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New लेखी परीक्षेच्या मर्यादा Status, Photo, Video

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#कवितावाचक #devotionally_krishu_taru #विचार #femalerealvoice #tarukikalam

हमारी वास्तविक आवाज हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक हमारे संस्कार युवा पीढ़ी विधा विचारनुमा भाषा शैली हिन्दी . .

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🗣 -  हर स्त्री को अपनी मर्यादा सीखनी चाहिए  !!   मर्यादा स्त्री को सिखाये जाने के साथ पुरुष को भी         सिखाई जानी चाहिए औरत आगे से बुलाएगी तो मर्द तो जाएगा ही...         आख़िर क्यूं जाएगा मर्द...??      क्या उसका चरित्र इतना कमजोर है,         कि उसे ख़ुद की मर्यादा का ज्ञान नहीं...? ©Shalini Pandey

#विचार  🗣 -  हर स्त्री को अपनी मर्यादा सीखनी चाहिए  !! 

  मर्यादा स्त्री को सिखाये जाने के साथ पुरुष को भी         सिखाई जानी चाहिए
 औरत आगे से बुलाएगी तो मर्द तो जाएगा ही...
        आख़िर क्यूं जाएगा मर्द...??
     क्या उसका चरित्र इतना कमजोर है, 
        कि उसे ख़ुद की मर्यादा का ज्ञान नहीं...?

©Shalini Pandey

मर्यादा

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White बिछोड़ सुखी डाली जन, लगुली दगड़ी लिटेगे छौँ सुभौ देखी वींकू "राज",मि सब तरफु बटी लुटेगे छौ भूख तीस भूली गे छौ, माया कू इनु लगी रोग चट मारी अंग्वाल मिल, अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ सौं करार सबि हूंणा छा, जिकुड़ी हेर फेर हूंण वली छै वेदमंत्र मांगल चलणा छा,अर मुंदड़ी बि वखमा धरी छै यो घनघोर मायदार, निहोण्या स्वीणा मेरु निंद खुलदा ही निर्भगी,दूध जन उमाल सी खतेगे छौ चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ कबि नी हून्दा यो स्वीणा पूरा, अदबटा माया रै जांदी या थामी हथ दूर तक लीजै की, बाटू सर बिरड़ै जांदी या लोकारी बथु मा अब नी आण, टक लगै सूणी ले "राज " ई माया की आग मा मि, खुटु बटी मुंड तक फुकेगे छौ चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ ©Saurabh Raj Sauri

 White बिछोड़ सुखी डाली जन, लगुली दगड़ी लिटेगे छौँ
सुभौ देखी वींकू "राज",मि सब तरफु बटी लुटेगे छौ 
भूख तीस भूली गे छौ, माया कू इनु लगी रोग
चट मारी अंग्वाल मिल, अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ


सौं करार सबि हूंणा छा, जिकुड़ी हेर फेर हूंण वली छै 
वेदमंत्र मांगल चलणा छा,अर मुंदड़ी बि वखमा धरी छै 
यो घनघोर मायदार, निहोण्या स्वीणा मेरु 
निंद खुलदा ही निर्भगी,दूध जन उमाल सी खतेगे छौ 
चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ


कबि नी हून्दा यो स्वीणा पूरा, अदबटा माया रै जांदी या 
थामी हथ दूर तक लीजै की, बाटू सर बिरड़ै जांदी या 
लोकारी बथु मा अब नी आण, टक लगै सूणी ले "राज "
ई माया की आग मा मि, खुटु बटी मुंड तक फुकेगे छौ 
चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ

©Saurabh Raj Sauri

खुद बटोली लेखी च 😔

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#कवितावाचक #devotionally_krishu_taru #विचार #femalerealvoice #tarukikalam

हमारी वास्तविक आवाज हमारी वास्तविक आवाज शीर्षक हमारे संस्कार युवा पीढ़ी विधा विचारनुमा भाषा शैली हिन्दी . .

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🗣 -  हर स्त्री को अपनी मर्यादा सीखनी चाहिए  !!   मर्यादा स्त्री को सिखाये जाने के साथ पुरुष को भी         सिखाई जानी चाहिए औरत आगे से बुलाएगी तो मर्द तो जाएगा ही...         आख़िर क्यूं जाएगा मर्द...??      क्या उसका चरित्र इतना कमजोर है,         कि उसे ख़ुद की मर्यादा का ज्ञान नहीं...? ©Shalini Pandey

#विचार  🗣 -  हर स्त्री को अपनी मर्यादा सीखनी चाहिए  !! 

  मर्यादा स्त्री को सिखाये जाने के साथ पुरुष को भी         सिखाई जानी चाहिए
 औरत आगे से बुलाएगी तो मर्द तो जाएगा ही...
        आख़िर क्यूं जाएगा मर्द...??
     क्या उसका चरित्र इतना कमजोर है, 
        कि उसे ख़ुद की मर्यादा का ज्ञान नहीं...?

©Shalini Pandey

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White बिछोड़ सुखी डाली जन, लगुली दगड़ी लिटेगे छौँ सुभौ देखी वींकू "राज",मि सब तरफु बटी लुटेगे छौ भूख तीस भूली गे छौ, माया कू इनु लगी रोग चट मारी अंग्वाल मिल, अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ सौं करार सबि हूंणा छा, जिकुड़ी हेर फेर हूंण वली छै वेदमंत्र मांगल चलणा छा,अर मुंदड़ी बि वखमा धरी छै यो घनघोर मायदार, निहोण्या स्वीणा मेरु निंद खुलदा ही निर्भगी,दूध जन उमाल सी खतेगे छौ चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ कबि नी हून्दा यो स्वीणा पूरा, अदबटा माया रै जांदी या थामी हथ दूर तक लीजै की, बाटू सर बिरड़ै जांदी या लोकारी बथु मा अब नी आण, टक लगै सूणी ले "राज " ई माया की आग मा मि, खुटु बटी मुंड तक फुकेगे छौ चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ ©Saurabh Raj Sauri

 White बिछोड़ सुखी डाली जन, लगुली दगड़ी लिटेगे छौँ
सुभौ देखी वींकू "राज",मि सब तरफु बटी लुटेगे छौ 
भूख तीस भूली गे छौ, माया कू इनु लगी रोग
चट मारी अंग्वाल मिल, अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ


सौं करार सबि हूंणा छा, जिकुड़ी हेर फेर हूंण वली छै 
वेदमंत्र मांगल चलणा छा,अर मुंदड़ी बि वखमा धरी छै 
यो घनघोर मायदार, निहोण्या स्वीणा मेरु 
निंद खुलदा ही निर्भगी,दूध जन उमाल सी खतेगे छौ 
चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ


कबि नी हून्दा यो स्वीणा पूरा, अदबटा माया रै जांदी या 
थामी हथ दूर तक लीजै की, बाटू सर बिरड़ै जांदी या 
लोकारी बथु मा अब नी आण, टक लगै सूणी ले "राज "
ई माया की आग मा मि, खुटु बटी मुंड तक फुकेगे छौ 
चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ

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