स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
आतंकित थे लोग सभी अंग्रेजों वाले बंधन से
धरती बेहद विचलित थी चीख पुकार और कृन्दन से
उठे वीर तब लाज बचाने भारत माँ के आँचल की
आज़ादी की आग जलाई अपने खूँ के ईंधन से
क्या लिखूँ मैं
सोचने की कोशिश में हूँ
क्या लिख दूँ सच में सब ख़्याल
जो हलचल मचाते हैं
क्या लिख दूँ वो सारे जज़्बात
जो धड़कन बढ़ाते हैं
कुछ रिश्तों के बनने बिगड़ने
के किस्से भी तो हैं
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