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White हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है, हवाओ मे बहता हुआ बातों की बाते करता है, मुस्कुराता मोह मोहि के मोह में, फिर एक नया बहाना ढूंढ़ता है । काली अंधेरी चादर में चुपके से, चंचल चित तकता है, बातों ही बातों में न जाने कितनी बाते बुनता है, फिर एक नया बहाना ढूंढता है। छू कर रजनी सी रश्मी, कुछ कौतुक सी बाते करता है, न जाने कैसी सी बाते करता है, न जाने कौन सी बाते सुनता है । एकांत अनवरत सी चित गंगा में, कोलाहल और ध्वनि संगीत सुनता है, प्रसंग प्रीत सब रीत यही है, हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है.... प्रेरणा "युक्ता" ©Prerana"Yukta"

#कविता #Moon  White हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है,
हवाओ मे बहता हुआ बातों की बाते करता है,
मुस्कुराता मोह मोहि के मोह में,
फिर एक नया बहाना ढूंढ़ता है ।

काली अंधेरी चादर में चुपके से,
चंचल चित तकता है,
बातों ही बातों में न जाने कितनी बाते बुनता है,
फिर एक नया बहाना ढूंढता है।

छू कर रजनी सी रश्मी,
कुछ कौतुक सी बाते करता है,
 न जाने कैसी सी बाते करता है,
न जाने  कौन सी बाते सुनता है ।

एकांत अनवरत  सी चित गंगा में,
कोलाहल और ध्वनि संगीत  सुनता है,
प्रसंग प्रीत सब रीत यही है,
हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है....   
                                           प्रेरणा "युक्ता"

©Prerana"Yukta"

#Moon

20 Love

White सोच रहा हूँ, कह ही दूँ मैं अपने दिल की बात को, अपने चाँद के सामने इस पूनम की रात को... ©Deven(बदनसीब सुख़नवर)

#कविता #Moon  White सोच रहा हूँ, कह ही दूँ मैं अपने दिल की बात को,

अपने चाँद के सामने इस पूनम की रात को...

©Deven(बदनसीब सुख़नवर)

#Moon

13 Love

White हर्षित मन, शीतल गगन, शीतलता से भरी ये पवन, राग नया गुनगुना रही है,, खुशियों का समा, मन रमा, तपन से मुक्ति, शीत थमा, शरद ऋतू केसी आ रही है,,, अमृत बरसे, मन हर्ष हरषै, सब नैन मिलाये अम्बर से, शरद ऋतू ऐसी भा रही है,,, कृष्ण का रास, आज़ रात, गोपिया जोहे आज़ की बाट, गोपिया कृष्ण को पा रही है,,, सोलह कला, शशि ले चला, इठला जग निहारे चन्द्रकला,, सोलह कला जग पे छा रही है,,, चहके चकोर, मन में उठा शोर, चांदनी बरसे आज रात घनघोर, चांदनी चकोर को लुभा रही है,,, सौंदर्य प्रतीक, प्रेम पथिक, आभा है ऐसी अलौकिक, कलम मेरी रचना रचा रही है,,, शीतमय जग, शीतलता रग रग, श्रृद्धा शीश झुके, खुशि पग पग, शरद पूर्णिमा महत्व बता रही है,,, ✍️नितिन कुवादे.. ©Nitin Kuvade

#कविता #Moon  White हर्षित  मन, शीतल  गगन,
शीतलता से भरी  ये पवन,
राग  नया  गुनगुना  रही है,,

खुशियों का समा, मन रमा,
तपन से मुक्ति, शीत  थमा,
शरद ऋतू  केसी आ रही है,,,

अमृत बरसे, मन हर्ष हरषै,
सब नैन मिलाये अम्बर से,
शरद ऋतू ऐसी भा रही है,,,

कृष्ण का  रास, आज़ रात,
गोपिया जोहे आज़ की बाट,
गोपिया कृष्ण को पा रही है,,,

सोलह कला, शशि ले चला,
इठला जग निहारे चन्द्रकला,,
सोलह कला जग पे छा रही है,,,

चहके चकोर, मन में उठा शोर,
चांदनी बरसे आज रात घनघोर,
चांदनी चकोर को लुभा रही है,,,

सौंदर्य  प्रतीक,  प्रेम पथिक,
आभा  है  ऐसी  अलौकिक,
कलम  मेरी  रचना  रचा  रही है,,,

शीतमय  जग, शीतलता रग रग,
श्रृद्धा शीश झुके, खुशि पग पग,
शरद पूर्णिमा महत्व बता रही है,,,

✍️नितिन कुवादे..

©Nitin Kuvade

#Moon

14 Love

White ख्वाइश तो.. रहती है.. तेरी.. बाहों का उसे..! पर.. रात के बहाने से.. कोई.. आ जाता है.. आग़ोश में.. तेरी.! ©Jaya ki kalam (R)

#Quotes #Moon  White ख्वाइश तो..
रहती है..
तेरी..
बाहों का उसे..! 

पर..
रात के बहाने से..
कोई..
आ जाता है..
आग़ोश में..
तेरी.!

©Jaya ki kalam (R)

#Moon

16 Love

थोड़ी देर को तू छुप जा कहीं.. उनके ख़्वाबों को मेहफूज़ आने दे मुझ तक.! ©Jaya ki kalam (R)

#Quotes #Moon  थोड़ी देर को तू छुप जा कहीं.. 
उनके ख़्वाबों को मेहफूज़ आने दे मुझ तक.!

©Jaya ki kalam (R)

#Moon

14 Love

#Sad_shayri #Moon  White lakan se lau jo lafz jo tujhe sunai de
sab dekhe chand ko
aur tu sirf mujhe dikhayi de!

©Samruddhi

#Sad_shayri #Moon#Moon love shayari

81 View

White हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है, हवाओ मे बहता हुआ बातों की बाते करता है, मुस्कुराता मोह मोहि के मोह में, फिर एक नया बहाना ढूंढ़ता है । काली अंधेरी चादर में चुपके से, चंचल चित तकता है, बातों ही बातों में न जाने कितनी बाते बुनता है, फिर एक नया बहाना ढूंढता है। छू कर रजनी सी रश्मी, कुछ कौतुक सी बाते करता है, न जाने कैसी सी बाते करता है, न जाने कौन सी बाते सुनता है । एकांत अनवरत सी चित गंगा में, कोलाहल और ध्वनि संगीत सुनता है, प्रसंग प्रीत सब रीत यही है, हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है.... प्रेरणा "युक्ता" ©Prerana"Yukta"

#कविता #Moon  White हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है,
हवाओ मे बहता हुआ बातों की बाते करता है,
मुस्कुराता मोह मोहि के मोह में,
फिर एक नया बहाना ढूंढ़ता है ।

काली अंधेरी चादर में चुपके से,
चंचल चित तकता है,
बातों ही बातों में न जाने कितनी बाते बुनता है,
फिर एक नया बहाना ढूंढता है।

छू कर रजनी सी रश्मी,
कुछ कौतुक सी बाते करता है,
 न जाने कैसी सी बाते करता है,
न जाने  कौन सी बाते सुनता है ।

एकांत अनवरत  सी चित गंगा में,
कोलाहल और ध्वनि संगीत  सुनता है,
प्रसंग प्रीत सब रीत यही है,
हृदय चन्द्रमा ! एक नया बहाना ढूंढता है....   
                                           प्रेरणा "युक्ता"

©Prerana"Yukta"

#Moon

20 Love

White सोच रहा हूँ, कह ही दूँ मैं अपने दिल की बात को, अपने चाँद के सामने इस पूनम की रात को... ©Deven(बदनसीब सुख़नवर)

#कविता #Moon  White सोच रहा हूँ, कह ही दूँ मैं अपने दिल की बात को,

अपने चाँद के सामने इस पूनम की रात को...

©Deven(बदनसीब सुख़नवर)

#Moon

13 Love

White हर्षित मन, शीतल गगन, शीतलता से भरी ये पवन, राग नया गुनगुना रही है,, खुशियों का समा, मन रमा, तपन से मुक्ति, शीत थमा, शरद ऋतू केसी आ रही है,,, अमृत बरसे, मन हर्ष हरषै, सब नैन मिलाये अम्बर से, शरद ऋतू ऐसी भा रही है,,, कृष्ण का रास, आज़ रात, गोपिया जोहे आज़ की बाट, गोपिया कृष्ण को पा रही है,,, सोलह कला, शशि ले चला, इठला जग निहारे चन्द्रकला,, सोलह कला जग पे छा रही है,,, चहके चकोर, मन में उठा शोर, चांदनी बरसे आज रात घनघोर, चांदनी चकोर को लुभा रही है,,, सौंदर्य प्रतीक, प्रेम पथिक, आभा है ऐसी अलौकिक, कलम मेरी रचना रचा रही है,,, शीतमय जग, शीतलता रग रग, श्रृद्धा शीश झुके, खुशि पग पग, शरद पूर्णिमा महत्व बता रही है,,, ✍️नितिन कुवादे.. ©Nitin Kuvade

#कविता #Moon  White हर्षित  मन, शीतल  गगन,
शीतलता से भरी  ये पवन,
राग  नया  गुनगुना  रही है,,

खुशियों का समा, मन रमा,
तपन से मुक्ति, शीत  थमा,
शरद ऋतू  केसी आ रही है,,,

अमृत बरसे, मन हर्ष हरषै,
सब नैन मिलाये अम्बर से,
शरद ऋतू ऐसी भा रही है,,,

कृष्ण का  रास, आज़ रात,
गोपिया जोहे आज़ की बाट,
गोपिया कृष्ण को पा रही है,,,

सोलह कला, शशि ले चला,
इठला जग निहारे चन्द्रकला,,
सोलह कला जग पे छा रही है,,,

चहके चकोर, मन में उठा शोर,
चांदनी बरसे आज रात घनघोर,
चांदनी चकोर को लुभा रही है,,,

सौंदर्य  प्रतीक,  प्रेम पथिक,
आभा  है  ऐसी  अलौकिक,
कलम  मेरी  रचना  रचा  रही है,,,

शीतमय  जग, शीतलता रग रग,
श्रृद्धा शीश झुके, खुशि पग पग,
शरद पूर्णिमा महत्व बता रही है,,,

✍️नितिन कुवादे..

©Nitin Kuvade

#Moon

14 Love

White ख्वाइश तो.. रहती है.. तेरी.. बाहों का उसे..! पर.. रात के बहाने से.. कोई.. आ जाता है.. आग़ोश में.. तेरी.! ©Jaya ki kalam (R)

#Quotes #Moon  White ख्वाइश तो..
रहती है..
तेरी..
बाहों का उसे..! 

पर..
रात के बहाने से..
कोई..
आ जाता है..
आग़ोश में..
तेरी.!

©Jaya ki kalam (R)

#Moon

16 Love

थोड़ी देर को तू छुप जा कहीं.. उनके ख़्वाबों को मेहफूज़ आने दे मुझ तक.! ©Jaya ki kalam (R)

#Quotes #Moon  थोड़ी देर को तू छुप जा कहीं.. 
उनके ख़्वाबों को मेहफूज़ आने दे मुझ तक.!

©Jaya ki kalam (R)

#Moon

14 Love

#Sad_shayri #Moon  White lakan se lau jo lafz jo tujhe sunai de
sab dekhe chand ko
aur tu sirf mujhe dikhayi de!

©Samruddhi

#Sad_shayri #Moon#Moon love shayari

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