tags

New सन्तोषम परम सुखम Status, Photo, Video

Find the latest Status about सन्तोषम परम सुखम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about सन्तोषम परम सुखम.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#भक्ति #navratri  
कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो,  
हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है।
आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा,
महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है।
कात्यायनी मां…….

ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी,
आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है।
कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर,
धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है।
कात्यायनी मां………..

पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता,
पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है।
द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां,
त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है।
कात्यायनी मां…………..

मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार,
तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है।
चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो,
अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है।
कात्यायनी मां …………..

©IG @kavi_neetesh

कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन

135 View

#Khan_sir_motivation❣️🌈 #मोटिवेशनल #santrampaljimaharaj #motivate

शास्त्र अनुकूल भक्ति क्या है? 🏮अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर Visit करें | ➡️ 🏮सुनिए बाख़बर परम संत रामपाल जी

135 View

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

===========================

©बेजुबान शायर shivkumar
#कवितावाचक #भक्ति #femalerealvoice #bankebihari #tarukikalam

राधा रानी के 28 नाम के जप मात्र से जीवन की सभी व्याधि नष्ट हो जाती है, राधे राधे 🙏 . . राधा रासेश्वरी रम्या कृष्णमन्त्राधिदेवता। सर्वाद्या

144 View

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

13 Love

#भक्ति

भगवती विंध्यवासिनी के बारे में कुछ खास बातेंः     विंध्यवासिनी को विंध्याचल की देवी भी कहा जाता है. विंध्यवासिनी को आदि शक्ति माना जाता

81 View

#भक्ति #navratri  
कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो,  
हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है।
आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा,
महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है।
कात्यायनी मां…….

ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी,
आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है।
कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर,
धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है।
कात्यायनी मां………..

पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता,
पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है।
द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां,
त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है।
कात्यायनी मां…………..

मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार,
तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है।
चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो,
अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है।
कात्यायनी मां …………..

©IG @kavi_neetesh

कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन

135 View

#Khan_sir_motivation❣️🌈 #मोटिवेशनल #santrampaljimaharaj #motivate

शास्त्र अनुकूल भक्ति क्या है? 🏮अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel पर Visit करें | ➡️ 🏮सुनिए बाख़बर परम संत रामपाल जी

135 View

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

===========================

©बेजुबान शायर shivkumar
#कवितावाचक #भक्ति #femalerealvoice #bankebihari #tarukikalam

राधा रानी के 28 नाम के जप मात्र से जीवन की सभी व्याधि नष्ट हो जाती है, राधे राधे 🙏 . . राधा रासेश्वरी रम्या कृष्णमन्त्राधिदेवता। सर्वाद्या

144 View

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।। मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो । और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो । ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते - मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।। बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना । हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना । जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया - अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।। यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया । हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया । अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता - यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक :-
जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना ।
जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना ।
नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये-
यही कृपा अब नाथ , बनाये हम पर रहना ।।

मातु-पिता है बृद्ध , तनिक सेवा तो कर लो ।
और तनय का धर्म , निभाकर झोली भर लो ।
ऐसे अवसर नित्य , नही जीवन में आते -
मिले परम पद आप , तनिक धीरज तो धर लो ।।

बनकर हरि का दास , भक्ति का पहनूँ गहना ।
हर क्षण मुख पे राम , बोल फिर क्या है कहना ।
जगे हमारे भाग्य , शरण जो उनकी पाया -
अब तो उनका नाम , हमें सुमिरन है करना ।।

यह तन मिट्टी जान , जलायी हमने काया ।
हृदय बिठाकर राम , राम को हमने पाया ।
अब तो आठों याम , उन्हीं का सुमिरन होता -
यह मन उनका धाम , उन्ही की सारी माया ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक :- जीवन भर अब नाथ , तुम्हारा बनकर रहना । जैसे राखो आप , यहाँ पर हमको रहना । नही लोभ औ मोह , कभी जीवन में आये- यही कृपा अब नाथ , बनाये

13 Love

#भक्ति

भगवती विंध्यवासिनी के बारे में कुछ खास बातेंः     विंध्यवासिनी को विंध्याचल की देवी भी कहा जाता है. विंध्यवासिनी को आदि शक्ति माना जाता

81 View

Trending Topic