कहीं पहुंचने के लिए कहीं से निकालना जरूरी है
अगर चांद की शीतलता देखनी है,
तो सूरज का डलना भी जरूरी है।
जो जरूरी नहीं वो ये कहना कि,
आदमी अपनी भावनाएं नहीं दिखा सकते।
वो रो सकता है उससे बात तो करो
ना जाने कितने आंसू वो दबा चुका हसी के पीछे
उस से पूछ के तो देखो।
ग़म बाटने से कोई तुम्हे कमजोर नहीं कहेगा
बात तो करके देखो ।
मेरी मानो तो ज़िन्दगी में एक दोस्त हमेशा ऐसा रखो
जिसे जब चाहो बुला सको उसपे चिला सको
बस हार मत मानो यार
तुम बहुत कुछ कर सकते हो
भरोसा तो रखना सीखो
भरोसा तो रखना सीखो।
NAVAL RAWAT
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