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मै एक पहाड़ी हू उत्तराखंड राज्य से विलोम करता हू ऊचा हिमालय नीला आसमान मै पहाड़ी पहाड़ मेरी जान
"अपने दिल मैं कैदी बना दो तुम मुझे मैं हर गुनाह स्वीकार कर लूँगा प्यार की हथकड़ी बाँध देना तुम मुझे मैं तुम्हारे साथ हंसते चले आऊंगा अपने दिल में कैद कर देना तुम मुझे मैं तुम्हारे प्यार का मुज़रिम बन जाऊँगा" ©Ganga Singh Negi Gangadhar
Ganga Singh Negi Gangadhar
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Monday, 1 May | 11:53 am
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“मेघ पर तेरा नाम का एक ख़त लिखू सात रंगों से रंगा वो पत्र लिखू कड़क ना जाए बिजली ख़त बिखरे नहीं ये पत्र बिना पढ़े तुम से दूर उड़े नहीं प्रेम की क्या भाषा दू अपनी क्या अभिलाषा दू सूरज दादा कहीं उग ना जाए मेरा ख़त कहीं सुख ना जाए मेघ कहीं बरस ना जाए मेरा पत्र कहीं मिट ना जाए" ©Ganga Singh Negi Gangadhar
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