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गुज़ार दोगे तुम कई हफ्ते कई महीने कई साल,
जो ना गुज़ार पाओगे वो एक पल का अहसास मैं हूँ,
कई मर्तबा की होंगी गुफ़्तगू गेरो से तुमने,
मगर जो दिल पर लगी होंगी बाते वो बाते मैं हूँ,
महफ़िलो मे अकेला ज़ब तुम खुद को पाओगे,
करोगे याद जिस सख्श को, वो सख्श मै हूँ,
गुज़ार तो लोगे हसीन पलो को किसी के भी साथ,
लेकिन जो भुला ना पाओगे, वो याद मैं हूँ,
गुज़ार दोगे तुम कई हफ्ते कई महीने कई साल,
जो ना गुज़ार पाओगे वो एक पल का अहसास मैं हूँ,
Sonuसिन्हा_
©Sonu sinha
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