अलफ़ाज़ है मगर उसमे जज़्बात नहीं है
तेरे मेरे बीच में, रिश्ते अब खास नहीं है
सन्नाटो में, बीते कल की कही गूँजे है
सन्नाटे अब पहले की तरह चुप चाप नहीं है
मिलावटी चीजों का बाजार लगा है
इश्क़ भी यहाँ अब पाक नहीं है
ज़िंदगी भर की मस्सकत लग जाती है
कफ़न को खरीदना आसान बात नहीं है
तन्हाई तन्हाईयो से नहीं शिकायत हमें
वो भी लाज़मी है ज़िंदगी के लिए
बस इतनी सी इल्तजा है
तन्हाई से
के वो तनहा ही आया करे
यु उनकी यादों को साथ लाके
हमे रुलाया ना करें
#तन्हाई
तन्हाईयो से नहीं शिकायत हमें
वो भी लाज़मी है ज़िंदगी के लिए
बस इतनी सी इल्तजा है
तन्हाई से
के वो तनहा ही आया करे
यु उनकी यादों को साथ लाके
हमे रुलाया ना करें
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न जाने किस हुनर को
शायरी कहते हो तुम
हम तो वो लिखते है
जो तुमसे कह नहीं पाते
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