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जब से तुम गए उदासी घर कर गयी
क्या तोहफा देता, इस ईद पे तुम्हें जो मेरा दिल था, वो तो संभाल नही पाई ©Niyaz siddiqui
Niyaz siddiqui
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कैसा ये इश्क़ तेरा~ पनाह से दूर रखकर भी हमेशा बेपनाही रखा न अपना कह सके हमको न परायों में हमें रखा ©Niyaz siddiqui
6 Love
उठती नहीं है आँखे किसी और की तरफ पाबंद कर गयी है किसी की नजर मुझे❤️❤️ ©Niyaz siddiqui
4 Love
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ये कह के उसने छुरी मार दी दबाकर आंख ये ज़ख़्म और ज़ियाद: खिलेगा खुलते ही ©Niyaz siddiqui
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