प्रेम सिर्फ शारीरिक नहीं होता है
प्रेम किसी व्यक्ति से नहीं होता है,
प्रेम व्यक्तित्व से होता है,
इंसान के व्यवहार से होता है,
किसी की बातों से जब मन को खुशी मिलती है,
किसी की परवाह जब आपको सुकून देती है,
आप कितने अनमोल है उसके लिए,
जब आपको कोई ये महसूस कराता है,
अपने व्यस्त समय में भी,
जो आपके लिए समय निकालता है
रोज आँख खुलते ही जो आपको याद करता है,
जो आपकी आवाज सुनने के लिए
सारा दिन इंतजार करता है,
जिससे झगडा करने के बाद भी
उसके मनाने का इंतजार रहता है,
किसी की बातें सोचकर
आपके चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है,
पूरी दुनिया की खुशी में भी
एक इंसान की कमी
आपको उदास कर देती है
बस यही है प्रेम की परिभाषा...है।
©Matangi Upadhyay( चिंका )
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