मैं नारी हूँ अबला नहीं , शक्ति हूँ
मीरा सा निष्कपट प्रेम मुझमे
पन्ना सा बलिदान है.....
पद्मनी सा आत्मसम्मान मुझमें
कल्पना सी मुझमें उड़ान हैं....
मैरीकॉम सा जूनून मुझमें
मदर टेरेसा सा मातृ भाव हैं...
अबला नहीँ ,शक्ति हूँ
इस जग की पहचान हूँ....
इस सृष्टि की सबसे सुंदर रचना
विधाता को भी मुझ पर अभिमान है....
नारी शक्ति को कोटि कोटि नमन ।
©कुँवर की कलम से....✍
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