ईमानदारी के लिए किसी छाप वेशभूषा या श्रृंगार की जरूरत नहीं होती, सादगी अपनाए।
282 Love
दुनिया की हर प्रेम परेशानी आपकी हिम्मत के आगे घुटने टेक देती है ।
338 Love
दूसरों को जानना ज्ञान है, स्वयं को जानना आत्मज्ञान है
339 Love
तेरे हाथ की काश मैं वो लकीर बन जाऊं, काश मैं तेरा मुक़द्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं, मैं तुम्हें इतना चाहूँ कि तुम भूल जाओ हर रिश्ता, सिर्फ मैं ही तुम्हारे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं, तुम आँखें बंद करो तो आऊं मैं ही नज़र, इस तरह मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ताबीर बन जाऊं.
383 Love
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