काश मै एक पत्थर होती, कितना भी तोड़े जाने पर दर्द नही होता
काश मै एक कठपुतली होती, कितना भी इशारों पर चलने पर दुख नही होता
काश मै एक फूल होती, कितना भी टूटने पर हिम्मत ना खोती
काश मे एक आग होती, कितना भी जलने पर सम्मान ना खोती
काश मै एक पेड़ होती, कितना भी कटने पर मुस्कान ना खोती
काश मैं एक बर्फ होती, कितना भी पिघलने पर शर्म ना खोती
काश मै एक तारा होती, कितना भी टूटने पर साहस ना खोती
काश मै एक चाँद होती, कितना भी दाग होने पर भी चरित्रहीन ना होती
काश मै एक बारिश होती, कितना भी गिरने पर बेज़्ज़ती ना होती
काश मै एक इंसान ना होती...
कितना ही दर्द होने पर आँसू ना बहाती...
©sakhi_1310
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