tags

New गजगामिनी स्त्री Status, Photo, Video

Find the latest Status about गजगामिनी स्त्री from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about गजगामिनी स्त्री.

  • Latest
  • Popular
  • Video

"विडंबना कहें या स्त्री का दुर्भाग्य" नपुंसक पुरुष हो फिर भी बांझ औरत कहलाती है! ©Shalini Nigam

#स्त्री #शायरी #shayri #writer #yqbaba  "विडंबना कहें या स्त्री का 
दुर्भाग्य"
नपुंसक पुरुष हो फिर भी बांझ 
औरत कहलाती है!

©Shalini Nigam

Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓 ©सूरज

#स्त्री #विचार  Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓

©सूरज

स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे देखते हैं सब अपनी-अपनी ज़रुरतों के हिसाब से... कोई सोचता है उसे एक घटिया और सस्ते उपन्यास की तरह तो कोई घूरता है उत्सुक-सा एक हसीन रङ्गीन चित्रकथा समझ कर ! कुछ पलटते हैं इसके रङ्गीन पन्ने अपना खाली वक़्त गुज़ारने के लिए तो कुछ रख देते हैं घर की लाइब्रेरी में सजा कर किसी बड़े लेखक की कृति की तरह स्टेटस सिम्बल बना कर ! कुछ ऐसे भी हैं जो इसे रद्दी समझ कर पटक देते हैं घर के किसी कोने में तो कुछ बहुत उदार हो कर पूजते हैं मन्दिर में किसी आले में रख कर गीता क़ुरआन बाइबिल जैसे किसी पवित्र ग्रन्थ की तरह ! स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे पृष्ठ दर पृष्ठ कभी कोई पढ़ता नही समझता नही आवरण से ले कर अन्तिम पृष्ठ तक, सिर्फ़ देखता है टटोलता है ! और वो रह जाती है अनबांची, अनअभिव्यक्त, अभिशप्त सी ब्याहता हो कर भी कुआंरी सी, विस्तृत हो कर भी सिमटी सी ! छुए तन में एक अनछुआ मन लिए सदा ही !!! ©Andy Mann

#मोटिवेशनल #स्त्री  स्त्री 
एक क़िताब की तरह होती है जिसे देखते हैं सब अपनी-अपनी ज़रुरतों के हिसाब से...

कोई सोचता है उसे एक घटिया और सस्ते उपन्यास की तरह
तो कोई घूरता है उत्सुक-सा एक हसीन रङ्गीन चित्रकथा समझ कर !
कुछ पलटते हैं इसके रङ्गीन पन्ने अपना खाली वक़्त गुज़ारने के लिए
तो कुछ रख देते हैं घर की लाइब्रेरी में सजा कर किसी बड़े लेखक की कृति की तरह स्टेटस सिम्बल बना कर !
कुछ ऐसे भी हैं जो इसे रद्दी समझ कर पटक देते हैं घर के किसी कोने में
तो कुछ बहुत उदार हो कर पूजते हैं मन्दिर में किसी आले में रख कर गीता क़ुरआन बाइबिल जैसे किसी पवित्र ग्रन्थ की तरह !
स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे पृष्ठ दर पृष्ठ कभी कोई पढ़ता नही समझता नही आवरण से ले कर अन्तिम पृष्ठ तक, सिर्फ़ देखता है टटोलता है !
और वो रह जाती है अनबांची, अनअभिव्यक्त, अभिशप्त सी
ब्याहता हो कर भी कुआंरी सी, विस्तृत हो कर भी सिमटी सी !
छुए तन में एक अनछुआ मन लिए सदा ही !!!

©Andy Mann

#स्त्री @puja udeshi Sangeet... अदनासा- @Ashutosh Mishra @Neel

30 Love

#विचार

शादीशुदा स्त्री

117 View

Unsplash ऐ गौरवर्ण सौंदर्य प्रखर ,ऐ विश्वविमोहिनी चन्द्र छटा..! बिखरे बिखरे लहरायें पवन संग केश कांतिमय काली घटा..! भाल विशाल ,नासिका मनोहर मध्यभाग अश्विन तारा..! कर्णमयूर भ्रमत सुखकानन सुयश गात भूमण्डल सारा..! इन्द्रचाप भृकुटि ललाट झप झप पलकें रजनी प्रभात..! नीलाम्बर अयन नयन विहरे द्विभानु चहुँदिसि करत विभात..! कोकिलाकण्ठ,चंचल चितवन,पल्लवित कुसुम कौमार्य संग..! गजगामिनी, मनभावनी , मन भँवर डोल उठे जलतरंग..! अधरं मधुरं बिच दसनमणि शोभित कपोल तल नीलमणि अवलम्बित रुप रुपसी से, प्रेमातुर घनधनी प्रेममणि..! उद्गम सुख,संगम देहप्रान नखसिख सुन्दर कंचन कंचन..! चन्द्रांग,चकोरहि चक्षु चहै ,हिय प्यास बुझत नहीं कोटि नयन..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#गजगामिनी #कविता  Unsplash ऐ गौरवर्ण सौंदर्य प्रखर ,ऐ विश्वविमोहिनी चन्द्र छटा..!
बिखरे बिखरे लहरायें पवन संग केश कांतिमय काली घटा..!
भाल विशाल ,नासिका मनोहर  मध्यभाग अश्विन तारा..!
कर्णमयूर भ्रमत सुखकानन सुयश गात भूमण्डल सारा..!
इन्द्रचाप भृकुटि ललाट झप झप पलकें रजनी प्रभात..!
नीलाम्बर अयन नयन विहरे द्विभानु चहुँदिसि करत विभात..!
कोकिलाकण्ठ,चंचल चितवन,पल्लवित कुसुम कौमार्य संग..!
गजगामिनी, मनभावनी , मन भँवर डोल उठे जलतरंग..!
अधरं मधुरं बिच दसनमणि शोभित कपोल तल नीलमणि
अवलम्बित रुप रुपसी से, प्रेमातुर घनधनी प्रेममणि..!
उद्गम सुख,संगम देहप्रान नखसिख सुन्दर कंचन कंचन..!
चन्द्रांग,चकोरहि चक्षु चहै ,हिय प्यास बुझत नहीं कोटि नयन..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

"विडंबना कहें या स्त्री का दुर्भाग्य" नपुंसक पुरुष हो फिर भी बांझ औरत कहलाती है! ©Shalini Nigam

#स्त्री #शायरी #shayri #writer #yqbaba  "विडंबना कहें या स्त्री का 
दुर्भाग्य"
नपुंसक पुरुष हो फिर भी बांझ 
औरत कहलाती है!

©Shalini Nigam

Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓 ©सूरज

#स्त्री #विचार  Unsplash अगर आदमी स्त्री को प्रेमिका की नजर से न देखे तो , स्त्री से बेहतर दोस्त इस दुनिया में कोई नहीं ।💓

©सूरज

स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे देखते हैं सब अपनी-अपनी ज़रुरतों के हिसाब से... कोई सोचता है उसे एक घटिया और सस्ते उपन्यास की तरह तो कोई घूरता है उत्सुक-सा एक हसीन रङ्गीन चित्रकथा समझ कर ! कुछ पलटते हैं इसके रङ्गीन पन्ने अपना खाली वक़्त गुज़ारने के लिए तो कुछ रख देते हैं घर की लाइब्रेरी में सजा कर किसी बड़े लेखक की कृति की तरह स्टेटस सिम्बल बना कर ! कुछ ऐसे भी हैं जो इसे रद्दी समझ कर पटक देते हैं घर के किसी कोने में तो कुछ बहुत उदार हो कर पूजते हैं मन्दिर में किसी आले में रख कर गीता क़ुरआन बाइबिल जैसे किसी पवित्र ग्रन्थ की तरह ! स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे पृष्ठ दर पृष्ठ कभी कोई पढ़ता नही समझता नही आवरण से ले कर अन्तिम पृष्ठ तक, सिर्फ़ देखता है टटोलता है ! और वो रह जाती है अनबांची, अनअभिव्यक्त, अभिशप्त सी ब्याहता हो कर भी कुआंरी सी, विस्तृत हो कर भी सिमटी सी ! छुए तन में एक अनछुआ मन लिए सदा ही !!! ©Andy Mann

#मोटिवेशनल #स्त्री  स्त्री 
एक क़िताब की तरह होती है जिसे देखते हैं सब अपनी-अपनी ज़रुरतों के हिसाब से...

कोई सोचता है उसे एक घटिया और सस्ते उपन्यास की तरह
तो कोई घूरता है उत्सुक-सा एक हसीन रङ्गीन चित्रकथा समझ कर !
कुछ पलटते हैं इसके रङ्गीन पन्ने अपना खाली वक़्त गुज़ारने के लिए
तो कुछ रख देते हैं घर की लाइब्रेरी में सजा कर किसी बड़े लेखक की कृति की तरह स्टेटस सिम्बल बना कर !
कुछ ऐसे भी हैं जो इसे रद्दी समझ कर पटक देते हैं घर के किसी कोने में
तो कुछ बहुत उदार हो कर पूजते हैं मन्दिर में किसी आले में रख कर गीता क़ुरआन बाइबिल जैसे किसी पवित्र ग्रन्थ की तरह !
स्त्री एक क़िताब की तरह होती है जिसे पृष्ठ दर पृष्ठ कभी कोई पढ़ता नही समझता नही आवरण से ले कर अन्तिम पृष्ठ तक, सिर्फ़ देखता है टटोलता है !
और वो रह जाती है अनबांची, अनअभिव्यक्त, अभिशप्त सी
ब्याहता हो कर भी कुआंरी सी, विस्तृत हो कर भी सिमटी सी !
छुए तन में एक अनछुआ मन लिए सदा ही !!!

©Andy Mann

#स्त्री @puja udeshi Sangeet... अदनासा- @Ashutosh Mishra @Neel

30 Love

#विचार

शादीशुदा स्त्री

117 View

Unsplash ऐ गौरवर्ण सौंदर्य प्रखर ,ऐ विश्वविमोहिनी चन्द्र छटा..! बिखरे बिखरे लहरायें पवन संग केश कांतिमय काली घटा..! भाल विशाल ,नासिका मनोहर मध्यभाग अश्विन तारा..! कर्णमयूर भ्रमत सुखकानन सुयश गात भूमण्डल सारा..! इन्द्रचाप भृकुटि ललाट झप झप पलकें रजनी प्रभात..! नीलाम्बर अयन नयन विहरे द्विभानु चहुँदिसि करत विभात..! कोकिलाकण्ठ,चंचल चितवन,पल्लवित कुसुम कौमार्य संग..! गजगामिनी, मनभावनी , मन भँवर डोल उठे जलतरंग..! अधरं मधुरं बिच दसनमणि शोभित कपोल तल नीलमणि अवलम्बित रुप रुपसी से, प्रेमातुर घनधनी प्रेममणि..! उद्गम सुख,संगम देहप्रान नखसिख सुन्दर कंचन कंचन..! चन्द्रांग,चकोरहि चक्षु चहै ,हिय प्यास बुझत नहीं कोटि नयन..! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)

#गजगामिनी #कविता  Unsplash ऐ गौरवर्ण सौंदर्य प्रखर ,ऐ विश्वविमोहिनी चन्द्र छटा..!
बिखरे बिखरे लहरायें पवन संग केश कांतिमय काली घटा..!
भाल विशाल ,नासिका मनोहर  मध्यभाग अश्विन तारा..!
कर्णमयूर भ्रमत सुखकानन सुयश गात भूमण्डल सारा..!
इन्द्रचाप भृकुटि ललाट झप झप पलकें रजनी प्रभात..!
नीलाम्बर अयन नयन विहरे द्विभानु चहुँदिसि करत विभात..!
कोकिलाकण्ठ,चंचल चितवन,पल्लवित कुसुम कौमार्य संग..!
गजगामिनी, मनभावनी , मन भँवर डोल उठे जलतरंग..!
अधरं मधुरं बिच दसनमणि शोभित कपोल तल नीलमणि
अवलम्बित रुप रुपसी से, प्रेमातुर घनधनी प्रेममणि..!
उद्गम सुख,संगम देहप्रान नखसिख सुन्दर कंचन कंचन..!
चन्द्रांग,चकोरहि चक्षु चहै ,हिय प्यास बुझत नहीं कोटि नयन..!

©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
Trending Topic