Pyar Shayari की खत मैंने कभी लिखा नहीं प्यार मुझे कभी दिखा नहीं
तभी तो प्यार किसी से किया नहीं
पर मोहब्बत में बनी इमारतों में
जुड़े हुए दिल के जज्बातों में
बातों से लेकर उनके खयालातों में
कुछ तो महसूस किया है की कुछ तो हैं,
जो लगाव बन जाता हैं वक्त के साथ
दिल की राहत बन जाता है
जो कभी ना रूठे कभी ना छूटे कभी ना टूटे
एक ऐसी चाहत बन जाता है और
रूठ जाने पर अंदर से टूट जाने की आदत बन जाता हैं,
तभी तो प्यार जिसे मैं क्या कहूं
एक ख्याल कहूं या जिंदगी का एक सवाल कहूं
जो नींद चैन को उड़ा गया जज्बातों को बहा गया
और जब रहा न गया एहसास से
तो बता दिया उसने विश्वास से
और सब बदल गया इस प्यार से।
©–Muku2001
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