृपा प्राप्त होती है ््

नवीनतम प्रतिक्रियाएं और अपने विचार रखे ताकि हम अनुसरण करें ,,
 आख्यान संहिता दर्शन मन दर्पण प्रेम दर्शन कर देख रहा है।
अन्जान से चलने वाला भावचित्र शीर्षक से एक अहसास हो रहा है,,
 ईश्वर सत्य और स्वपन में एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द से बना हुआ ।।
आनंद मस्ती छाई हुई श्रंगार श्रंखला बनाकर रख कर देख रहा है,,
 ईश्वर सत्य सनातन सुन्दर शिव मय स्मृति चिन्ह प्रदान करने वाले अच्छे लगते है।।
त्वमेव तत्वों में से एक है जो कि एक पूजा करने वाले में शिवतत्व शैव शैल शैली में,,
शिलाओं पर ख्यालों का चरित्र चित्रण करने वाले चित्र वीथिका चित्रण में मानव जीवन समाहित है।।
कलाकृति कल्पना शक्ति पूंज आत्मिक शांति चित्र में दिखाया गया है,,
राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है और विनम्रता साज सज्जा से जन्मा आत्म सम्मान से,
 सम्मानित जीवन में भी इन्सानी मानस में शास्त्र में प्रकाशवान जो सुर्य तेज पुंज सम है समान रूप है।।
सत्य मेव सम्प्रभुता में एक बार एक नया मोड़ परिवर्तन शील समाज सभ्यता संस्कृति है।।
्््््कवि शैलेंद्र आनंद
2जनवरी 2025,

©Shailendra Anand

#GreenLeaves नये अच्छे विचार आज का विचार कवि शैलेंद्र आनंद

15 Love

रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,, वार बुधवार समय सुबह पांच बजे ्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में, एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ््् ््निज विचार ्् ्भावचित्र ् भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ् वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है, देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,, ्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,, यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ् मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में, रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।। ।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,, थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में, सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।। चौरासी लख जणम जोणि में,, पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।। माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे , माखण मिश्री की मटकी फोड़ी, ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से , माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।। तण मण जोगण बरसाणा में,, लागी लगण राधिका श्याम में।।5।। मण धण में जींव म्हारो घट में,, लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।। मण आंन्दणो जाणो माणो,, गौरक्षधामणो में पंछी बणके, रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।। प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,, चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ् 4, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand

#भक्ति  रचना दिनांक। 4,, दिसंबर,,2024,,
वार   बुधवार 
समय सुबह  पांच  बजे
्््भाव से काम कर रहे वह आज चेहरे पर मुस्कान लिये अधरो की मुस्कान बने,, 
यही मेरी स्वरचित कविता भाव में स्थित सोच पर जिंदगी में,
 एक स्वर पुकार नाद प्रेम शब्द ही आनंद है ्््
््निज विचार ््
्भावचित्र ्
भावचित्र में सनातन वैदिक विचारधारा शाश्वत सत्यता पर
ख्यालात अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर सकते हैं ्
वर्तमान समय में जिस प्रकार निराकार साकार लोक में भ़मण करते हुए
ईश्वर रुप में भारतीय नागरिक मतदाता होने पर एक दिलचस्प बात यह है,
देश में अवाम में खुशहाली आती है तो देश आगे बढ़ेगा
और आज हमारे देश में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा आयोजित सेवा में समर्पित करिष्यामि नमन वन्दंनीय है,,
्््भावचित्र है मां गौमाता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर सकल 
सनातन विचार सच में एक जीवंत प्रयास करें ,,
यही भाव से मेरी स्वरचित रचना में मालवी भाषा में, कुछ लिखने का प्रयास किया गया है ्शीर्षक ्
मनुज जणम जोणि में धरम करम का रोणा में,
रौवे जींव जगत का‌ मैला ढोने लाग्या रै््।।1।।
।म्हणे मनुज जणम पायोजी मैंने,,
थाके सेवाणी गौवंश गौसेवा में,
 सजल नयन अश्रुजल से,नहलायो तन मन को।।2।।
चौरासी लख जणम जोणि में,,
पण मण धण में जींव म्हारो असो लांगे।।3।।
माणो गौरक्षधाम प्यारों श्याम सुंदर णे ,
माखण मिश्री की मटकी फोड़ी,
ग्वाल धेनूबाल संग वन में रोटीयां से ,
माखण सब कुछ,बांटचुटकर खावी जावे।।4।।
तण मण जोगण बरसाणा में,,
लागी लगण राधिका श्याम में।।5।।
मण धण में जींव म्हारो घट में,,
लुफ्त है प्राण असो प्यारो लांगे रै।।6।।
मण आंन्दणो जाणो माणो,,
गौरक्षधामणो में पंछी बणके,
रचिया बसिया चुगणा लाग्या।।7।।
प्रेम भक्ति का दाणा चुगिणे ,,
चाल्या अपणा अपणा घोंसला में।।8।।

््कवि शैलेंद्र आनंद ्
4, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

11 Love

रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024 वार मंगलवार समय सुबह दस बजे ््भाव रस से भावचित्र ्् ्निज विचार ् ्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ्् ््् ,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,, ़्् कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण, सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान अधार करंहि,, लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।। छल माया मोह ््मद सब धर्मों में, भेद नहीं भाव नहीं है, सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में , प्राण वायु सब कुछ एक है,, ््कवि््शैलेन्द़ आनंद ्् 3,, दिसंबर 2024,, ©Shailendra Anand

#भक्ति  रचना दिनांक 3 दिसम्बर 2024
वार  मंगलवार
समय सुबह दस बजे
््भाव रस से भावचित्र ््
्निज विचार ्
्््छाया चित्र में दिखाया गया जिसे हम इस नश्वर शरीर में
 प्राण वायु और पंचतत्व से बना हुआ प्राणतत्व में
माया मोह में फंसे हुए जीवन में कर्मलीला कर्मशील नायक बम्हदेव वरदानित 
भाव है क्या देव असुर, यक्ष, किन्नर, गन्धर्व, मनुज देह है प्राण गंवाए है मारिच असूर सर्वग्य भाव में निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं
 ब़म्हकर्मसाक्ष्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम है ््
्््
,,निज मानस स्वरचित है भावचित्र स्वज्ञान है,,
़््
कंचन मृग मारिच असूर,मन हरण,
सियाजानकी रघुराज लीला करत ,मारिचप्रान  अधार करंहि,,
 लखन राम राम उच्चारण ही हरण,शरण, 
दासहनुं््यमदूत शोकविनाशमं काल है,।।
छल माया मोह ््मद सब धर्मों में,
भेद नहीं भाव नहीं है,
सब कर्म भूमि पर जातक जींवजीवाश्म प्राणी में ,
प्राण वायु सब कुछ एक है,,
््कवि््शैलेन्द़ आनंद ््
3,, दिसंबर 2024,,

©Shailendra Anand

भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद

9 Love

Trending Topic