~~【{◆◆बिखरे बिखरे◆◆}】~~
मिलती ना मोहब्बत यहां अपने ही द्वार,
कोसों दूर हो रहे सगे रिश्तों से परिवार,
सहता नही कोई फूलों को अपने आँगन,
बिन पानी रोते यहां वृद्ध माँ के आँचल।
बदलता है दौर बदल रहे हैं ये आशियाने,
~~【{◆◆राहे दिल◆◆}】~~
वो कहती रही मैं सुनाता रहा,
रंग इश्क़ का उसे बताता रहा,
राहे दिल की गलियां तंग यार,
पल पल उसे मैं ये चेताता रहा।
करी है मोहब्बत दिल के पार,
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here