White बिछोड़ सुखी डाली जन, लगुली दगड़ी लिटेगे छौँ
सुभौ देखी वींकू "राज",मि सब तरफु बटी लुटेगे छौ
भूख तीस भूली गे छौ, माया कू इनु लगी रोग
चट मारी अंग्वाल मिल, अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ
सौं करार सबि हूंणा छा, जिकुड़ी हेर फेर हूंण वली छै
वेदमंत्र मांगल चलणा छा,अर मुंदड़ी बि वखमा धरी छै
यो घनघोर मायदार, निहोण्या स्वीणा मेरु
निंद खुलदा ही निर्भगी,दूध जन उमाल सी खतेगे छौ
चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ
कबि नी हून्दा यो स्वीणा पूरा, अदबटा माया रै जांदी या
थामी हथ दूर तक लीजै की, बाटू सर बिरड़ै जांदी या
लोकारी बथु मा अब नी आण, टक लगै सूणी ले "राज "
ई माया की आग मा मि, खुटु बटी मुंड तक फुकेगे छौ
चट मारी अंग्वाल मिल,अर प्रीत गैल भिंटेगे छौँ
©Saurabh Raj Sauri
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