साथ क्या होता है
तुम्हारे साथ रहता है तुम्हारे दर्द सहता है
तुम्हे महसूस करता है तुम्हे पाकर भी खोता है
उससे पूछो साथ क्या होता है
साँझ में किसी को दर्द में देखा हो
या खुद को ही अंदर को समेटा हो
किसी के घाव पे मरहम लगाई हो
उसकी लाख दुआएँ पाईं हो
गिरते समय किसी ने संभाला हो
अक्सर ये तो सब के साथ ही होता है
अब बताओ साथ क्या होता है
अनेकान्त आदित्य
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