yash gauttam

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White सारा इश्क चांद पर लिख दिया अब सूरज जल रहा है तो परेशान है लोग..... @yg_writes ©yash gauttam

#कविता #summer_vacation  White सारा इश्क चांद पर लिख दिया 
अब सूरज जल रहा है तो 
परेशान है लोग.....
@yg_writes

©yash gauttam

बचपन की यादें, वो यार पुराना जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना साथ किया था हर काम जहान में कर गया वो यूं वीरान घराना वो नानी का आंगन, वो मामा मौसी की टोली अब नही चहकती वहां सबकी बोली फिर से उम्मीद जगा जा ना भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना लमहें जैसे बिसरे बिसरे दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा, बिखरा ये बिसरा ये टूटा है गिर कर सम्हला नहीं क्या करेगा सम्हल कर कितने कसमें वादे रोए , तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए सपनों में, आना जाना , अब बढ़ गया है तुम्हारा काश कहीं से तुम भी आ जाते चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से खैर तुम तो अब आने से रहे फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे ©yash gauttam

#न्यूज़  बचपन की यादें, वो यार पुराना 
जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना
साथ किया था हर काम जहान में
कर गया वो यूं वीरान घराना
वो नानी का आंगन, 
वो मामा मौसी की टोली 
अब नही चहकती वहां सबकी बोली 
फिर से उम्मीद जगा जा ना 
भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना
लमहें जैसे बिसरे बिसरे
दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा,
बिखरा ये बिसरा ये 
टूटा है गिर कर सम्हला नहीं
क्या करेगा सम्हल कर
कितने कसमें वादे रोए , तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए 
सपनों में, आना जाना , अब बढ़ गया है तुम्हारा 
काश कहीं से तुम भी आ जाते
चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से
खैर तुम तो अब आने से रहे 
फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे

©yash gauttam

बचपन की यादें, वो यार पुराना जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना साथ किया था हर काम जहान में कर गया वो यूं वीरान घराना वो नानी का आंगन, वो मामा मौसी की टोली अब नही चहकती वहां सबकी बोली फिर से उम्मीद जगा जा ना भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना लमहें जैसे बिसरे बिसरे दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा, बिखरा ये बिसरा ये टूटा है गिर कर सम्हला नहीं क्या करेगा सम्हल कर कितने कसमें वादे रोए , तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए सपनों में, आना जाना , अब बढ़ गया है तुम्हारा काश कहीं से तुम भी आ जाते चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से खैर तुम तो अब आने से रहे फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे ©yash gauttam

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बचपन की यादें, वो यार पुराना जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना साथ बचपनकिया था हर काम जहान में कर गया वो यूं वीरान घराना वो नानी का आंगन, वो मामा मौसी की टोली अब नही चहकती वहां सबकी बोली फिर से उम्मीद जगा जा ना भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना लमहें जैसे बिसरे बिसरे दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा, बिखरा ये बिसरा ये टूटा है गिर कर सम्हला नहीं क्या करेगा सम्हल कर कितने कसमें वादे रोए , तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए सपनों में, आना जाना , अब बढ़ गया है तुम्हारा काश कहीं से तुम भी आ जाते चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से खैर तुम तो अब आने से रहे , फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे ©yash gauttam

#शायरी  बचपन की यादें, वो यार पुराना 
जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना
साथ बचपनकिया था हर काम जहान में
कर गया वो यूं वीरान घराना
वो नानी का आंगन, 
वो मामा मौसी की टोली 
अब नही चहकती वहां सबकी बोली 
फिर से उम्मीद जगा जा ना 
भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना
लमहें जैसे बिसरे बिसरे
दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा,
बिखरा ये बिसरा ये 
टूटा है गिर कर सम्हला नहीं
क्या करेगा सम्हल कर
कितने कसमें वादे रोए , तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए 
सपनों में, आना जाना , अब बढ़ गया है तुम्हारा 
काश कहीं से तुम भी आ जाते
चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से
खैर तुम तो अब आने से रहे ,
फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे

©yash gauttam

बचपन की यादें, वो यार पुराना जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना साथ बचपनकिया था हर काम जहान में कर गया वो यूं वीरान घराना वो नानी का आंगन, वो मामा मौसी की टोली अब नही चहकती वहां सबकी बोली फिर से उम्मीद जगा जा ना भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना लमहें जैसे बिसरे बिसरे दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा, बिखरा ये बिसरा ये टूटा है गिर कर सम्हला नहीं क्या करेगा सम्हल कर कितने कसमें वादे रोए , तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए सपनों में, आना जाना , अब बढ़ गया है तुम्हारा काश कहीं से तुम भी आ जाते चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से खैर तुम तो अब आने से रहे , फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे ©yash gauttam

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#शायरी  बचपन की यादें, वो यार पुराना 
जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना
साथ बचपनकिया था हर काम जहान में
कर गया वो यूं वीरान घराना
वो नानी का आंगन, 
वो मामा मौसी की टोली 
अब नही चहकती वहां सबकी बोली 
फिर से उम्मीद जगा जा ना 
भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना
लमहें जैसे बिसरे बिसरे
दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा,
बिखरा ये बिसरा ये 
टूटा है गिर कर सम्हला नहीं
क्या करेगा सम्हल कर
कितने कसमें वादे रोए
तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए 
सपनों में, आना जाना 
अब बढ़ गया है तुम्हारा 
काश कहीं से तुम भी आ जाते
चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से,
अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से
खैर तुम तो अब आने से रहे 
फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे

©yash gauttam

बचपन की यादें, वो यार पुराना जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना साथ बचपनकिया था हर काम जहान में कर गया वो यूं वीरान घराना वो नानी का आंगन, वो मामा मौसी की टोली अब नही चहकती वहां सबकी बोली फिर से उम्मीद जगा जा ना भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना लमहें जैसे बिसरे बिसरे दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा, बिखरा ये बिसरा ये टूटा है गिर कर सम्हला नहीं क्या करेगा सम्हल कर कितने कसमें वादे रोए तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए सपनों में, आना जाना अब बढ़ गया है तुम्हारा काश कहीं से तुम भी आ जाते चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से खैर तुम तो अब आने से रहे फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे ©yash gauttam

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सब चिंता दुनिया की खुद धर जो मुस्कराएं चुप रह कर भी कितना कुछ कर जाएं अपनी कितनी इच्छा - ख्वाहिशें, मेरी दुनिया पर वार दिए, पिता ही तो हैं , धरा पर, जिनने जीवन हमारे तार दिए.... पितृ दिवस की शुभकामनाएं #fathersday ©yash gauttam

#विचार #FathersDay  सब चिंता दुनिया की खुद धर 
जो मुस्कराएं 

चुप रह कर भी
कितना कुछ कर जाएं

अपनी कितनी इच्छा - ख्वाहिशें,
मेरी दुनिया पर वार दिए,

पिता ही तो हैं , धरा पर,
जिनने जीवन हमारे
तार दिए....

पितृ दिवस की शुभकामनाएं

#fathersday

©yash gauttam

#FathersDay

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बचपन की यादें, वो यार पुराना जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना साथ किया था हर काम जहान में कर गया वो यूं वीरान घराना वो नानी का आंगन, वो मामा मौसी की टोली बंद पड़ी है सबकी बोली फिर से उम्मीद जगा जा ना भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना लमहें जैसे बिसरे बिसरे दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा, बिखरा ये बिसरा ये टूटा है गिर कर सम्हला नहीं क्या करेगा सम्हल कर कितने कसमें वादे रोए तुम्हें क्या खबर क्या क्या हम खोए सपनों में, आना जाना अब बढ़ गया है तुम्हारा काश कहीं से तुम भी आ जाते चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से, अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से खैर तुम तो अब आने से रहे फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे ©yash gauttam

#ज़िन्दगी #Foggy  बचपन की यादें, वो यार पुराना 
जिसके संग लगता रहा ये जग सुहाना
साथ किया था हर काम जहान में
कर गया वो यूं वीरान घराना
वो नानी का आंगन, 
वो मामा मौसी की टोली 
बंद पड़ी है सबकी बोली 
फिर से उम्मीद जगा जा ना 
भाई मेरे तू बस अब लौट कर आ जाना
लमहें जैसे बिसरे बिसरे
दिल भी अकेले तन्हा ये तन्हा,
बिखरा ये बिसरा ये 
टूटा है गिर कर सम्हला नहीं
क्या करेगा सम्हल कर
कितने कसमें वादे रोए
तुम्हें क्या खबर क्या क्या  हम खोए 
सपनों में,  आना जाना 
अब बढ़ गया है तुम्हारा 
काश कहीं से तुम भी आ जाते
चलता रहा रूठ ज़िन्दगी से,
अनकहा शिकवा लिए टूट ज़िन्दगी से
खैर तुम तो अब आने से रहे 
फिर से मिलने के ख्वाब दिखाने से रहे

©yash gauttam

#Foggy

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