White वो मेरी मंजिल तुझ तक पहुंचने के लिए और कितने संघर्ष करने पड़ेंगे !
माना की ज़िद्दी बहुत हूँ मैं अपने सपनों के लिए पर कब तक हम दुनिया से लड़ेंगे ,
ज़रूरी नहीं कि मेरी जीत ही हो जाये पर अगर मेहनत किया है मैंने अपने सपनों के लिए तो दिल चाहता है कि ये मेहनत कुछ तो अपने रंग दिखाये ,
हा पता है मुझे की हार जाती हूं मैं कभी-कभी और लौट जाना चाहती हूं !
लेकिन आधे रास्ते से लौटना मुनासिब नहीं लगता इसलिए तेरे तक हर हाल में पहुचना चाहती हूँ ,
जानती हूँ कि वक़्त लगेगा लेकिन एक दिन ये ज़रूर होगा,
मेरे मंजिल के करीब पहुंच जाने के बाद कोई तो होगा मेरा जो मुझे दूर से देखकर खुश हो रहा होगा.
काजल सिंह.
©mahi Thakur
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