Divya Shrotriya

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I give voice to the emotions that you can't put into words.

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White “तुम जो ये वफा की बड़ी बड़ी बातें करती हो तुम्हारी ठोड़ी का तिल तुम्हारी ‘बेवफाई’ की गवाही देता है"। ©Divya Shrotriya

 White “तुम जो ये वफा की बड़ी बड़ी बातें करती हो
तुम्हारी ठोड़ी का तिल तुम्हारी ‘बेवफाई’ की गवाही देता है"।

©Divya Shrotriya

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18 Love

green-leaves Redamancy He is a shooter, I am a writer. He has guns, I have pens. He has bullets, I have roses. He kills people, I save lives. He takes revenge, I forgive people. He makes people bow down to him,I don't bow down to anyone. He scares people with his strength,I make people aware with my words. He looks at me, I ignore him. He is an enemy, I am a friend. He spreads hatred, I spread love. He takes lives, I give lives. He lives in darkness, I live in light. He loves me, I hate him. He is ready to die for me,I refuse to live for him. He wants to make me his own,I want to save my freedom. He wants to bind me in his love,I want to find freedom in my words. He loves the red color of blood,I love the red color of love. He is a wild lion, I am a cuckoo. He roars, I sing. He likes the sound of gunfire , I prefer the sound of silence. How will this love story begin... ©Divya Shrotriya

#Impossible #Blood #poem #him  green-leaves 
Redamancy

He is a shooter, I am a writer.
He has guns, I have pens.
He has bullets, I have roses.
He kills people, I save lives.
He takes revenge, I forgive people.
He makes people bow down to him,I don't bow down to anyone.
He scares people with his strength,I make people aware with my words.
He looks at me, I ignore him.
He is an enemy, I am a friend.
He spreads hatred, I spread love.
He takes lives, I give lives.
He lives in darkness, I live in light.
He loves me, I hate him.
He is ready to die for me,I refuse to live for him.
He wants to make me his own,I want to save my freedom.
He wants to bind me in his love,I want to find freedom in my words.
He loves the red color of blood,I love the red color of love.
He is a wild lion, I am a cuckoo.
He roars, I sing.
He likes the sound of gunfire , I prefer the sound of silence.

How will this love story begin...

©Divya Shrotriya

#Love #Impossible #him #Blood #poem metaphysical poetry Extraterrestrial life

15 Love

Unsplash He is the sovereign of the night, The keeper of my darkness. I seek him as the world turns still, A being untethered by mortal form, A pure, untouched soul. He dwells beyond the bounds of earth, Perhaps birthed by the whispers of a black hole, Or concealed in the mystic embrace Of the Bermuda Triangle’s enigma. He is my new moon, my untamed dream. I dare not see his face— I only crave his presence, The graze of his bare hand tracing my spine, His lips dancing on my thighs, His breath, a warm current on my neck, His teeth grazing my earlobe. Our limbs entwined as whispers rise, His gaze piercing into my soul, His tongue igniting my hidden bloom, And his face buried Between the soft sanctuary of my flesh. I yearn to lose myself in him, To surrender, to be consumed, To be his entirely. Take me as I am, Be my master. ©Divya Shrotriya

#lovelife #romance #fantasy  Unsplash He is the sovereign of the night,
The keeper of my darkness.
I seek him as the world turns still,
A being untethered by mortal form,
A pure, untouched soul.

He dwells beyond the bounds of earth,
Perhaps birthed by the whispers of a black hole,
Or concealed in the mystic embrace
Of the Bermuda Triangle’s enigma.
He is my new moon, my untamed dream.

I dare not see his face—
I only crave his presence,
The graze of his bare hand tracing my spine,
His lips dancing on my thighs,
His breath, a warm current on my neck,
His teeth grazing my earlobe.

Our limbs entwined as whispers rise,
His gaze piercing into my soul,
His tongue igniting my hidden bloom,
And his face buried
Between the soft sanctuary of my flesh.

I yearn to lose myself in him,
To surrender, to be consumed,
To be his entirely.
Take me as I am,
Be my master.

©Divya Shrotriya

White तुम्हारा मुझे यूं पूछना कि “जब पहली बार मिलूं तो क्या लाऊं तुम्हारे लिए”? मुझे दे गया वो सारे अनमोल उपहार जो चाहती है एक प्रेमिकाअपने प्रेमी से ,एक नायिका अपने नायक से... जो चाहा राधा ने श्याम से, सीता ने राम से,पार्वती ने शिव से और मैंने तुमसे। फिर भी चलो कह देती हूं तुम आओ तो साथ लाना अपना प्यार अपने जज्बात,अपने अनकहे एहसास,अपनी खुशियां,अपने गम,अपने किस्से वो सब जो आता हो तुम्हारे हिस्से तुमसे तुम तक सिमट जाने वाली लड़की तुमसे बस यही चाहती है पहली मुलाकात में। तुम मेरे हिस्से का ‘आकाश’ और मैं तुम्हारे हिस्से की ‘जमीं’।। ©Divya Shrotriya

 White तुम्हारा मुझे यूं पूछना कि “जब पहली बार मिलूं तो क्या लाऊं तुम्हारे लिए”?
मुझे दे गया वो सारे अनमोल उपहार जो चाहती है एक प्रेमिकाअपने प्रेमी से ,एक नायिका अपने नायक से... 
जो चाहा राधा ने श्याम से, सीता ने राम से,पार्वती ने शिव से 
और मैंने तुमसे।
फिर भी चलो कह देती हूं तुम आओ तो साथ लाना अपना प्यार अपने जज्बात,अपने अनकहे एहसास,अपनी खुशियां,अपने गम,अपने किस्से वो सब जो आता हो तुम्हारे हिस्से 
तुमसे तुम तक सिमट जाने वाली लड़की तुमसे बस यही चाहती है पहली मुलाकात में।
तुम मेरे हिस्से का ‘आकाश’ और मैं तुम्हारे हिस्से की ‘जमीं’।।

©Divya Shrotriya

#love_shayari #लव ##कोट्स

13 Love

तुम्हारा मुझे यूं पूछना कि “जब पहली बार मिलूं तो क्या लाऊं तुम्हारे लिए”मुझे दे गया वो सारे अनमोल उपहार जो चाहती है एक प्रेमिका अपने प्रेमी से एक नायिका अपने नायक से... जो चाहा राधा ने श्याम से, सीता ने राम से,पार्वती ने शिव से और मैंने तुमसे।फिर भी चलो कह देती हूं तुम आओ तो साथ लाना अपना प्यार अपने जज्बात तुमसे तुम तक सिमट जाने वाली लड़की तुमसे बस यही चाहती है पहली मुलाकात में। ©Divya Shrotriya

#लव  तुम्हारा मुझे यूं पूछना कि “जब पहली बार मिलूं तो क्या लाऊं तुम्हारे लिए”मुझे दे गया वो सारे अनमोल उपहार जो चाहती है एक प्रेमिका अपने प्रेमी से एक नायिका अपने नायक से... जो चाहा राधा ने श्याम से, सीता ने राम से,पार्वती ने शिव से और मैंने तुमसे।फिर भी चलो कह देती हूं तुम आओ तो साथ लाना अपना प्यार अपने जज्बात तुमसे तुम तक सिमट जाने वाली लड़की तुमसे बस यही चाहती है पहली मुलाकात में।

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#Love #Life

13 Love

White अक्सर यूं तुम आया करते हो मेरे हृदय से निकलकर मेरे मानस पटल पर उकेरते हो अपनी धुंधली छवियां और ललचा जाते हो मेरे मन को और मैं पगलाई अकुलाई सी तुम्हें ढूंढती हूं यहां वहां न जाने कहां कहां। यूं तो मैंने सजा रखी है तुम्हारी छवि मेरे राम सी, जैसे शीतल हैं मेरे राम वैसे शीतल हो तुम। चंद्र से मुख पर सूर्य सा तेज भी रखना तुम। देखना मुझे वैसे ही जैसे देखा था वैदेही को रघुवर ने पहली बार वन में .....मोहित हो जाना एक सुंदर फूल पर भ्रमर जैसे। और मैं चकित हो जाऊं देखकर तुम्हें जैसे देखूं अपने राम को, भरकर अपने नेत्रों में अश्रु जल पूरी हो जाए हर वांछा तुमसे कह न सकूं कि रूक जाओ इसी क्षण अनंत काल के लिए। मैं उस क्षण तोड़ कर सारे बंधनों को बस अनंत तक होना चाहूं तुम्हारी यही वर मैं भी मांगू मां गौरी से कि यही वर हो मेरा। ©Divya Shrotriya

#sad_quotes #soulmate #लव #ishq  White अक्सर यूं तुम आया करते हो मेरे हृदय से निकलकर मेरे मानस पटल पर उकेरते हो अपनी धुंधली छवियां और ललचा जाते हो मेरे मन को और मैं पगलाई अकुलाई सी तुम्हें ढूंढती हूं यहां वहां न जाने कहां कहां।
यूं तो मैंने सजा रखी है तुम्हारी छवि मेरे राम सी, जैसे शीतल हैं मेरे राम वैसे शीतल हो तुम।
 चंद्र से मुख पर सूर्य सा तेज भी रखना तुम। 
देखना मुझे वैसे ही जैसे देखा था वैदेही को रघुवर ने पहली बार वन में .....मोहित हो जाना एक सुंदर फूल पर भ्रमर जैसे। और मैं चकित हो जाऊं देखकर तुम्हें जैसे देखूं अपने राम को, भरकर अपने नेत्रों में अश्रु जल पूरी हो जाए हर वांछा 
तुमसे कह न सकूं कि रूक जाओ इसी क्षण अनंत काल के लिए। 
मैं उस क्षण तोड़ कर सारे बंधनों को बस अनंत तक होना चाहूं तुम्हारी 
यही वर मैं भी मांगू मां गौरी से कि यही वर हो मेरा।

©Divya Shrotriya

#sad_quotes #Love#Love #soulmate #ishq

12 Love

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