आई विपदा और मचा शोर।
छाया है तम ऐसा घनघोर ।
विश्व पटल की भूमि पर
है हाहाकार मचा चहुं ओर।
देश भक्ति दिखलाने की ।
ये मुश्किल है तेरी डगर ।
भारत मां तुझसे बोल रही......
थोड़ा ठहर , थोड़ा ठहर ।।
अदृश्य शत्रु में बडा जोर।
यह महाशक्ति नहीं इसका तोड़।
मानव जाति पर विजय हेतु ।
यह मद में घूम रहा चहुं ओर।
घर में रहकर यह लड़ने की
मुश्किल तो तेरी डगर ।
भारत मां तुझसे बोल रही ....
थोड़ा ठहर , थोड़ा ठहर ।।
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