White मैने प्रेम का हर एहसास,तुमसे ही तो पाया है।
इसी लिए मन के मंदिर में, तुझको यार बसाया है।
ना मै मोहन ना तू राधा,तेरे बिन ये तन मन आधा।
संग तेरे जो हम जीते थे,कट जाती थी सारी बाधा।
हर एक लम्हे के संग संग,सांसों में भी तू समाया है।
इसी लिए मन के मंदिर में,तुझको यार बसाया है।।
मेरे पतझड़ से जीवन में,तू तो सावन बन आई है।
ऐसा लगता है अब मुझको,तू राधा की परछाई है।
तेरी सूरत तेरी ही मूरत,बाद ना कुछ भी भाया है।
इसी लिए मन के मंदिर में,तुझको यार बसाया है।।
अब तेरी ही यादों में रोता,अंशु संग सो जाता हूं।
जैसे तेरा हो सकता हूं,अब वैसे ही हो जाता हूं।।
प्रेम से बढ़ के कोई नहीं है,तूने ही तो सिखाया है।
इसी लिए मन के मंदिर में,तुझको यार बसाया है।
©Anand singh बबुआन
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