White प्यार-व्यार दूर होकर मैं आया इस पार,
तेरे यार जैसा मीलेगा ना तुझे दूजा यार,
तारीख याद कर बेटे था वो इतिहास का,
चार चार बानवें , वो दिन था शनिवार।।
(04- 04- 1992)
Fake बातें करूँ ना मैं बाते करूं सीधी,
देसी Hip -Hop की बताऊं तुझे विधि,
दिल से इज्जत करूँ मैं तो हर एक नारी की,
दिखावे के लिए किसी को कहता ना दीदी।।
सुनो, इश्क़ के रास्तों में कभी भी आने का नहीं,
किसी ओर के हक का कभी खाने का नहीं,
वो चाहने के दावे तुझे करेगी हर रोज,
पर वो बुलाती है, मगर जाने का नहीं।।
हाँ, देख... यहाँ कौन आया वापस,
लिखूं मैं नज़्म तब जलते कागज़,
हां, फक्र है मुझे खुद अपनी कला पे,
लिखूं ना फिज़ूल, मैं लिखता जायज़।।
©Rahul Lohat
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