White एक दिन की आत्मकथा
मध्य परिवार की कमाई का आधार जिस पर होता है उसे प्रमार्श तो सब देते है किंतु उसे और उसके हालातों को समझ कर उसकी सहायता कोई नहीं करता। बीमार होने के बावजूद उसको काम पर जाना पड़ता है पर जब एक मजदूर को काम ना मिले तो शाम को उसको घर का दरवाजा नहीं दिखता ,दिखाता है तो सिर्फ काम ,फिक्र घर का,बच्चों को पढ़ाई।
मैं भी बीमार हूं काम पर भी जाना पड़ा साथ वालों ने कहा ,"तुम छूटी क्यों नहीं कर लेती" किसी ने कहा " बीमार तो होगी ना फल खाती हो ना दूध पीती हो ना कभी जूस पीती हो"..... सौभाविक था उनका कहना।
पर मुझे पता है की निमन लोगों के फल रोटियां ही होती है ठंडा पानी उनके लिए जूस
🙏🙏
©Seema Mehra
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