(मेरे सपनों की दुनिया)
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कुछ इस तरह की दुनिया होगी।
कुछ इस तरह के फसाने होंगे।
सब लोग तरसेगे हमें देखने के वास्ते।
हम भी उनसे बचने के लिए ढूढते बहाने होगं।
किसी कि ख्वाइशें कम नहीं होंगी।
हमारे जहां में किसी की आंखें नम नहीं होगी।
मुकद्दर समय और तकदीर हमारी मुट्ठी में कैद होगी।
जो हमें नहीं करता पसंद उसके लिए भी हमारी दुनिया में जगह होगी।
by Rishu Kumar
सदका भी दे दिया है नजर भी उतार दी,
दौलत सुकून चेन्न की सब मुझपे बार दी,
कल शाम मैने क्या कहा तबीयत खराब है,
मां ने तमाम राते दुआओ में गुजार दी,
by Rishu kumar
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