Jeevan Nidhi Tiwari

Jeevan Nidhi Tiwari Lives in Kanpur, Uttar Pradesh, India

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#कविता #Hindi #agni  हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है,

जीवन की हर इक कविता,
हर भोर सूर्य की शुचिता,
हाथों पर ऊषा से,
तुरपी गई है,

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है,

तुम दुख कहो मैं आंसू,
दुर्भाग्य की कहो मैं हंस दूं,
सुवर्ण सपनों वाली सीढ़ी,
मुर्दों की गढ़ी हुई है,

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है,

जो फूलों के रखवाले,
खुशबू को बेचने वाले,
हर डाल पे फूल सजाए,
पर डाली कटी हुई है,

हां लिखी हुई है,
हां लिखी हुई है।

                       जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari

#agni #Hindi

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#HeartfeltMessage #कविता #nojotohindi  बड़ा गहरा था ग़म तुम्हारे जाने का,
मैं गया था समंदर से पूछने तुम इतने गहरे क्यूं हो,
तुम्हें भी किसी ने छोड़ा है क्या,
सैकड़ों , हजारों लहरे लिपटी हुई थी समंदर से कुछ गीत गुनगुनाते हुए,
इन लहरों के पार तुम्हें दिखेगा,
गहरा शांत समंदर किसी के गम में डूबा हुआ।
                                JD
#कविता #nojatoquotes #nojatohindi #ShamBhiKoi #nojolove  

                                                              अरे! सुनती हो, सुनो मेरी जाना,




तुम्हारा पीछे से आकर, मुझसे लिपट जाना,
बर्फ़ीले पहाड़ों की सुबह, और सूरज का निकल आना।
            जीवननिधि

 💕

अरे! सुनती हो, सुनो मेरी जाना! तुम्हारा पीछे से आकर, मुझसे लिपट जाना, बर्फ़ीले पहाड़ों की सुबह, और सूरज का निकल आना। जीवननिधि ©Jeevan Nidhi Tiwari

#hindi_poetry #Hindi #urdu  अरे! सुनती हो, सुनो मेरी जाना! तुम्हारा पीछे से आकर, मुझसे लिपट जाना,
बर्फ़ीले पहाड़ों की सुबह, और सूरज का निकल आना।
            जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari

Alone घर के बड़े लड़के पिता से कुछ ही कम, पर लगभग उतने ही कठोर ह्रदय होते हैं, पिता की चप्पल पांव में फिट होते ही, एक अनकही जिम्मेदारी रख लेते हैं, अपने नाजुक कन्धों पर, लगभग किशोरावस्था से ही तलाशते हैं जरिया, कि पिता का बोझ हल्का कर सकें, और खो देते हैं अपना बचपन, बीस वर्ष की आयु में बयालिस सी बातें करते हैं, और दृढ़ करते हैं कुसंगति में न पड़ने का, पर उनकी ये जिम्मेदारी असहज हो जाती है, जब वे प्रेम करते हैं गैर-जाति की लड़की से, समूचे कुल की चिंता, पूरे वंश का सम्मान, सब मिट्टी हो जाएगा, अब ये विचार इन्हें खा जाएगा, समाज में नशा-पाती छोटी कुसंगति है, और थोड़ा बहुत नशा तो मर्द की निशानी, पर सबसे बड़ी कुसंगति प्रेम को माना गया है, वह भी गैर-जाति राम-राम-राम राम, हां सच में, घर के बड़े लड़के उतने बड़े नहीं होते, जितना उन्हें समझा जाता है, पर हां पिता से कुछ ही कम, पर उतने ही कठोर ह्रदय होते हैं, घर के बड़े लड़के। जीवननिधि ©Jeevan Nidhi Tiwari

#कविता #hindi_poetry #urdushayari #nojohindi #Hindi  Alone  घर के बड़े लड़के
पिता से कुछ ही कम,
पर लगभग उतने ही कठोर ह्रदय होते हैं,

पिता की चप्पल पांव में फिट होते ही,
एक अनकही जिम्मेदारी रख लेते हैं,
अपने नाजुक कन्धों पर,

लगभग किशोरावस्था से ही तलाशते हैं जरिया,
कि पिता का बोझ हल्का कर सकें,
और खो देते हैं अपना बचपन,

बीस वर्ष की आयु में बयालिस सी बातें करते हैं,
और दृढ़ करते हैं कुसंगति में न पड़ने का,
पर उनकी ये जिम्मेदारी असहज हो जाती है,
जब वे प्रेम करते हैं गैर-जाति की लड़की से,

समूचे कुल की चिंता,
पूरे वंश का सम्मान,
सब मिट्टी हो जाएगा,
अब ये विचार इन्हें खा जाएगा,

समाज में नशा-पाती छोटी कुसंगति है,
और थोड़ा बहुत नशा तो मर्द की निशानी,
पर सबसे बड़ी कुसंगति प्रेम को माना गया है,
वह भी गैर-जाति राम-राम-राम राम,

हां सच में,
घर के बड़े लड़के उतने बड़े नहीं होते,
जितना उन्हें समझा जाता है,

पर हां पिता से कुछ ही कम,
पर उतने ही कठोर ह्रदय होते हैं,
घर के बड़े लड़के।
                        जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari

इश्क़, मुहब्बत, प्यार, ख़ुदाई, दुनिया सोंचे क्या कहना है, मेरी आँखों में जो भी सपने, जब पूंछो बस 'तुम' कहना है। जीवननिधि ©Jeevan Nidhi Tiwari

#शायरी #shayri #ishq  इश्क़, मुहब्बत, प्यार, ख़ुदाई,
दुनिया सोंचे क्या कहना है,
मेरी आँखों में जो भी सपने,
जब पूंछो बस 'तुम' कहना है।
                             जीवननिधि

©Jeevan Nidhi Tiwari

#ishq #shayri

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