बेटियां परियां होती है
सिर्फ किताबों में
ऐसे बसती हैं ये सिर्फ
कहानियों में और सपनो में,
वास्तव में हम बेटियां
बड़ी अहसानफरोश होती है
जो अपनी जरूरतें
कभी खामोशी से
कभी जिद्द से, तो
कभी छिप कर पूरा कर लेती है,
मां बाप का कलेजा फट रहा होता है
और हम अपनी शादी के सपनो
में खोई रहती है,
प्यार के धागों से भविष्य का
स्वेटर उधेरती बुनती रहती है ,
हम बेटियां बड़ी बेवफा होती है
मां बाप के जरूरत पर
उन्हें ढाढस बंधा बस
अपने जिंदगी में खोई रहती हैं,
कभी बस मां या बाप का
यूंही ख़्याल रखने
हम मायके नही जाती है,
हम बेटियां खुद की जाल में उलझी
अपनी ही जिंदगी में
मशगूल रहती है।
मधुमिता
©madhu Tripathi
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