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और हमे भी ©Brajmohan Singhadiya
Brajmohan Singhadiya
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तू छोड़ दें कोशिशें.. इंसानों को पहचानने की...! यहाँ ज़रूरतों के हिसाब से.. सब बदलते नक़ाब हैं ....! अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर .. हर शख़्स कहता है “ज़माना बड़ा ख़राब है।”
3 Love
किसी ने पूछा कि “उम्र”और “ज़िंदगी” में क्या फ़र्क है? बहुत सुन्दर जवाब..... जो अपनों के बिना बीती वो “उम्र” और जो अपनों के साथ बीती वो “ज़िंदगी”.....
11 Love
इतनी बदसलूकी ना कर, ऐ ज़िंदगी... हम कौनसा यहाँ बार बार आने वाले है.... :)
12 Love
चल ज़िंदगी नई शुरूआत करते हैं, जो उम्मीद दूसरों से की थी, वो अब ख़ुद से करते हैं...
16 Love
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