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madhu Tripathi

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गलती अहिल्या की नही थी फिर भी सदियों पाषाण थी वो, गलती सिर्फ राधा की नहीं थी फिर भी आंसुओं को बांध ली थी वो, गलती सीता की नहीं थी फिर भी अग्निपरीक्षा और परितज्यता से गुजरी थी वो, और हम सब यह देखते रहें बुत बने सत्य को आंखे मूंद कब तक चलेगा यही सब कब तक .......??? ©madhu Tripathi

#विचार #HeartBreak  गलती अहिल्या की नही थी
फिर भी सदियों पाषाण थी वो,
गलती सिर्फ राधा की नहीं थी
फिर भी आंसुओं को बांध ली थी वो,
गलती सीता की नहीं थी
फिर भी अग्निपरीक्षा और
परितज्यता से गुजरी थी वो,
और हम सब यह देखते रहें
बुत बने सत्य को आंखे मूंद 
कब तक चलेगा यही सब
कब तक .......???

©madhu Tripathi

#HeartBreak

10 Love

जैसे सूखे फूल की पंखुड़िया डायरी के पन्नो के बीच छिप के अपनी अमिट खुशबू से मुझे यादों की झुरमुटो से गुजार अतीत के लम्हों में ले जा तेरे पास लिए जाती है, वैसे ही एक एक सांस अपनी तेरे नाम कर के ––, चुप चाप तुझे प्यार करती हू तेरी खुशबू हर सांस के साथ खुदमें जीवन सा भरती जा रही हूं.. ©madhu Tripathi

#Butterfly  जैसे सूखे फूल की पंखुड़िया
डायरी के पन्नो के बीच छिप के
अपनी अमिट खुशबू से मुझे
यादों की झुरमुटो से गुजार
अतीत के लम्हों में ले जा
तेरे पास लिए जाती है,
वैसे ही एक एक सांस अपनी
तेरे नाम कर के ––,
चुप चाप तुझे प्यार करती हू
तेरी खुशबू हर सांस के साथ
खुदमें जीवन सा भरती जा रही हूं..

©madhu Tripathi

#Butterfly

10 Love

नहीं चाहिए मुझे मोक्ष मुझे तो चाहिए तेरा साथ इस जीवन से लेकर उस अनंत जीवन तक मृत्यू के बाद भी तेरे साथ का आस रहेगा मुझमें और.... जब तक है अस्तित्व इस संसार का और जब तक है अस्तित्व प्रेम का❤️❤️ ©madhu Tripathi

#findyourself  नहीं चाहिए मुझे मोक्ष
मुझे तो चाहिए तेरा साथ
इस जीवन से लेकर
उस अनंत जीवन तक
मृत्यू के बाद भी तेरे साथ
का आस रहेगा मुझमें
और....
जब तक है अस्तित्व
इस संसार का और
जब तक है अस्तित्व
प्रेम का❤️❤️

©madhu Tripathi

मोक्ष #findyourself

9 Love

बेटियां परियां होती है सिर्फ किताबों में ऐसे बसती हैं ये सिर्फ कहानियों में और सपनो में, वास्तव में हम बेटियां बड़ी अहसानफरोश होती है जो अपनी जरूरतें कभी खामोशी से कभी जिद्द से, तो कभी छिप कर पूरा कर लेती है, मां बाप का कलेजा फट रहा होता है और हम अपनी शादी के सपनो में खोई रहती है, प्यार के धागों से भविष्य का स्वेटर उधेरती बुनती रहती है , हम बेटियां बड़ी बेवफा होती है मां बाप के जरूरत पर उन्हें ढाढस बंधा बस अपने जिंदगी में खोई रहती हैं, कभी बस मां या बाप का यूंही ख़्याल रखने हम मायके नही जाती है, हम बेटियां खुद की जाल में उलझी अपनी ही जिंदगी में मशगूल रहती है। मधुमिता ©madhu Tripathi

#findyourself #betiya  बेटियां परियां होती है
सिर्फ किताबों में
ऐसे बसती हैं ये सिर्फ
कहानियों में और सपनो में,
वास्तव में हम बेटियां
बड़ी अहसानफरोश होती है
जो अपनी जरूरतें 
कभी खामोशी से
कभी जिद्द से, तो
कभी छिप कर पूरा कर लेती है,
मां बाप का कलेजा फट रहा होता है
और हम अपनी शादी के सपनो
में खोई रहती है,
प्यार के धागों से भविष्य का 
स्वेटर उधेरती बुनती रहती है ,
हम बेटियां बड़ी बेवफा होती है
मां बाप के जरूरत पर
उन्हें ढाढस बंधा बस
अपने जिंदगी में खोई रहती हैं,
कभी बस मां या बाप का 
यूंही ख़्याल रखने
हम मायके नही जाती है,
हम बेटियां खुद की जाल में उलझी
अपनी ही जिंदगी में 
मशगूल रहती है।

मधुमिता

©madhu Tripathi

बेटियां परियां होती है सिर्फ किताबों में ऐसे बसती हैं ये सिर्फ कहानियों में और सपनो में, वास्तव में हम बेटियां बड़ी अहसानफरोश होती है जो अपनी जरूरतें कभी खामोशी से कभी जिद्द से, तो कभी छिप कर पूरा कर लेती है, मां बाप का कलेजा फट रहा होता है और हम अपनी शादी के सपनो में खोई रहती है, प्यार के धागों से भविष्य का स्वेटर उधेरती बुनती रहती है , हम बेटियां बड़ी बेवफा होती है मां बाप के जरूरत पर उन्हें ढाढस बंधा बस अपने जिंदगी में खोई रहती हैं, कभी बस मां या बाप का यूंही ख़्याल रखने हम मायके नही जाती है, हम बेटियां खुद की जाल में उलझी अपनी ही जिंदगी में मशगूल रहती है। मधुमिता ©madhu Tripathi

#findyourself #betiya  बेटियां परियां होती है
सिर्फ किताबों में
ऐसे बसती हैं ये सिर्फ
कहानियों में और सपनो में,
वास्तव में हम बेटियां
बड़ी अहसानफरोश होती है
जो अपनी जरूरतें 
कभी खामोशी से
कभी जिद्द से, तो
कभी छिप कर पूरा कर लेती है,
मां बाप का कलेजा फट रहा होता है
और हम अपनी शादी के सपनो
में खोई रहती है,
प्यार के धागों से भविष्य का 
स्वेटर उधेरती बुनती रहती है ,
हम बेटियां बड़ी बेवफा होती है
मां बाप के जरूरत पर
उन्हें ढाढस बंधा बस
अपने जिंदगी में खोई रहती हैं,
कभी बस मां या बाप का 
यूंही ख़्याल रखने
हम मायके नही जाती है,
हम बेटियां खुद की जाल में उलझी
अपनी ही जिंदगी में 
मशगूल रहती है।

मधुमिता

©madhu Tripathi

पूछती हूं खुद से खुद से उलझती भी हूं खुद से मिले जवाबो से तर्क करती भी हूं पर समुचित जवाब मिला नहीं मेरे विचलित मन के कटीले सवालों के बेचैन भी रहती हू खुद में ठहरी रहती हैं आंखों में खामोशी और लबों पर हंसी भी रखती हूं बहुत सवाल है मन में जिन्हें ना किसी से कह पाती हूं ना जुबां पर ला पाती हूं बस....खुद से ही उलझती रहती हूं ©madhu Tripathi

 पूछती हूं खुद से खुद से उलझती भी हूं
खुद से मिले जवाबो से तर्क करती भी हूं
पर समुचित जवाब मिला नहीं
मेरे विचलित मन के कटीले सवालों के
बेचैन भी रहती हू खुद में
ठहरी रहती हैं आंखों में खामोशी
और लबों पर हंसी भी रखती हूं
बहुत सवाल है मन में
जिन्हें ना किसी से कह पाती हूं
ना जुबां पर ला पाती हूं
बस....खुद से ही उलझती रहती हूं

©madhu Tripathi

पूछती हूं खुद से खुद से उलझती भी हूं खुद से मिले जवाबो से तर्क करती भी हूं पर समुचित जवाब मिला नहीं मेरे विचलित मन के कटीले सवालों के बेचैन भी रहती हू खुद में ठहरी रहती हैं आंखों में खामोशी और लबों पर हंसी भी रखती हूं बहुत सवाल है मन में जिन्हें ना किसी से कह पाती हूं ना जुबां पर ला पाती हूं बस....खुद से ही उलझती रहती हूं ©madhu Tripathi

14 Love

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